चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में 26 ड्रग इंस्पेक्टर, ड्रग कंट्रोल अफसर की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने ये आदेश पलवल निवासी कृष्ण कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है. साथ ही हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रविशंकर झा पर आधारित बेंच ने हरियाणा सरकार और हरियाणा लोक सेवा आयोग को 4 नवंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
याचिकाकर्ता के वकील केशव प्रताप सिंह ने बेंच को बताया कि हरियाणा में 26 ड्रग इंस्पेक्टर की भर्ती के लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग ने 3 अक्टूबर 2019 को एक लिखित परीक्षा का आयोजन किया था. 12 दिसंबर 2019 को लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया था. उसके बाद आयोग ने 3 जून 2020 को दूसरे स्तर पर परिणाम घोषित कर सफल उम्मीदवारों को स्क्रीनिंग टेस्ट और दस्तावेजों की जांच के लिए बुलाया था.
याचिकाकर्ता को 7 जुलाई को आयोग की तरफ से एक पत्र मिला है जिसमें कहा गया कि याची के पास अनुभव नहीं है. इसलिए उसका आवेदन अमान्य किया जाता है. इसके खिलाफ याची ने आयोग के सामने मांगपत्र देकर विरोध भी जताया है, लेकिन उसकी मांग स्वीकार नहीं की गई. हाईकोर्ट को बताया गया कि ड्रग इंस्पेक्टर, ड्रग कंट्रोल अफसर की भर्ती के लिए केंद्र सरकार के नियम के अनुसार केवल बी फार्मा की डिग्री जरूरी है.
अगर ड्रग इंस्पेक्टर, ड्रग कंट्रोल अफसर दवा उत्पादन की इंस्पेक्शन का काम करता है तो 18 महीने का अनुभव जरूरी है, लेकिन हरियाणा सरकार ने केंद्रीय नियमों की अनदेखी कर राज्य में ड्रग इंस्पेक्टर ड्रग कंट्रोल अफसर की भर्ती के लिए अनुभव को एक जरूरी योग्यता कर दिया, जो केंद्रीय एक्ट के नियम 49 के खिलाफ है.
याची ने साल 2013 में बी फार्मा और 2015 में एम फार्मा की डिग्री हासिल कर ली थी. याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद चीफ जस्टिस पर आधारित बेंच ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सभी प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है.
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