चंडीगढ़ः 22 जनवरी 2013 के दिन की सुबह-सुबह दिल्ली के रोहिणी कोर्ट के बाहर माहौल तनावपूर्ण था क्योंकि हरियाणा के एक बड़े नेता को भ्रष्टाचार के केस में दोषी पाया गया था और इस दिन उसे सजा सुनाई जानी थी. उस वक्त हरियाणा के मुख्यमंत्री हुआ करते थे भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) और जिस नेता को सजा सुनाई जानी थी वो पूर्व मुख्यमंत्री थे, नाम था ओमप्रकाश चौटाला. उस वक्त हरियाणा में इनेलो (inld) का जनाधार सबसे मजबूत माना जाता था और ओम प्रकाश चौटाला (op chautala) की फैन फॉलोइंग भी काफी थी.
यही वजह थी कि तड़के से ही उनके समर्थक दिल्ली पहुंचना शुरू हो गए थे और देखते ही देखते रोहिणी कोर्ट के बाहर जमावड़ा लग गया था. जब उन्हें सजा का ऐलान हुआ और बाहर खड़े उनके समर्थकों को पता लगा कि ओपी चौटाला को 10 साल की सजा सुना दी गई है तो लोग बेकाबू हो गए. कोर्ट के बाहर अफरा-तफरी सी मच गई, इसी माहौल के मद्देनजर पहले ही कोर्ट के सारे दरवाजे बंद कर दिए गए थे. यहां तक कि ओपी चौटाला के समर्थकों को कोर्ट परिसर से दूर ही रखा गया था बावजूद उसके वहां खूब हंगामा हुआ था. और पुलिस ने बमुश्किल उस पर काबू पाया था.
बहरहाल 22 जनवरी का दिन बीता और ओमप्रकाश चौटाला जो कभी हरियाणा के मुख्यमंत्री थे तिहाड़ जेल(tihar jail) पहुंच गए. वहां उन्हें जेल नंबर दो में रखा गया, और तिहाड़ में ही उनके साथ थे बड़े बेटे अजय चौटाला. उन्हें भी साथ में ही 10 साल की सजा सुनाई गई थी. दोनों बाप-बेटों को अब 10 साल जेल में ही बिताने थे, लिहाजा उन्होंने भी मान लिया कि अब 10 साल तक यही उनका घर है.
ओपी चौटाला ने जेल में रहकर की पढ़ाई
ओपी चौटाला पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के मंझले बेटे थे, उनके पिता की एक वक्त हरियाणा में तूती बोलती थी. लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि ओम प्रकाश चौटाला पढ़े लिखे नहीं थे. पर जब जेल में उन्हें वक्त मिला और करने को कुछ नहीं था तो उन्होंने पढ़ाई करने का फैसला किया. 2017 में एक खबर जेल से बाहर आई कि ओपी चौटाला ने 12वीं की परीक्षा जेल से ही पास की है, लेकिन बाद में पता चला कि 12वीं नहीं उन्होंने 10वीं की परीक्षाएं जेल में रहकर दी थीं जिसमें उन्हें 53.40 प्रतिशत अंक मिले और वो सेकेंड डिवीजन के साथ पास हो गए.
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बाकी दिन ओपी चौटाला ने जेल में क्या किया ?
ओपी चौटाला को तिहाड़ की जेल नंबर 2 में रखा गया था. जहां रहकर उन्होंने पढ़ाई की और उम्र के आखिरी पड़ाव पर 10वीं पास की. लेकिन इसके अलावा उन्होंने क्या किया, क्योंकि जेल में रहने वाले कैदियों को बाकायदा काम दिया जा जाता है. जिसके उन्हें कुछ पैसे भी मिलते हैं जो वो घर भी भेज सकते हैं और जेल कैंटीन से कुछ खरीदने पर भी खर्च कर सकते हैं. तो इसका जवाब है कि ओपी चौटाला ने जेल में रहकर ऐसा कुछ काम नहीं किया, क्योंकि वो एक राजनीतिक कैदी थे और उम्र भी उनकी काफी ज्यादा थी. इसीलिए उन्होंने अपने वक्त का उपयोग पढ़ाई में किया.
ओपी चौटाला की बैरक से मिला था मोबाइल
जून 2019 में तिहाड़ जेल प्रशासन ने ओपी चौटाला की बैरक से एक मोबाइल बरामद किया, आरोप लगा कि इसका इस्तेमाल ओपी चौटाला करते हैं. लेकिन उनकी बैरक में ही हत्या के मामले में सजा काट रहे एक अपराधी ने उस मोबाइल को अपना बताया और उसकी पूरी जिम्मदेरी खुद पर ले ली थी. हालांकि जेल प्रशासन ने इसके बाद भी जांच की बात कही थी लेकिन उसमें कुछ निकलकर नहीं आया.
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वक्त से पहले सजा कैसे हुई पूरी ?
शिक्षक भर्ती घोटाले(teacher recruitment scam) में 10 साल की सजा पाने वाले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला सजा पूरी होने से 6 महीने पहले रिहा कर दिए गए हैं. इसकी वजह है दिल्ली सरकार का एक फैसला जिसमें कहा गया था कि जिन कैदियों को 10 साल की सजा मिली हो और 6 महीने या उससे कम की सजा बाकी हो तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा. दिल्ली सरकार की यही छूट ओपी चौटाला के लिए भी फायदेमंद साबित हुई. लेकिन 83 साल के ओम प्रकाश चौटाला ने लगभग साढे 8 साल का वक्त तिहाड़ जेल में बिताया है. और पिछले सवाल साल से वो पैरोल पर चल रहे हैं.
अपने फार्म हाउस पर नौकरी बांटते थे चौटाला ?
ओपी चौटाला पर आरोप था कि उन्हें शिक्षकों की भर्ती में धांधली की है. उस वक्त वो मुख्यमंत्री थे, उन आरोप लगा था कि सिरसा के अपने फार्म हाउस पर अधिकारियों को बुलाकर शिक्षकों की शीट बदलवाई गई थी और ओपी चौटाला ने अपनी पसंद के नाम उसमें डाले थे. हालांकि ओपी चौटाला हमेशा ही इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं लेकिन वो ये जरूर कहते हैं कि अगर किसी को नौकरी देने के लिए उन्हें फिर जेल जाना पड़े तो वो तैयार हैं.
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