चंडीगढ़: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की तरफ से देश के अलग-अलग राज्यों का दौरा किया जा रहा है. इसी चरण में आयोग के चेयरमैन समेत सदस्य चंडीगढ़ पहुंचे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में आयोग की सदस्य सुधा यादव ने कहा कि अधिकारियों को आरक्षण की स्थिति की सही जानकारी नहीं है जिसके चलते योजनाओं का पूरा लाभ पिछड़ा वर्ग को नहीं मिल पा रहा है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि क्रीमी लेयर की सीमा को लेकर अधिकारियों में स्पष्टता नहीं है. पोस्ट मैट्रिक स्तर पर पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए हॉस्टल की सुविधा नहीं है और हरियाणा में पिछले 2 सालों से यह पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप नहीं मिली है. उन्हें बताया कि नवोदय विद्यालय में अब आरक्षण की व्यवस्था आयोग ने पहली बार करवाई है.
उन्होंने कहा कि हरियाणा में पिछड़ा वर्ग के छात्रों को पिछड़ा वर्ग का सर्टिफिकेट मिलने की दिक्कत आ रही है इसको दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले को लेकर उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है जिसको लेकर अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है. इसमें जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा. वहीं अधिकारियों को दिल्ली तलब करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कई आंकड़े पूरे नहीं दिए गए. अधिकारियों ने इस पर कहा कि अचानक बैठक बुलाई गई है और गणतंत्र दिवस समारोह के चलते वे व्यस्त थे. इसके बाद उन्हें 15 दिनों में दिल्ली पहुंचकर आंकड़ों सहित विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.
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राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्य पूर्व सांसद सुधा यादव ने कई राजनीतिक सवालों के जवाब भी दिए. हरियाणा में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ को लेकर दक्षिण हरियाणा में सामने आए लंच और डिनर डिप्लोमेसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में चर्चा, पर्चा और खर्चा चलता रहना चाहिए. जब कहीं बैठेंगे तो चर्चा होगी ओर चर्चा होगी तो पर्चे में छपेगी, छपेगी तो उसका अर्थ निकलेगा. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष में उनके नाम को लेकर भी चर्चाओं के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहले पार्टी ने बिना मांगे पूरा सम्मान दिया है. कभी वो पार्टी से कुछ मांगने नहीं गई. जिसे भी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी वो पूरी निष्ठा से उसे निभाएगा.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की बैठक में ये भी सामने आया कि क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर में जिला उपायुक्त तक अंतर नहीं समझ पाते. इस कारण भी 27 फीसदी आरक्षण लागू नहीं हो रहा है. पंजाब में ओवरऑल 10 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू है. हरियाणा में क्लास 3 और 4 वर्ग की नौकरी में 27 फीसदी आरक्षण मिल रहा है लेकिन क्लास वन और टू में नौकरी मिलने की दर 17 फीसदी है. दोनों राज्यों के अधिकारियों को अगले 15 दिन में ओबीसी आरक्षण को लेकर एक डिटेल रिपोर्ट के साथ दिल्ली मुख्यालय में तलब किया गया है.
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