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पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या मामले में सजा काट रहे जगतार सिंह को चाहिए जमानत - jagtar singh hawara bail

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में जेल काट रहे जगतार सिंह हवारा ने चंडीगढ़ में जमानत याचिका दायर की है. हवारा को जून 2005 में गिरफ्तार किया गया था, तब से वो जेल में बंद है.

beant singh murder case
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Published : Jan 14, 2021, 10:26 PM IST

चंडीगढ़ः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में तिहाड़ जेल में उम्र कैद काट रहे जगतार सिंह हवारा ने चंडीगढ़ जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की है. हवारा ने कहा है कि वे पिछले साढे 15 साल से जेल में है, इसलिए उसे जमानत दी जानी चाहिए. हवारा को जून 2005 में गिरफ्तार किया गया था तब से वह जेल में है. आज इस मामले में जिला अदालत में सुनवाई हुई जहां केस फाइल्स को पहली अदालतों के जजों को ट्रांसफर किया गया है कल यानि शुक्रवार को इस पर फिर से सुनवाई होगी.

हवारा ने क्यों लगाई जमानत याचिका ?

हवारा की जमानत याचिका लगाने की असली वजह ये है कि उसे दिल्ली तिहाड़ जेल अथॉरिटी से पैरोल हासिल करनी है. लेकिन वह पैरोल का हकदार तभी हो सकता है जब उसके खिलाफ चल रहे बाकी मामले या तो खत्म हो चुके हों या उनमें उसे जमानत मिल गई हो. याचिका में कहा गया है कि उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर हवारा के खिलाफ चल रही सभी मामलों की जानकारी मांगी थी. तब पता चला कि हवारा के खिलाफ दो मामले चंडीगढ़, एक सोहना और एक खरड़ में चल रहा है. चंडीगढ़ में जो केस चल रहे हैं वे 2005 में दर्ज किए गए थे इनका ट्रायल अभी पेंडिंग है फिर उनके लिए पहले इन दोनों में हवारा को जमानत लेनी होगी.

सचिवालय में मानव बम से हुई सीएम की हत्या

पंजाब में अलगाववाद को काबू रखने के लिए लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन लगा था. फिर 1992 में बेअंत सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली. बेअंत सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती अलगाववादियों से निपटना था और उन्होंने उस पर काफी सफलता भी पाई. लेकिन इसकी कीमत उन्हें जान देकर चुकानी पड़ी.

ये भी पढ़ेंः पानीपत: बेटी के घर लोहड़ी मानने गया था परिवार, चोरों ने लगा दी घर में सेंध

ऐसे हुई थी बेअंत सिंह की हत्या

तारीख थी 31 अगस्त 1995 मुख्यमंत्री बेअंत सिंह आम दिनों की तरह सचिवालय के अंदर अपनी कार में मौजूद थे. इसी दौरान मानव बम बनकर पहुंचे एक खालिस्तानी चरमपंथी ने खुद को उनकी कार के ऊपर उड़ा लिया. धमाका इतना तेज था कि दूर तक इसकी आवाज सुनाई दी. जब धुएं का गुबार शांत हुआ तो वहां आस-पास चारों तरफ खून और मांस के चीथड़े बिखरे पड़े थे. हमले में मुख्यमंत्री बेअंत सिंह मारे जा चुके थे. उनके साथ ही 17 अन्य लोगों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी. जिस शख्स ने खुद को मानव बम बनकर उड़ाया था वह पंजाब पुलिस का ही एक कर्मचारी था जिसका नाम दिलावर सिंह था.

चंडीगढ़ः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में तिहाड़ जेल में उम्र कैद काट रहे जगतार सिंह हवारा ने चंडीगढ़ जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की है. हवारा ने कहा है कि वे पिछले साढे 15 साल से जेल में है, इसलिए उसे जमानत दी जानी चाहिए. हवारा को जून 2005 में गिरफ्तार किया गया था तब से वह जेल में है. आज इस मामले में जिला अदालत में सुनवाई हुई जहां केस फाइल्स को पहली अदालतों के जजों को ट्रांसफर किया गया है कल यानि शुक्रवार को इस पर फिर से सुनवाई होगी.

हवारा ने क्यों लगाई जमानत याचिका ?

हवारा की जमानत याचिका लगाने की असली वजह ये है कि उसे दिल्ली तिहाड़ जेल अथॉरिटी से पैरोल हासिल करनी है. लेकिन वह पैरोल का हकदार तभी हो सकता है जब उसके खिलाफ चल रहे बाकी मामले या तो खत्म हो चुके हों या उनमें उसे जमानत मिल गई हो. याचिका में कहा गया है कि उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर हवारा के खिलाफ चल रही सभी मामलों की जानकारी मांगी थी. तब पता चला कि हवारा के खिलाफ दो मामले चंडीगढ़, एक सोहना और एक खरड़ में चल रहा है. चंडीगढ़ में जो केस चल रहे हैं वे 2005 में दर्ज किए गए थे इनका ट्रायल अभी पेंडिंग है फिर उनके लिए पहले इन दोनों में हवारा को जमानत लेनी होगी.

सचिवालय में मानव बम से हुई सीएम की हत्या

पंजाब में अलगाववाद को काबू रखने के लिए लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन लगा था. फिर 1992 में बेअंत सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली. बेअंत सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती अलगाववादियों से निपटना था और उन्होंने उस पर काफी सफलता भी पाई. लेकिन इसकी कीमत उन्हें जान देकर चुकानी पड़ी.

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ऐसे हुई थी बेअंत सिंह की हत्या

तारीख थी 31 अगस्त 1995 मुख्यमंत्री बेअंत सिंह आम दिनों की तरह सचिवालय के अंदर अपनी कार में मौजूद थे. इसी दौरान मानव बम बनकर पहुंचे एक खालिस्तानी चरमपंथी ने खुद को उनकी कार के ऊपर उड़ा लिया. धमाका इतना तेज था कि दूर तक इसकी आवाज सुनाई दी. जब धुएं का गुबार शांत हुआ तो वहां आस-पास चारों तरफ खून और मांस के चीथड़े बिखरे पड़े थे. हमले में मुख्यमंत्री बेअंत सिंह मारे जा चुके थे. उनके साथ ही 17 अन्य लोगों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी. जिस शख्स ने खुद को मानव बम बनकर उड़ाया था वह पंजाब पुलिस का ही एक कर्मचारी था जिसका नाम दिलावर सिंह था.

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