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हरियाणा में राइस मिलर्स की तीन स्तर पर होगी फिजिकल वेरिफिकेशन - haryana rice millers news

हरियाणा में अब राइस मिलर्स की तीन चरणों में फिजिकल वेरिफिकेशन की जाएगी. हरियाणा के खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास के अनुसार सरकार की नीति स्पष्ट है. जिन लोगों की फिजिकल वेरिफिकेशन में शॉर्टेज होगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

rice millers physical verification haryana
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Published : Dec 16, 2019, 9:02 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. दास ने बताया ने स्पष्ट कर दिया है कि 20 दिसम्बर से फाइनल फिजिकल वेरिफिकेशन शुरू किया जाएगा जिसके तहत सभी मीलों की थ्री लेवल चेकिंग होगी.

फर्स्ट लेवल चेकिंग जो कमेटी पिछले दिनों बनाई गई थी वो 100 प्रतिशत चेकिंग करेंगी. इसके साथ ही हेड क्वाटर से वो भी टीम गठित करेगे जो रेंडर बेस पर चेकिंग करेगी. वहीं जिला उपायुक्तों को भी कहा जायेगा की रेंडम चेकिंग के लिए खास टीम बनाएंगे.

हरियाणा में अब राइस मिलर्स की तीन चरणों में फिजिकल वेरिफिकेशन की जाएगी, अतिरिक्त मुख्यसचिव पीके दास ने दी जानकारी.

खास बात ये होगी की ड्रा सिस्टम के माध्यम से मील तय की जाएगी जहां पर चेकिंग होगी. पीके दास के अनुसार पहले शिकायत रहती थी कि पहले हमारी मील को चुना गया है या उनकी मील में नहीं गए. हेड क्वाटर से तय होगा की जिले की टीम किस दिन किस मील पर जाएगी. चेकिंग में 8 से 10 दिन लग सकते हैं.

ये भी पढ़िए: FASTag लागू होने के पहले ही दिन खेड़की दौला टोल पर लंबा जाम, कई घंटे तक फंसी रही गाड़ियां

उन्होंने कहा कि सरकार की नीति साफ है की जिन लोगों की फिजिकल वेरिफिकेशन में शॉर्टेज होगा उनके खिलाफ सभी कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी. सिविल लाइबिलिटी तो है साथ ही क्रिमिनल लाइबिलिटी भी बनता है उसको ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जाएगी.

ये होगा पैमाना
पीके दास ने बताया कि पहले राउंड की चेकिंग के दौरान चावल की सकल में भी स्ट्रोक था वो सभी हमारे लिए था या नहीं इसको लेकर भी काफी शंका थी. जिस तारीख से जीरी पहुंचना शुरू किया उस दिन के एक दिन बाद से ही मिलर्स अपना काम शुरू कर सकते थे.

ये भी पढ़िए- रेवाड़ीः कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे बच्चे, सरकारी स्कूल नहीं देते एडमिशन, लेकिन क्यों ?

मिलिंग की कैपेस्टी से ज्यादा चावल एक्सेप्ट करना संभव नहीं होगा. यानी अगर बाहर से चावल लिया गया है तो उसका भी स्पष्ट हो जाएगा. एफसीआई को चावल दे चुके हैं और जो उनके पास चावल है, मौके पर है, स्टॉक को मिलकार ऑफरिंग कैपेस्टी को ही माना जायेगा.

सीधा विभाग करेगा कार्रवाई
सीएम और डिप्टी सीएम को रोज जानकरी दी जाएगी. कार्रवाई क्या की जाएगी इसके बारे में नहीं पूछा जाएगा सीधा नियमों के मुताबिक कार्रवाई करके ही सूचित किया जायेगा यानी शॉर्टेज मिलने पर सीधी कार्रवाई करके ही सीएम और डिप्टी सीएम को बताया जायेगा.

गौरतलब है कि 8 से 10 दिनों में फिजिकल वेरिफिकेशन पूरी होगी. बॉडी कैमरों के साथ टीमें मीलों में जांच करेगी और स्टॉक को खंगालेगी. कैमरे की निगरानी में मिलर्स किसी पर बेवजह आरोप नहीं लगा पाएंगे. वहीं कर्मचारी अधिकारी भी अपनी ड्यूटी ईमानदारी और निष्ठा से करेंगे. फिलहाल विपक्ष के आरोपों ओर जिलों से शिकायत आने के बाद सरकार ने फिजिकल वेरिफिकेशन के आदेश दिए थे. अब 3 चरणों में एक समय में फिजिकल वेरिफिकेशन होगी.

ये भी पढ़िए: हिसारः सिवानी में भीषण सड़क हादसा, दो कारों पर पलटा टैंकर, 4 की मौत

चंडीगढ़: हरियाणा के खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. दास ने बताया ने स्पष्ट कर दिया है कि 20 दिसम्बर से फाइनल फिजिकल वेरिफिकेशन शुरू किया जाएगा जिसके तहत सभी मीलों की थ्री लेवल चेकिंग होगी.

फर्स्ट लेवल चेकिंग जो कमेटी पिछले दिनों बनाई गई थी वो 100 प्रतिशत चेकिंग करेंगी. इसके साथ ही हेड क्वाटर से वो भी टीम गठित करेगे जो रेंडर बेस पर चेकिंग करेगी. वहीं जिला उपायुक्तों को भी कहा जायेगा की रेंडम चेकिंग के लिए खास टीम बनाएंगे.

हरियाणा में अब राइस मिलर्स की तीन चरणों में फिजिकल वेरिफिकेशन की जाएगी, अतिरिक्त मुख्यसचिव पीके दास ने दी जानकारी.

खास बात ये होगी की ड्रा सिस्टम के माध्यम से मील तय की जाएगी जहां पर चेकिंग होगी. पीके दास के अनुसार पहले शिकायत रहती थी कि पहले हमारी मील को चुना गया है या उनकी मील में नहीं गए. हेड क्वाटर से तय होगा की जिले की टीम किस दिन किस मील पर जाएगी. चेकिंग में 8 से 10 दिन लग सकते हैं.

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उन्होंने कहा कि सरकार की नीति साफ है की जिन लोगों की फिजिकल वेरिफिकेशन में शॉर्टेज होगा उनके खिलाफ सभी कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी. सिविल लाइबिलिटी तो है साथ ही क्रिमिनल लाइबिलिटी भी बनता है उसको ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जाएगी.

ये होगा पैमाना
पीके दास ने बताया कि पहले राउंड की चेकिंग के दौरान चावल की सकल में भी स्ट्रोक था वो सभी हमारे लिए था या नहीं इसको लेकर भी काफी शंका थी. जिस तारीख से जीरी पहुंचना शुरू किया उस दिन के एक दिन बाद से ही मिलर्स अपना काम शुरू कर सकते थे.

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मिलिंग की कैपेस्टी से ज्यादा चावल एक्सेप्ट करना संभव नहीं होगा. यानी अगर बाहर से चावल लिया गया है तो उसका भी स्पष्ट हो जाएगा. एफसीआई को चावल दे चुके हैं और जो उनके पास चावल है, मौके पर है, स्टॉक को मिलकार ऑफरिंग कैपेस्टी को ही माना जायेगा.

सीधा विभाग करेगा कार्रवाई
सीएम और डिप्टी सीएम को रोज जानकरी दी जाएगी. कार्रवाई क्या की जाएगी इसके बारे में नहीं पूछा जाएगा सीधा नियमों के मुताबिक कार्रवाई करके ही सूचित किया जायेगा यानी शॉर्टेज मिलने पर सीधी कार्रवाई करके ही सीएम और डिप्टी सीएम को बताया जायेगा.

गौरतलब है कि 8 से 10 दिनों में फिजिकल वेरिफिकेशन पूरी होगी. बॉडी कैमरों के साथ टीमें मीलों में जांच करेगी और स्टॉक को खंगालेगी. कैमरे की निगरानी में मिलर्स किसी पर बेवजह आरोप नहीं लगा पाएंगे. वहीं कर्मचारी अधिकारी भी अपनी ड्यूटी ईमानदारी और निष्ठा से करेंगे. फिलहाल विपक्ष के आरोपों ओर जिलों से शिकायत आने के बाद सरकार ने फिजिकल वेरिफिकेशन के आदेश दिए थे. अब 3 चरणों में एक समय में फिजिकल वेरिफिकेशन होगी.

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Intro:एंकर -
हरियाणा में अब राइस मिलर्स के तीन चरणों में फिजिकल वेरिफिकेशन की जाएगी । हरियाणा के खाद्य , आपूर्ति एवं उपभोगता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्यसचिव पीके दास के अनुसार सरकार की नीति स्पष्ठ है , जिन लोगो की फिजिकल वेरिफिकेशन में शॉर्टेज होगा उनके खिलाफ सभी कानूनों के तहत कार्यवाही की जाएगी । सिविल लायबिलिटी तो है साथ ही क्रिमिनल लायबिलिटी भी बनता है उसको ध्यान में रखते हुए कार्यवाही की जाएगी । उन्होंने बताया कि फ़ाइनल वेरिफिकेशन होगा । पहली कमेंटी जिला लेवल पर विभिन्न विभागों पर गठित थी जो 100 प्रतिशत चेकिंग करेंगी , इसके इलावा अब हेड क्वाटर से वो एक कमेटी बनायेगे ओर जिला उपायुक्तों को भी कहा जायेगा की रेंडम चेकिंग के लिए ख़ास टीम बनाये । बाद में बनाई जाने वाली दोनों कमेटियां सभी मिलो पर नहीं जायेगे रेंडम मिल में जायेंगे बड़े या पर्सेंटेज कमी पाया गया था । इसके साथ ही पहली कमेटी की वेरिफिकेशन देखा जायेगा की जो पहली टीम ने जो वेरिफिकेशन किया वो हमारे वेरिफिकेशन से मिलता है या नहीं । मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को रोज रिपोर्ट दी लेकिन कार्यवाही क्या की जाएगी कार्यवाही करके ही सूचित किया जायेगा । खास बात ये होगी कि फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए मुख्यालय से ड्रा के आधार पर मिलों का चुनाव किया जाएगा । Body:-
हरियाणा के खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी. के. दास ने बताया ने स्पष्ठ कर दिया है कि 20 दिसम्बर से फाइनल फिजिकल वेरिफिकेशन शुरू किया जाएगा । जिसके तहत सभी मीलों की थ्री लेवल चेकिंग होगी , फ़ास्ट लेवल चेकिंग जो कमेटी पिछले दिनों बनाई गई थी वो 100 प्रतिशत चेकिंग करेंगी । इसके साथ ही हेड क्वाटर से वो भी टीम गठित करेगे जो रेंडर बेस पर चेकिंग करेगी , वहीं जिला उपायुक्तों को भी कहा जायेगा की रेंडम चेकिंग के लिए ख़ास टीम बनायेगे । ख़ास बात ये होगी की ड्रा सिस्टम के माध्यम से मील तय की जाएगी जहां पर चेकिंग होगी । पीके दास के अनुसार पहले शिकायत रहती थी की पहले हमारी मील को चुना गया है या उनकी मील में नहीं गए , हेड क्वाटर से तय होगा की जिले की टीम किस दिन किस मील पर जाएगी , चेकिंग में 8 से 10 दिन लग सकते है ।
बाइट - पी. के. दास , खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
वीओ -
इस तरह से होगी कार्यवाही -

उन्होंने कहा कि सरकार की निति साफ़ है की जिन लोगो की फिजिकल वेरिफिकेशन में शॉर्टेज होगा उनके खिलाफ सभी कानूनों के तहत कार्यवाही की जाएगी ।सिविल लाइबिलिटी तो है साथ ही क्रिमिनल लाइबिलिटी भी बनता है उसको ध्यान में रखते हुए कार्यवाही की जाएगी । सिविल लाइबिलिटी के अनुसार जिन्होंने हमारा समान लिया था हमारा समान मिल नहीं रहा है , उसका पैसा रिकवर करना जो मिलर्स से या जामिन है उनसे भी ले सकते ये सिविल लाइबिलिटी है ।
अगर पाया जाता है की क्रिमिनल लाइबिलिटी के अनुसार अगर जीरी खरीदी ही नहीं और हमें गलत कागज दिखाए की कर लिया है , जीरी के पैसे की हमने पेमेंट कर दी है उसके तहत क्रिमिनल कार्यवाही की जाएगी ।

पीके दास ने बताया की जीरी लिया था और हमारी जीरी किसी और को दे दिया है या जीरी ख़रीदा नहीं और ख़रीदा हुआ दिखाया था वो भी क्रिमिनल लाइबिलिटी बनती है ।
ये होगा पैमाना -

पीके दास ने बताया की पहले राउंड की चेकिंग के दौरान चावल की सकल में भी स्ट्रोक था , वो सभी हमारे लिए था या नहीं इसको लेकर भी काफी शंका थी। जिस तारीख से जीरी पहुंचना शुरू किया उस दिन के एक दिन बाद से ही मिलर्स अपना काम शुरू कर सकते थे , मिलिंग की कैपेस्टी से जयदा चावल एक्सेप्ट करना संभव नहीं होगा । यानी अगर बाहर से चावल लिया गया है तो उसका भी स्पष्ठ हो जाएगा । एफसीआई को चावल दे चुके है और जो उनके पास चावल है मौके पर है स्टॉक को मिलकार ऑफरिंग कैपेस्टी को ही माना जायेगा ।

सीधी विभाग करेगा कार्यवाही

सीएम और डिप्टी सीएम को रोज जनकरी दी जाएगी , कार्यवाही क्या की जाएगी इसके बारे में नही पूछा जाएगा सीधा नियमों के मुताबिक कार्यवाही करके ही सूचित किया जायेगा । यानी शॉर्टेज मिलने पर सीधी कार्यवाही करके ही सीएम और डिप्टी सीएम को बताया जायेगा । Conclusion:गौरतलब है कि 8 से 10 दिनों में फिजिकल वेरिफिकेशन पूरी होगी जबकि 20 से फाइनल वेरिफिकेशन शुरू होगी । वहिं बॉडी कैमरे के साथ टीमें मीलों में जांच करेगी और स्टॉक को खंगालेगी । कैमरे की निगरानी में मिलर्स किसी पर बेवजह आरोप नही लगा पाएंगे वहिं कर्मचारी अधिकारी भी अपनी ड्यूटी ईमानदारी और निष्ठ से करेंगे । फिलहाल विपक्ष के आरोपो ओर जिलों से शिकायत आने के बाद सरकार ने फिजिकल वेरिफिकेशन के आदेश दिए थे । अब 3 चरणों मे एक समय मे फिजिकल वेरिफिकेशन होगी ।

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