चंडीगढ़: 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना आज से प्रदेश में लागू होने जा रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज इसकी शुरुआत फतेहाबाद और सिरसा जिले से करेंगे. जिसको लेकर मुख्यमंत्री खट्टर रतिया और सिरसा ब्लॉक के किसानों से इस योजना के विषय में संवाद करेंगे. सीएम खट्टर का कहना है कि भावी पीढ़ी के लिए जल बचाना हम सबका कर्तव्य है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ट्टवीट कर इसकी जानकारी दी.
हरियाणा राज्य सरकार जल संरक्षण के उद्देश्य से 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना की शुरुआत करने जा रही है. इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार पानी की अधिक खपत वाले धान के स्थान पर ऐसी फसलों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है. जिनमें पानी का इस्तेमाल कम हो.
हरियाणा सरकार का कहना है कि हरियाणा में जल-स्तर हर साल एक मीटर नीचे जा रहा है. धान में रोपाई से लेकर सिंचाई तक में पानी की खपत बहुत अधिक होती है. जिसको देखते हुए ‘मेरा पानी, मेरी विरासत’ योजना बनाई गई है.
बता दें कि इस योजना के लिए 19 ब्लॉक चुने गए हैं. जहां जलस्तर 40 मीटर से ज्यादा है. इनमें से 11 ब्लॉक ऐसे हैं. जहां धान की फसल नहीं होती है. वहीं 8 ब्लॉक रतिया, सीवान, गुहला, पीपली, शाहबाद, बबैन, ईस्माइलाबाद और सिरसा ऐसे हैं जहां भू-जल स्तर की गहराई 40 मीटर से ज्यादा है और धान की बिजाई होती है. जिसके चलते इन क्षेत्रों को इस योजना में शामिल किया गया है.
ये भी पढ़िए: सोनीपत शराब घोटाले की जांच कर रहे है डीएसपी जितेंद्र सिंह का तबादला
वहीं इस योजना को लेकर प्रदेशभर में किसानों का विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिल रहा है. किसानों का कहना है कि रतिया, सीवान, गुहला, पीपली, शाहबाद, बबैन, ईस्माइलाबाद और सिरसा में धान की फसल छोड़कर दूसरी फसलें कम ही हो पाती हैं. जिसके चलते उन्हें धान की फसल उगानी पड़ रही है.