चंडीगढ़: सिरसा डेरे के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह हत्याकांड (Ranjit Singh Murder Case) मामले में आज पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में सुनवाई होगी. इससे पहले हाईकोर्ट ने पंचकूला सीबीआई कोर्ट (Panchkula CBI Court) पर इस केस का फैसले देने की रोक लगा रखी है. दरअसल रंजीत सिंह के बेटे ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की हुई है. जिसमें सीबीआई जज (CBI Judge) पर सवाल खड़े किए गए हैं.
इस याचिका में जज को बदलने की मांग की गई है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई से जज के बारे में कमेंट्स मांगे थे. पिछली सुनवाई पर जज ने अपने कमेंट भेजे भी थे. साथ ही सीबीआई ने अपने वकील के बारे में भी एफिडेविट दाखिल किया था.
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आपको बता दें कि रंजीत सिंह मर्डर केस में गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है. पिछली सुनवाई के दौरान आरोपी अवतार, जसवीर और सबदिल कोर्ट में मौजूद थे और बचाव पक्ष के वकील ने फाइनल बहस के सभी दस्तावेज CBI कोर्ट में जमा किए. कोर्ट ने CBI से इस पर बहस करने के लिए पूछा, लेकिन जांच एजेंसी ने बहस नहीं की. सीबीआई कोर्ट ने 26 अगस्त तक मामला सुरक्षित रखा था. लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 27 अगस्त तक के लिए इस केस के फैसले पर रोक लगा दी थी. ये रोक अब तक जारी है.
जानिए क्या है पूरा मामला: रंजीत हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम का पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह ने राम रहीम पर हत्या के आरोप लगाए थे. खट्टा सिंह ने कोर्ट में बयान दिया था कि डेरा प्रमुख को लगता था कि साध्वियों के यौन शोषण के पत्र जगह-जगह भेजने के पीछे डेरा मैनेजर रंजीत सिंह का ही हाथ था. खट्टा सिंह ने कहा था, 'रंजीत ने साध्वियों की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी, इसलिए गुरमीत राम रहीम ने मेरे सामने 16 जून 2002 को सिरसा डेरे में उसको मारने के आदेश दिए थे, जिसके बाद रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2003 को हत्या की गई थी.' फिलहाल गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में 2 साध्वियों के यौन शोषण के मामले में 20 साल की सजा व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है.
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