चंडीगढ़: हरियाणा में विपक्षी पार्टियों ने पहले गेहूं की खरीद का मुद्दा उठाया तो अब उसकी पेमेंट को लेकर सरकार को घेर रही हैं. प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीद से पहले ही किसानों से वादा किया था कि उनकी फसल का भुगतान 72 घंटे के अंदर कर दिया जाएगा. लेकिन भुगतान नहीं होने से सरकार अब विपक्ष के निशाने पर है.
सुरजेवाला ने सरकार को घेरा
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करके मनोहर सरकार को घेरा. सुरजेवाला ने लिखा कि वादा था 24 घंटे में फसल की पेमेंट देने का. लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद भी किसानों को फसल का भुगतान नहीं हो पाया. ये केवल जींद नहीं, पूरे प्रदेश की कहानी है.
आढ़तियों से ब्याज वसूलेगी सरकार
प्रदेश सरकार गेहूं खरीद के 72 घंटे के अंदर किसानों के खातों में राशि न ट्रांसफर करने वाले आढ़तियों से 15 फीसदी ब्याज वसूलेगी. करीब 1.27 लाख किसानों को तय समय पर 2990 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध नहीं हो पाई है. जबकि आढ़तियों की ओर से 20 अप्रैल से एक जून तक खरीदे गए गेहूं में से 10416 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खातों में डाली गई थी. जिन आढ़तियों ने देरी से किसानों के खातों में राशि डाली है, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग अब उनसे 15 फीसदी ब्याज वसूलेगा.
'किसानों को मिलेगी ब्याज की राशि'
जो भी ब्याज होगा, वह संबंधित किसान के खाते में डाला जाएगा. ताकि किसान को अपनी फसल की राशि देरी से मिलने में होने वाले घाटे की पूर्ति की जा सके. जल्द ही विभाग की ओर से देरी से राशि किसानों को देने वाले आढ़तियों के लिए नेटिस भी जारी किया जाएगा. नोटिस की प्रक्रिया इसी सप्ताह शुरू हो सकती है. एक जून तक 3.79 लाख किसानों को ई-खरीद के जरिए 8770 करोड़ रुपए आढ़तियों ने दिए हैं, जबकि कनसेंट के जरिए 60 हजार किसानों को 1645 करोड़ रुपए दिए गए हैं.
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