चंडीगढ़ः प्रदेश में चुनावी माहौल गर्म है और राजनेता अपनी-अपनी गोटी फिट करने में लगे हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. हरियाणा में अगर चुनावी इतिहास देखा जाए तो यहां केंद्र की सरकारों और देश के मिजाज़ पर बहुत कुछ निर्भर करता है. जो केंद्र में सरकार बनाता है उसी को हरियाणा भी अपना लेता है. अब तक के चुनावी इतिहास से तो यही लगता है. लेकिन इस बार क्या समीकरण हैं ? क्या अबकी बार कोई इतिहास बनेगा या फिर वही इतिहास कायम रहेगा. ये बड़ा सवाल है.
जो देश के दिल में वही हरियाणा के दिल में भी
हरियाणा का राजनीतिक इतिहास कहता है कि इस प्रदेश ने हमेशा देश के फैसले को ही अपना फैसला माना है. जब-जब केंद्र की सत्ता में बदलाव हुआ तब-तब हरियाणा की सत्ता भी बदली. मतलब जिसने देश जीता उसी ने हरियाणा भी जीता.
ये है देश और हरियाणा का इतिहास
- 1968 में केंद्र की सरकार थी तो हरियाणा में भी कांग्रेस की सरकार बनी.
- 1977 में केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी तो हरियाणा में भी जनता पार्टी की सरकार बनी.
- 1977 में मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने और हरियाणा के मुख्यमंत्री देवीलाल बने.
- 1980 में केंद्र में सत्ता बदल गई और कांग्रेस की सरकार बनी तो हरियाणा में बड़ा दलबदल हुआ.और भजनलाल ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बना दी.
- 1989-90 में केंद्र में उठापटक का दौर था. जनता दल की सरकार यहां लगभग दो साल चली. उस वक्त हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल की सरकार थी. लेकिन इस बीच में हरियाणा में भी उतनी ही उठापटक चल रही थी जितनी केंद्र में.
- 1991 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो हरियाणा में भी कांग्रेस की सरकार बनी.
- 1996 में केंद्र में सत्ता बदली. कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई तो हरियाणा में भी सत्ता बदल गई. और कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई.
- 1999 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी तो हरियाणा में बीजेपी के समर्थन से इनेलो की सरकार बनी.
- 2004 में केंद्र में सत्ता बदली और कांग्रेस की वापसी हुई तो 2005 में हरियाणा मे भी कांग्रेस की वापसी हो गई.
- इसके बाद केंद्र में 10 साल कांग्रेस की सरकार रही तो हरियाणा में भी कांग्रेस की सरकार रही.
- 2014 में केंद्र में पूर्ण बहुमत की बीजेपी की सरकार बनी तो हरियाणा में भी बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी.
- 2019 में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी है वो भी प्रचंड बहुमत की.
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इतिहास बनेगा या बरकरार रहेगा ?
हरियाणा में कोई भी पार्टी जीते लेकिन ये चुनाव इतिहास में दर्ज जरूर होगा क्योंकि अगर बीजेपी जीती तो ये इतिहास बरकरार रहेगा कि हरियाणा हमेशा केंद्र सरकार और देश के मिजाज़ के साथ जाता है. और अगर कांग्रेस या इनेलो जीती तो नया इतिहास बनेगा.