चंडीगढ़: पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की अधीनस्थ अदालतों में अनुशासनहीनता और लापरवाही के मामले में लगातार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से कार्रवाई की जा रही है. अनुशासनहीनता और लापरवाही के मामले में कार्रवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गुरुवार को पहली बार एक साथ 16 जजों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है.
इससे पहले भी हाईकोर्ट अधीनस्थ अदालतों के जजों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लेता रहा है. जिन 16 जजों पर कार्रवाई की गई उनमें जम्मू कश्मीर के कठुआ सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले की सुनवाई करने वाले पंजाब कैडर के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज तेजविंदर सिंह का नाम भी शामिल है.
ये फैसला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और अन्य जजों की ओर से लिया गया. साथ ही दो एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज वेदपाल गुप्ता और राजेंद्र गोयल को कंपलसरी रिटायर करने का फैसला लिया गया है.
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साथ ही प्रोबेशन पीरियड में काम कर रहे पंजाब कैडर के दो जुडिशल अफसरों अभिनव सेखों और नाजमीन सिंह से काम वापस लेने का फैसला लिया है. इसके अलावा दो सब जज तनवीर सिंह और प्रदीप सिंघल की सेवाएं सस्पेंड करने का फैसला हाईकोर्ट ने लिया है.
हाईकोर्ट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब कई सारे निरीक्षण अधिकारियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की गई है जहां हाईकोर्ट ने साफ किया है कि किसी भी तरह से अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
हाईकोर्ट का ये फैसला प्रशासनिक स्तर पर लिया गया है. जिन जजों के खिलाफ कार्रवाई पूरी कर ली गई है वे इसे न्यायिक स्तर को चुनौती दे सकते हैं. जिनके खिलाफ कार्रवाई विचाराधीन है उन्हें हाईकोर्ट के अंतरिम फैसले का इंतजार करना होगा. कंपलसरी रिटायरमेंट को न्यायिक स्तर पर चुनौती दी जा सकती है, जबकि नियमित जांच के अंतिम फैसले तक इंतजार करना होगा.
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