चंडीगढ़: सोमवार को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab Haryana High court) ने राम रहीम की असली-नकली वाली याचिका पर सुनवाई की. हाई कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है. सुनवाई के दौरान पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया और याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई. उधर हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि प्रशासन की तरफ से राम रहीम को पूरी सुरक्षा दी गई है. ऐसा नहीं हो सकता ही उसे अगवा किया जाए. इन सभी दलीलों को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने राम रहीम की असली-नकली वाली याचिका को खारिज कर दिया.
हाई कोर्ट की याचिकाकर्ता को फटकार: हाई कोर्ट की तरफ से कहा गया कि ये कोई फिल्म नहीं चल रही है. हाई कोर्ट ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए नहीं है. लगता है आपने कोई फिक्शनल मूवी देखी है. हाई कोर्ट ने वकील से पूछा कि पैरोल पर आया राम रहीम गायब कैसे हो गया? हाई कोर्ट की तरफ ये कहा गया कि याचिका (ram rahim real fake petition) दाखिल करते वक्त दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए.
क्या था याचिका में दावा? दरअसल चंडीगढ़, पंचकूला और अंबाला के कुछ डेरा समर्थकों ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें शक जताया था कि उत्तर प्रदेश के बागपत आश्रम में राम रहीम का बहुरूपिया है. जिसके हाव-भाव उनके असली गुरु राम रहीम जैसे नहीं हैं. बता दें राम रहीम 17 जून को पैरोल पर रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आए हैं और वो बागपत के आश्रम में रह रहे हैं. ऐसे में उनके कुछ समर्थक ये दावा कर रहे हैं कि बागपत के आश्रम में जो राम रहीम हैं वो नकली हैं.
राम रहीम को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले अशोक कुमार ने कहा कि हम याचिका खारिज होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. उन्होंने कहा कि हम अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. क्योंकि हमें पूरा यकीन है कि बाबा राम रहीम को बदल दिया गया है और इस वक्त बागपत के आश्रम में जो राम रहीम है. वो नकली और डुप्लीकेट है. वो असली राम रहीम नहीं है. क्योंकि उसके हाव-भाव असली वाले राम रहीम से अलग हैं.
डेरा सच्चा सौदा के वकील जितेंद्र खुराना ने इस मामले को लेकर कहा कि इस तरीके की याचिका लगाकर डेरा सच्चा सौदा को बदनाम करने की कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि ये जो लोग हैं. ऐसी याचिका लगाकर डेरा सच्चा सौदा के अन्य मामलों को भी प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता अगर इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे तो भी हम इस मामले को देख लेंगे.
हनीप्रीत की तरफ से पेश हुए वकील कनिका आहूजा ने सुनवाई के बाद कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई है और कहा है कि बिना किसी आधार के याचिका दाखिल की गई है. कोर्ट ने ये भी कहा कि इस प्रकार की याचिकाओं को जुर्माना लगाकर खारिज किया जाना चाहिए. कनिका आहूजा ने कहा इस प्रकार की एक याचिका पहले भी लगाई जा चुकी हैं और मौजूदा एक याचिकाकर्ता पहले लगाई गई याचिका में भी शामिल रहा है. कनिका आहूजा ने कहा इस मामले में हरियाणा सरकार ने भी कहा है कि राम रहीम को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पैरोल पर बाहर ले जाया गया था. लिहाजा ह्यूमन क्लोन बनाए जाने की कोई संभावना ही नहीं है.