चंडीगढ़: प्रशासन पिछले कई सालों से यह प्रयास कर रहा है कि चंडीगढ़ में परंपरागत बिजली की जगह रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल किया जाए. जिसके चलते चंडीगढ़ की लगभग सभी सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर पैनल लगा दिए गए हैं. ताकि उन इमारतों में बिजली के तौर पर सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाए. इस मकसद में चंडीगढ़ प्रशासन कामयाब हुआ है. लेकिन अब प्रशासन ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए आम लोगों के लिए भी योजनाएं बनानी शुरू कर दी है.
चंडीगढ़ प्रशासन पिछले काफी समय से लोगों के लिए यह आदेश जारी करता रहा है कि लोग भी अपने घरों पर सोलर पैनल लगवाएं. इसका मकसद ये है कि परंपरागत बिजली की खपत को कम किया जा सके. कुछ लोगों ने अपने घरों पर पैनल लगवा भी लिया लेकिन जितनी बड़ी संख्या में यह आंकड़े होने चाहिए थे वह नहीं हुए. इसीलिए चंडीगढ़ प्रशासन अब एक नई योजना लेकर आ रहा है जिसके तहत लोगों के घरों में मुफ्त में सोलर पैनल लगाए जाएंगे. आखिर यह योजना कैसे काम करेगी और इस योजना के तहत प्रशासन किस तरह से सफल होगा. इसके बारे में ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ पर्यावरण विभाग के निदेशक देवेंद्र दलाई से खास बातचीत की.
कंपनी खुद लगायेगी पैनल- बातचीत में देवेंद्र जलाई ने बताया की इस योजना के लिए हम कई कंपनियों से संपर्क कर रहे हैं. योजना के तहत लोगों के घरों की छत पर सोलर पैनल बनाने वाली कंपनियां अपने पैनल लगाएंगी और सारा खर्चा कंपनी खुद करेगी. सौर पैनल लगाने के लिए जो सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाती है वो सब्सिडी कंपनी को दी जाएगी. जिससे पैनल का रेट कम हो जाएगा.
कितना होगा बिजली का रेट- इसके बाद घर के मालिक को उस सौर पैनल से बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी. इस बिजली का रेट 3.50 रुपए प्रति यूनिट होगा. जो परंपरागत बिजली के रेट से काफी कम है. चंडीगढ़ में परंपरागत बिजली का रेट 5 से 6 रुपये प्रति युनिट तक आता है. घर का मालिक सौर पैनल द्वारा उत्पन्न जितनी बिजली का इस्तेमाल करेगा वो 3.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल अदा करेगा.
इतने साल बाद ग्राहक का हो जायेगा पैनल- ग्राहक सोलर पैनल से इस्तेमाल की गई बिजली का जो बिल अदा करेगा वो सीधे कंपनी के खाते में जायेगा. सौर पैनल से पैदा हुई बिजली ग्रेड में जाएगी और उसका पैसा भी सरकार की ओर से कंपनी को दिया जाएगा. इस तरह से कंपनी ने पैनल लगाने में जो खर्चा किया है उसे कुछ ही सालों में पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद वह पैनल पूरी तरह से मकान मालिक का हो जाएगा. जिसके बाद उसे कोई बिल अदा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वह मुफ्त में पैनल की बिजली का इस्तेमाल कर सकता है. इतना ही नहीं जो कंपनी छत पर पैनल लगाएगी अगले 15 साल के लिए वही कंपनी उसकी देखभाल भी करेगी.
देवेंद्र दलाई ने बताया की जो व्यक्ति अपनी छत पर 5 या उससे ज्यादा मेगा वाट का पैनल लगवाना चाहता है वही इस स्कीम का लाभ उठा पाएगा. हमारी कोशिश है कि चंडीगढ़ में एक कनाल से बड़े सभी घरों में इस योजना के तहत सोलर पैनल लगा दिए जाएं. सोलर पैनल की जितनी भी कीमत होगी उस पर सरकार की ओर से 30 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जा रही है. सब्सिडी के लिए कोई शर्त नहीं है. अगर वह 5 मेगावाट से ज्यादा का सोलर पैनल कंपनी के माध्यम से लग जाता है तब यह सब्सिडी कंपनी को दी जाएगी. क्योंकि पैनल लगाने के लिए खर्चा कंपनी की ओर से किया जा रहा है.