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जानें सीएम मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला का कैसा रहा अब तक सफर... - कपड़े की दुकान चलाते थे मनोहर लाल

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला का क्या अब तक का सफर कैसा रहा जानिए.

political journey of manohar lal and dushyant chautala
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Published : Oct 27, 2019, 1:05 PM IST

चंडीगढ़: बीजेपी ने जेजेपी से गठजोड़ कर प्रदेश में सरकार बना ली. मनोहर लाल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और दुष्यंत चौटाला आज उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन दोनों नेताओं का अब तक का सफर कैसा रहा जानते हैं.

सीएम मनोहर लाल का अब तक का सफर
मनोहर लाल खट्टर का जन्म निंदाना गांव में 1954 में हुआ था. उनके दादा भगवान दास खट्टर बंटवारे के वक्त पाकिस्तान से आए थे. बंटवारे के बाद भारत आने के बाद उनके दादा और पिता हरबंसलाल खट्टर को शुरूआती दिनों में मजदूरी करनी पड़ी. बाद में उन्होंने गांव में ही एक दुकान खोली. इसके बाद उनके पिता पड़ोस के बनियानी गांव में आ गए. जमीन ली और खेती करने लगे. यहां से मनोहर लाल ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की.

10वीं कक्षा में पढ़ते हुए खट्टर बेचते थे सब्जी
खट्टर जब 10वीं कक्षा में थे तो वो रोजाना साइकिल पर सब्जी लेकर रोहतक मंडी आते और फिर वहां से गांव लौटकर स्कूल जाते. हाईस्कूल के बाद खट्टर डॉक्टरी की पढ़ाई करना चाहते थे, पर पिता चाहते थे कि वो खेती या फिर बिजनेस करें. लेकिन मनोहर लाल पिता की बात से सहमत नहीं हुए और दिल्ली अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए. यहां रहते-रहते उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई का मोह छोड़ दिया. वहां से दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और ग्रेजुएशन किया.

कभी कपड़े की दुकान चलाते थे मनोहर लाल
आजीविका के लिए रिश्तेदारों के कपड़े की दुकान पर काम सीखा और खुद की दुकान खोल ली. इसी दुकान की कमाई से उन्होंने बहन की शादी की और दो भाइयों को अपने पास बुला लिया. 1976 में इमरजेंसी के दौरान संघ से जुड़ गए और स्वयंसेवक बन गए. वो अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से इतने प्रभावित थे कि शादी न करने का मन बना लिया.

  • 1980 में प्रचारक बन गए
  • 1994 में उन्हें बीजेपी में भेजा गया
  • 2014 के चुनाव में करनाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा
  • करनाल से बड़ी जीत हासिल करने वाले मनोहर लाल को विधायक दल के नेता चुना गया और सीएम बने
  • 2019 में मनोहर लाल खट्टर को दोबारा विधायक दल का नेता चुना गया

दुष्यंत चौटाला का अब तक का सफर
3 अप्रैल 1988 को दुष्यंत चौटाला का जन्म हुआ. दुष्यंत चौटाला देवीलाल के पोते हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हिसार के हाईस्कूल से ली. इसके बाद हिमाचल प्रदेश से 10वीं की. आगे की पढ़ाई करने के लिए यूएसए चले गए. 2011 में वहां से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में बीएससी किया. 2013 में दुष्यंत के दादा ओपी चौटाला और पिता अजय चौटाला को कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा सुनाई. पिता और दादा का जेल जाना हुआ और यहीं से दुष्यंत का राजनीतिक सफर शुरू हुआ.

चाचा से विवाद
2014 लोकसभा चुनाव में इनेलो ने दुष्यंत को हिसार लोकसभा सीट से उतारा. वो कुलदीप बिश्नोई को चुनाव हराकर 26 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे. 18 अप्रैल 2017 को दुष्यंत ने आईजी परमजीत अहलावत की बेटी मेघना से शादी की. 2018 में चौटाला परिवार की कलह इतनी बढ़ी कि इनेलो ने दुष्यंत, दिग्विजय और अजय चौटाला को पार्टी से निकाल दिया. 9 दिसंबर 2018 को दुष्यंत ने जननायक जनता पार्टी की स्थापना की. 2019 लोकसभा चुनाव में दुष्यंत हिसार से खड़े हुए लेकिन हार गए. गठन के करीब 11 महीने बाद दुष्यंत की पार्टी 10 सीटें जीतने में कामयाब रही है.

चंडीगढ़: बीजेपी ने जेजेपी से गठजोड़ कर प्रदेश में सरकार बना ली. मनोहर लाल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और दुष्यंत चौटाला आज उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. लेकिन दोनों नेताओं का अब तक का सफर कैसा रहा जानते हैं.

सीएम मनोहर लाल का अब तक का सफर
मनोहर लाल खट्टर का जन्म निंदाना गांव में 1954 में हुआ था. उनके दादा भगवान दास खट्टर बंटवारे के वक्त पाकिस्तान से आए थे. बंटवारे के बाद भारत आने के बाद उनके दादा और पिता हरबंसलाल खट्टर को शुरूआती दिनों में मजदूरी करनी पड़ी. बाद में उन्होंने गांव में ही एक दुकान खोली. इसके बाद उनके पिता पड़ोस के बनियानी गांव में आ गए. जमीन ली और खेती करने लगे. यहां से मनोहर लाल ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी की.

10वीं कक्षा में पढ़ते हुए खट्टर बेचते थे सब्जी
खट्टर जब 10वीं कक्षा में थे तो वो रोजाना साइकिल पर सब्जी लेकर रोहतक मंडी आते और फिर वहां से गांव लौटकर स्कूल जाते. हाईस्कूल के बाद खट्टर डॉक्टरी की पढ़ाई करना चाहते थे, पर पिता चाहते थे कि वो खेती या फिर बिजनेस करें. लेकिन मनोहर लाल पिता की बात से सहमत नहीं हुए और दिल्ली अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए. यहां रहते-रहते उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई का मोह छोड़ दिया. वहां से दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और ग्रेजुएशन किया.

कभी कपड़े की दुकान चलाते थे मनोहर लाल
आजीविका के लिए रिश्तेदारों के कपड़े की दुकान पर काम सीखा और खुद की दुकान खोल ली. इसी दुकान की कमाई से उन्होंने बहन की शादी की और दो भाइयों को अपने पास बुला लिया. 1976 में इमरजेंसी के दौरान संघ से जुड़ गए और स्वयंसेवक बन गए. वो अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से इतने प्रभावित थे कि शादी न करने का मन बना लिया.

  • 1980 में प्रचारक बन गए
  • 1994 में उन्हें बीजेपी में भेजा गया
  • 2014 के चुनाव में करनाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा
  • करनाल से बड़ी जीत हासिल करने वाले मनोहर लाल को विधायक दल के नेता चुना गया और सीएम बने
  • 2019 में मनोहर लाल खट्टर को दोबारा विधायक दल का नेता चुना गया

दुष्यंत चौटाला का अब तक का सफर
3 अप्रैल 1988 को दुष्यंत चौटाला का जन्म हुआ. दुष्यंत चौटाला देवीलाल के पोते हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हिसार के हाईस्कूल से ली. इसके बाद हिमाचल प्रदेश से 10वीं की. आगे की पढ़ाई करने के लिए यूएसए चले गए. 2011 में वहां से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में बीएससी किया. 2013 में दुष्यंत के दादा ओपी चौटाला और पिता अजय चौटाला को कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा सुनाई. पिता और दादा का जेल जाना हुआ और यहीं से दुष्यंत का राजनीतिक सफर शुरू हुआ.

चाचा से विवाद
2014 लोकसभा चुनाव में इनेलो ने दुष्यंत को हिसार लोकसभा सीट से उतारा. वो कुलदीप बिश्नोई को चुनाव हराकर 26 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे. 18 अप्रैल 2017 को दुष्यंत ने आईजी परमजीत अहलावत की बेटी मेघना से शादी की. 2018 में चौटाला परिवार की कलह इतनी बढ़ी कि इनेलो ने दुष्यंत, दिग्विजय और अजय चौटाला को पार्टी से निकाल दिया. 9 दिसंबर 2018 को दुष्यंत ने जननायक जनता पार्टी की स्थापना की. 2019 लोकसभा चुनाव में दुष्यंत हिसार से खड़े हुए लेकिन हार गए. गठन के करीब 11 महीने बाद दुष्यंत की पार्टी 10 सीटें जीतने में कामयाब रही है.

Intro:अंबाला शहर से भाजपा प्रत्याशी असीम गोयल ने आजाद उम्मीदवार निर्मल सिंह को 8923 वोटों से मात दी है।


Body:असीम गोयल की जीत पर कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया और असीम गोयल का जोरदार स्वागत किया।


असीम गोयल इस मौके कहा की हालांकि वह नतीजे नहीं आए जिनकी वह उम्मीद कर रहे थे लेकिन यह चीज भाजपा के मेहनती कार्यकर्ताओं की जीत है और गद्दारों के मुंह पर एक कड़ा तमाचा है । असीम गोयल ने जननायक जनता पार्टी की जरूरत पर कहा इस बारे तो मुझसे अधिक परमात्मा जानते हैं लेकिन मुझे भरोसा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार एक बार फिर से प्रदेश में बनेगी।

बाइट असीम गोयल भाजपा विजय प्रत्याशी


Conclusion:
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