चंडीगढ़: प्रदेश सरकार ने नरवाना के नगर परिषद पार्षद कृष्ण मोर को संस्पेंड कर दिया था. नरवाना के वार्ड-21 के पार्षद कृष्ण मोर पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने का आरोप है. आरोपी पार्षद ने अवैध तरीके से जमीन के गलत कागजात भी बनवा लिए थे.
निदेशक के आदेश को अतरिक्त मुख्यसचिव ने रखा जारी
इस मामले में पहले शहरी निकाय विभाग ने प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी. प्रशासन से कृष्ण मोर के खिलाफ रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने बीती 26 जून को कृष्ण मोर को सस्पेंड कर दिया था. वहीं अब शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतरिक्त मुख्यसचिव एसएन राय ने कृष्ण मोर को सस्पेंड के आदेश जारी किए हैं. इससे पहले स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक ने भी कृष्ण मोर को सस्पेंड के आदेश जारी किए थे.
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बता दें कि, कृष्ण मोर ने निदेशक के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद कृष्ण मोर को हाई कोर्ट ने राहत देते हुए मामले के लिए विभाग के एसीएम को अधीकृत किया था. आज इस मामले में स्थानीय निकाय विभाग के एसीएस ने कृष्ण मोर के सस्पेंड करने के निदेशक के आदेश को जारी रखा है. बताया जा रहा है कि कृष्ण मोर पर पहले भी फायरिंग और अवैध कब्जे के आरोप लग चुके हैं.
फरवरी में जेजेपी में शामिल हुआ था कृष्ण मोर
बता दें कि, कांग्रेस के समर्थन से चुनकर कृष्ण मोर पार्षद और नरवाना नगर परिषद का उप प्रधान बना था. फरवरी 2020 में कृष्ण मोर जेजेपी में शामिल हो गया था. जेजेपी ने उसे चेयरमैन पद के लिए उम्मीदवार भी बनाया था, हालांकि चेयरमैन पद पर चुनाव हो नहीं पाया.
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