चंडीगढ़: पीजीआई में मरीजों का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. साल दर साल पीजीआई में आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है. हर साल यहां लाखों मरीज आते हैं. ऐसे में इन सभी मरीजों का इलाज करना पीजीआई के लिए मुश्किल होता जा रहा है.
पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगत राम का कहना है कि हरियाणा और पंजाब में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर नहीं है. अगर इन राज्यों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होती तो चंडीगढ़ पीजीआई में मरीजों की भीड़ ना होती.
300 बेड का नया अस्पताल बनाया
हालांकि मरीजों की संख्या से निपटने के लिए पीजीआई ने कई तरह की नई परियोजनाएं भी शुरू की है लेकिन इससे मरीजों का बोझ कम होता नहीं दिख रहा. चंडीगढ़ पीजीआई की ओर से 300 बेड का नया अस्पताल बना दिया गया है जिसमें 10 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर भी बनाए गए हैं ताकि ऑपरेशन में कोई दिक्कत ना आए और ज्यादा मरीजों को भर्ती भी किया जा सके.
सारंगपुर में भी बनेगा एक नया अस्पताल
इसके अलावा पीजीआई सारंगपुर में भी एक नया अस्पताल बनाने जा रहा है. वहीं पीजीआई ने संगरूर और हिमाचल के ऊना में भी एक सैटेलाइट सेंटर स्थापित कर दिया है जिन पर काम जारी है.
चंडीगढ़ पीजीआई पंजाब के फिरोजपुर में भी एक सैटेलाइट सेंटर स्थापित करने जा रहा है जिसका मकसद है कि चंडीगढ़ आने वाले मरीजों की संख्या को कम किया जा सके. लेकिन इन सबके बावजूद चंडीगढ़ आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
पीजीआई हर सुविधा देने के लिए तैयार
पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगतराम ने कहा कि पीजीआई अपनी तरफ से मरीजों को सुविधाएं मुहैया कराने और उनकी संख्या कम करने की भरपूर कोशिश कर रहा है इसीलिए चंडीगढ़ पीजीआई ने अस्पताल बनाने का फैसला किया है. कई अस्पताल शुरू भी हो चुके हैं लेकिन इसके बावजूद चंडीगढ़ पीजीआई आने वाले मरीजों की संख्या कम नहीं हो पा रही है.
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लाखों मरीज आते हैं चंडीगढ़ पीजीआई
चंडीगढ़ पीजीआई में हर साल पंजाब से करीब 10 लाख, हरियाणा से करीब 6 लाख और हिमाचल से 4 लाख से ज्यादा मरीज आते हैं जबकि 5 लाख से ज्यादा मरीज चंडीगढ़ से आते हैं. इसके अलावा अन्य राज्यों से भी लाखों की संख्या में मरीज चंडीगढ़ पहुंचते हैं. ऐसे में चंडीगढ़ पीजीआई में काम कर रहे डॉक्टरों पर दबाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि इतने सारे मरीजों की देखभाल करना बेहद मुश्किल काम है.
मरीजों की बढ़ती संख्या के लिए पड़ोसी राज्य जिम्मेदार
प्रोफेसर जगतराम ने कहा कि इसके लिए साफतौर पर पड़ोसी राज्य जिम्मेदार हैं क्योंकि पड़ोसी राज्यों में स्वास्थ्य सेवाएं पीजीआई के समान बेहतर नहीं है. इस वजह से मरीजों को अपने राज्य से चंडीगढ़ पीजीआई आना पड़ता है.
राज्य सरकार दें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
अगर हरियाणा, पंजाब में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होगीं तो मरीजों को चंडीगढ़ पीजीआई नहीं आना पड़ेगा. चंडीगढ़ पीजीआई में मरीज कम करने का यही रास्ता है कि राज्य सरकार अपनी स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दें और वहां के अस्पतालों को पीजीआई की तरह बेहतर अस्पताल बनाएं. तभी चंडीगढ़ आने वाले मरीजों की संख्या में कमी लाई जा सकेगी.
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