चंडीगढ़: लॉकडाउन 4 के दौरान मिली छूट के चलते कई क्षेत्रों में काम शुरू हो गया है. मगर अभी भी कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनकी आजीविका अभी भी ठप पड़ी है. इन्हीं में से एक पंडित (ब्राह्मण) हैं. जिनका पूजा-पाठ समेत अन्य कार्य अभी भी शुरू नहीं हो पाए हैं.
लॉकडाउन के कारण करीब 2 महीने से मंदिर बंद हैं. लोगों के मंदिरों में आवाजाही पूरी तरह से बंद हैं, हालांकि मंदिरों में सुबह शाम के समय आरती जरूर हो रही है. मगर मंदिरों में पूजा-पाठ करने वाले पंडितों व ब्राह्मणों का संकट अभी जारी है.
श्रद्धालुओं की तरफ से पूजा पाठ नहीं करवाया जा रहा है. ऐसे में पंडितों को आजीविका कामना भी मुश्किल है. आमतौर पर होने वाला पूजा-पाठ, हवन, गृह प्रवेश, सत्यनारायण कथा, जागरण, शादियों के कार्य से रुक गए हैं. इन सब से पंडितों की आय होती थी.
पंडितों की पीड़ा
ऐसे ही कई पंडितों से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने बताया कि अब जजमान मंदिरों में माथा टेकने नहीं पहुंच रहे हैं ना ही पूजा-पाठ करवा रहे हैं. ऐसे में जजमानों के बिना आजीविका के सभी साधन ठप हो चुके हैं.
पंडितों ने बताया कि लॉकडाउन से लगातार उनका काम यूं ही ठप पड़ा है. लोग पूजा पाठ करवाने से दूरी बना रहे हैं. शादी विवाह के कार्यक्रम भी स्थगित हो गए हैं. मार्च के महीने में नवरात्र के दौरान भी पूजा-पाठ होते थे मगर ये सभी काम नहीं हो रहे हैं. पंडितों के अनुसार कुछ संस्था जरूर मदद के लिए सामने आ रही हैं जिससे घर चल रहा है जिस तरह के हालात हैं. ऐसे में घर चलना मुश्किल हो गया है.
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