चंडीगढ़: हरियाणा में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा 30 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की विभिन्न परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि रोहतक में 19.55 करोड़ रुपये की लागत से एक यूएचटी टेट्रा पैक प्लांट स्थापित किया जा रहा है. इस संबंध में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का आग्रह किया गया है.
इसके अलावा राज्यभर में समितियों को 9.60 करोड़ रुपये की लागत से बल्क मिल्क कूलर प्रदान किए जाएंगे. इससे दूध की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ राज्य के लोगों के लिए बेहतर गुणवत्ता वाले दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट 2020-21 के अपने भाषण के दौरान की थी.
लॉकडाउन के दौरान किसानों की सुविधा के लिए किए गए प्रयासों का विवरण देते हुए कौशल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कारोबार बंद करने के कारण अधिशेष दूध की खरीद डेयरी सहकारी समितियों के माध्यम से करने का निर्णय लिया है. प्रसंघ ने राज्यभर में अधिशेष दूध को स्वीकार किया. जिसके फलस्वरुप गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 24 मार्च से 31 मई 2020 के दौरान दूध की खरीद में 59.18 प्रतिशत की वृद्धि हुई और बिक्री घटकर 22.65 प्रतिशत रह गई.
उन्होंने कहा कि नवीनतम प्रौद्योगिकी और तीन से पांच लाख लीटर प्रति दिन (एलपीडी) की क्षमता वाला एक नया दुग्ध संयंत्र दक्षिणी हरियाणा में स्थापित करने का प्रस्ताव था. ये संयंत्र राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को कवर करेगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड इस संबंध में एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा और संयंत्र की स्थापना के लिए भूमि की तलाश की जा रही है.
कौशल ने कहा कि हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ लिमिटेड राज्य में डेयरी किसानों को उनके दूध के लिए उच्चतम दर देकर उनके हितों की रक्षा करने और प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उपभोक्ताओं को दूध एवं दुग्ध उत्पादों को बेचने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. प्रसंघ ये भी सुनिश्चित करता है कि दुग्ध उत्पादों के उत्पादन, प्रसंस्करण और पैकेजिंग में उच्च गुणवत्ता मानकों का पालन किया जाए. उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ किए गए एक समझौते के तहत प्रसंघ ‘मुख्यमंत्री दुध उपहार योजना’ जिसका शुभारम्भ मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि पूरक पोषाहार प्रोग्राम के तहत एक सप्ताह में छह दिन आंगनवाड़ी केंद्रों में एक से छह वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को फोर्टीफाइड मीठा फ्लेवर्ड स्किम्ड मिल्क पाउडर की आपूर्ति करेगा. इस योजना के तहत प्रसंघ सालाना लगभग 5800 मीट्रिक टन दूध पाउडर की आपूर्ति करेगा. उन्होंने कहा कि इस मास में 600 मीट्रिक टन फोर्टीफाइड मिल्क पाउडर की मांग है. जिसकी आपूर्ति शुरू की जा चुकी है.
उन्होंने कहा कि प्रसंघ प्राथमिक शिक्षा विभाग को मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों को सप्ताह में तीन दिन दूध उपलब्ध करवाने के लिए मीठे फ्लेवर्ड स्किम्ड मिल्क पाउडर की आपूर्ति भी कर रहा है और हाल ही में इन तीन दिनों को बढ़ाकर छह दिन कर दिया गया था.उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान स्कूलों के बंद रहने के दौरान राज्य सरकार ने विद्यार्थियों को सूखा राशन देने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि मई और जून मास के लिए 500-500 ग्राम के पैक में लगभग 600 मीट्रिक टन मीठे फ्लेवर्ड स्किम्ड मिल्क पाउडर की आपूर्ति की गई. इसके अतिरिक्त दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के दुग्ध उत्पादक सदस्यों को 1 अप्रैल 2020 से गाय और भैंस दोनों के दूध के लिए 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जा रही है. जो 30 सितंबर 2020 तक जारी रहेगी.
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राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना’ के तहत इस प्रयोजन के लिए 31.80 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है. प्रसंघ में राज्य में सहकारी दुग्ध उत्पादकों के कल्याणार्थ दुग्ध उत्पादकों की बेटियों के विवाह के लिए कन्यादान योजना, दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के दुग्ध उत्पादकों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना और प्राथमिक दुग्ध सहकारी समितियों के दुग्ध उत्पादकों के लिए समूह व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर योजना भी लागू की है.