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नीति आयोग रिपोर्ट: निर्यात तैयारी सूचकांक की लैंडलॉक श्रेणी में नंबर 1 बना हरियाणा

नीति आयोग ने निर्यात तैयारी सूचकांक 2021 की रैकिंग जारी कर दी है. इस श्रेणी में औद्योगिक रुप से विकसित राज्यों को पीछे छोड़ते हुए ईपीआई चार्ट में 5वां स्थान हासिल किया है.

Niti ayog report 2021
निर्यात तैयारी सूचकांक की लैंडलॉक श्रेणी में नंबर 1 बना हरियाणा
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Published : Mar 29, 2022, 7:16 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा ने नीति आयोग के निर्यात तैयारी सूचकांक 2021 (ईपीआई) में लैंडलॉक श्रेणी के तहत पहला स्थान हासिल किया है. लैंडलॉक श्रेणी के तहत पहला स्थान हासिल करने के अलावा, हरियाणा ने देश के सभी राज्यों में ओवरऑल ईपीआई चार्ट में 58.20 अंक पाकर 5वां स्थान हासिल किया है. लैंडलॉक श्रेणी में हरियाणा के बाद दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश, तीसरे पर मध्यप्रदेश और चौथे स्थान पर पंजाब है. साल 2020 की तुलना में लैंडलॉक श्रेणी में हरियाणा तीसरे स्थान से शीर्ष पर पहुंचा है. यह रिपोर्ट हरियाणा सरकार द्वारा व्यापार, वाणिज्य, उद्योग और निर्यात के क्षेत्र में किए जा रहे अच्छे कार्यों का प्रमाण है.

हरियाणा सरकार राज्य में औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास और सुदृढ़ीकरण पर लगातार जोर दे रही है. नीति आयोग द्वारा 2020 में जारी रिपोर्ट में हरियाणा 7वें स्थान पर था. हरियाणा ने दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे औद्योगिक रूप से विकसित राज्यों को पीछे छोड़ते हुए ईपीआई चार्ट में 5वां स्थान पाया है. इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए, राज्य ने संस्थागत ढांचे, कारोबारी माहौल, परिवहन संपर्क, निर्यात विविधीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने में निरंतर वृद्धि दिखाई है. मुख्यमंत्री की सोच राज्य के सभी 22 जिलों को निर्यात में बेहतर बनाने और कम से कम एक अद्वितीय उत्पाद के निर्यात में विशेषज्ञता हासिल करने की है. उनके विजन में निर्यात इकाइयों की लागत प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए डिजाइन, प्रशिक्षण, परीक्षण और प्रमाणन केंद्र जैसी सामान्य सुविधाओं का निर्माण भी शामिल है.

Niti ayog report 2021
नीति आयोग के निर्यात तैयारी सूचकांक की लैंडलॉक श्रेणी.

निर्यात तैयारी सूचकांक (EPI) क्या है?- चुनौतियों और अवसरों की पहचान करना, सरकारी नीतियों की प्रभावशीलता को बढ़ाना तथा निर्यात के लिये एक सुविधाजनक नियामक ढांचे को प्रोत्साहित करना. सूचकांक में 4 स्तंभ- नीति, व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र, निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र, निर्यात प्रदर्शन और 11 उप-स्तंभ- निर्यात संवर्धन नीति, संस्थागत ढांचा, व्यापारिक वातावरण, आधारभूत संरचना, परिवहन कनेक्टिविटी, वित्त तक पहुंच, निर्यात अवसंरचना, व्यापार सहायता, आरएंडडी इंफ्रास्ट्रक्चर, निर्यात विविधीकरण और विकास अभिविन्यास और 60 संकेतक शामिल हैं. निर्यात तैयारी सूचकांक में 28 राज्य एवं 8 केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं. नीति आयोग हर साल इन्हीं के आधार पर रिपोर्ट पेश करता है.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम: बेसमेंट की खुदाई करते वक्त मिट्टी धंसने से दो मजदूर दबे, एक की मौत

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चंडीगढ़: हरियाणा ने नीति आयोग के निर्यात तैयारी सूचकांक 2021 (ईपीआई) में लैंडलॉक श्रेणी के तहत पहला स्थान हासिल किया है. लैंडलॉक श्रेणी के तहत पहला स्थान हासिल करने के अलावा, हरियाणा ने देश के सभी राज्यों में ओवरऑल ईपीआई चार्ट में 58.20 अंक पाकर 5वां स्थान हासिल किया है. लैंडलॉक श्रेणी में हरियाणा के बाद दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश, तीसरे पर मध्यप्रदेश और चौथे स्थान पर पंजाब है. साल 2020 की तुलना में लैंडलॉक श्रेणी में हरियाणा तीसरे स्थान से शीर्ष पर पहुंचा है. यह रिपोर्ट हरियाणा सरकार द्वारा व्यापार, वाणिज्य, उद्योग और निर्यात के क्षेत्र में किए जा रहे अच्छे कार्यों का प्रमाण है.

हरियाणा सरकार राज्य में औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास और सुदृढ़ीकरण पर लगातार जोर दे रही है. नीति आयोग द्वारा 2020 में जारी रिपोर्ट में हरियाणा 7वें स्थान पर था. हरियाणा ने दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे औद्योगिक रूप से विकसित राज्यों को पीछे छोड़ते हुए ईपीआई चार्ट में 5वां स्थान पाया है. इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए, राज्य ने संस्थागत ढांचे, कारोबारी माहौल, परिवहन संपर्क, निर्यात विविधीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने में निरंतर वृद्धि दिखाई है. मुख्यमंत्री की सोच राज्य के सभी 22 जिलों को निर्यात में बेहतर बनाने और कम से कम एक अद्वितीय उत्पाद के निर्यात में विशेषज्ञता हासिल करने की है. उनके विजन में निर्यात इकाइयों की लागत प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए डिजाइन, प्रशिक्षण, परीक्षण और प्रमाणन केंद्र जैसी सामान्य सुविधाओं का निर्माण भी शामिल है.

Niti ayog report 2021
नीति आयोग के निर्यात तैयारी सूचकांक की लैंडलॉक श्रेणी.

निर्यात तैयारी सूचकांक (EPI) क्या है?- चुनौतियों और अवसरों की पहचान करना, सरकारी नीतियों की प्रभावशीलता को बढ़ाना तथा निर्यात के लिये एक सुविधाजनक नियामक ढांचे को प्रोत्साहित करना. सूचकांक में 4 स्तंभ- नीति, व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र, निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र, निर्यात प्रदर्शन और 11 उप-स्तंभ- निर्यात संवर्धन नीति, संस्थागत ढांचा, व्यापारिक वातावरण, आधारभूत संरचना, परिवहन कनेक्टिविटी, वित्त तक पहुंच, निर्यात अवसंरचना, व्यापार सहायता, आरएंडडी इंफ्रास्ट्रक्चर, निर्यात विविधीकरण और विकास अभिविन्यास और 60 संकेतक शामिल हैं. निर्यात तैयारी सूचकांक में 28 राज्य एवं 8 केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं. नीति आयोग हर साल इन्हीं के आधार पर रिपोर्ट पेश करता है.

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