चंडीगढ़: कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की अध्यक्षता में वॉर रूम मीटिंग हुई जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. इस दौरान ये ऐलान किया गया कि शहर में कर्फ्यू अब रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगा. इस दौरान ना तो कोई आवाजाही रहेगी और ना ही कोई गैदरिंग की इजाजत होगी. इसके साथ ही यहां स्थित सुखना लेक को भी शनिवार व रविवार बंद रखने का फैसला लिया गया है.
इसके अलावा एस्टेट ऑफिस, सब रजिस्ट्रार ऑफिस और आरएलए ऑफिस जहां कोरोना के कई मामले सामने आए हैं वो भी एक हफ्ते तक बंद रहेंगे. इन्हें 30 अप्रैल तक बंद रखने को कहा गया है. साथ ही शैक्षणिक संस्थान में केवल उन्हीं स्टूडेंट्स को रखने की इजाजत दी गई है जिन्हें फिलहाल कहीं भेजा नहीं जा सकता है. वहां रहने वाले सभी छात्रों और स्टाफ का टेस्ट कराना अनिवार्य होगा और ये सभी काम हेड ऑफ इंस्टीच्यूशन की देख-रेख में होगा.
वहीं, इंडस्ट्री को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी गई है, लेकिन साथ ही ये भी हिदायत दी गई है कि यहां कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जाए. इसके अलावा मार्केट, मॉल, रेलवे स्टेशन, आईएसबीटी जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर पुलिस की जिम्मेदारी होगी कि वे लोगों से कोविड प्रटोकॉल का पालन कराएं.
बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि म्यूजियम, लाइब्रेरी, स्पा पहले की ही तरह बंद रहेंगे. साथ ही शहर में पुलिस को पेट्रोलिंग बढ़ाने और प्रोटोकाल का पालन ना करने वालों के चालान काटने की हिदायत दी गई है. 100 या इससे अधिक आबादी वाली जगहों पर वैक्सीनेशन का स्पेशल कैंप लगाने का भी आदेश दिया गया है.
प्रशासक ने वॉर रूम मीटिंग में ऑक्सीजन की उपलब्धता के बारे जानकारी ली. उन्होंने दो अस्पतालों, जीएमसीएच-32 व जीएमएसएच 16 में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने पर संतुष्टि जताई. प्रशासक ने साथ ही हेल्थ डिपार्टमेंट को लाइफ सेविंग ड्रग्स की मॉनिटरिंग करने की हिदायत दी. इसकी ब्लैक मार्केटिंग पर भी नजर रखने को कहा.