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तीनों 'लाल' की राजनीतिक विरासत को सहेजने में लगा परिवार, जानें किसके कितने वंशज पहुंचे चंडीगढ़ - lal family members elected in Haryana elections

तीनों लाल के परिवार इनकी राजनीतिक विरासत को सहेजने में लगे हुए हैं. हालांकि कई जगह पर इन परिवारों के दिग्गजों को हार भी देखनी पड़ी है. लेकिन इस बार चुनाव में इन परिवारों के सबसे अधिक वंशज जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.

राजनीतिक विरासत बचाने में लगे तीनों लाल के परिवार
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Published : Oct 26, 2019, 7:10 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले तीनों लाल तो अब दुनिया में नहीं रहे. लेकिन उनके वारिस तीनों घरानों की राजनीति को आगे बढ़ा रहे है. हरियाणा बनने से लेकर अब तक की सियासत लाल परिवारों के इर्दगिर्द घूमती रही है. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, देवीलाल और भजनलाल शामिल है.

तीनों 'लाल' के परिवार की राजनीतिक विरासत सहेजने में लगे बच्चे
अब तीनों लाल के परिवार इनकी राजनीतिक विरासत को सहेजने में लगे हुए हैं. हालांकि कई जगह पर इन परिवारों के दिग्गजों को हार भी देखनी पड़ी है. लेकिन इस बार चुनाव में इन परिवारों के सबसे अधिक वंशज जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.

ताऊ देवीलाल परिवार के 5 सदस्यों ने हासिल की जीत

  • देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल परिवार के 5 सदस्य विधानसभा चुनाव में जीते हैं. देवीलाल परिवार से सबसे अधिक मार्जिन से दुष्यंत सिंह चौटाला उचाना कला सीट से जीत हासिल की है. दुष्यंत ने बीजेपी की प्रेमलता को मात दी है.
  • इसके बाद देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला रानियां से 19,431 वोटों से जीत हासिल की. उन्होंने हरियाणा लोकहित पार्टी के गोविंद कांडा को मात दी है.
  • ताऊ देवीलाल के पोते और पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला तीसरी बार ऐलनाबाद से जीत गए हैं. उन्होंने कड़े मुकाबले में बीजेपी के पवन बेनीवाल को 11922 वोटों से मात दी.
  • पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला की पत्नी नैना चौटाला बाढड़ा हलके जीती हैं. वो दूसरी बार एमएलए बनी हैं. इससे पहले वे सिरसा जिले की डबवाली से 2014 में भी विधायक बनी थी. नैना ने कड़े मुकाबला में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा को 13736 वोटों से हराया
  • देवीलाल के ही चचेरे भाई के पोते अमित सिहाग भी विधानसभा पहुंचे हैं. अमित सिहाग ने कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़ा.
    tau devilal
    ताऊ देवीलाल

देवीलाल ने हरियाणा में जनता पार्टी जनता दल बनाकर अपनी राजनीति शुरू की थी. लेकिन आज जनता दल खत्म हो चुका है और उसकी जगह ओम प्रकाश चौटाला ने 1999 में इंडियन नेशनल लोकदल नाम की पार्टी बनाई थी. लेकिन करीबन 1 साल पहले इसमें भी दरारें आ चुकी हैं. ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला ने जननायक जनता पार्टी बनाई थी. जिसे इस चुनाव में 10 सीटें मिली हैं

भजनलाल परिवार के 2 सदस्य पहुंचे विधानसभा

  • हरियाणा के दूसरे बड़े लाल भजनलाल परिवार की बात करें तो इस परिवार के 2 सदस्य विधानसभा पहुंचे. जबकि 1 सदस्य विधानसभा पहुंचने से चूक गया. भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. आदमपुर सीट से कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी की सोनाली फोगाट को मात दी है. वहीं पंचकूला विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन 5633 वोटों से हार गए हैं.
  • वहीं भजनलाल के भतीजे दुड़ा राम भी विधानसभा पहुंचे हैं. दुड़ाराम ने जेजेपी प्रत्याशी को 3300 वोटों से हराया.
    bhajan lal
    हरियाणा के दूसरे बड़े लाल भजनलाल

बंसीलाल की पुत्र वधू ने हासिल की जीत

  • बात अगर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल परिवार की करें तो इन चुनाव में इस परिवार के तीन सदस्य चुनाव मैदान में थे. जिनमें से बंसीलाल की पुत्र वधू किरण चौधरी, तीसरी बार तोशाम विधानसभा से जीतने में कामयाब रही है. वहीं उन्होंने बीजेपी के शशि परमार को 18059 वोटों से मात दी.
  • वहीं बंसीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा 13736 वोटों से हार गए हैं. लोहारू सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के दामाद सोमवीर सिंह मैदान में थे. लेकिन वो भी बीजेपी के जेपी दलाल से 17065 वोटों से हार गए.
    bansi lal
    हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल

बीरेंद्र सिंह के परिवार के दोनों सदस्यों को करना पड़ा हार का सामना
लाल परिवारों के बाद अब हरियाणा की अन्य राजनीतिक परिवारों की बात करें तो अगला नाम हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह के परिवार का आता है. इस परिवार के दो सदस्य चुनाव में चुनाव मैदान में थे. लेकिन दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा.

rao birender singh
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गढ़ी किलोई सांपला सीट पर हासिल की जीत
हरियाणा के अन्य राजनीतिक परिवार चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा के बेटे और हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा नें भी गढ़ी किलोई सांपला से जीत हासिल की.

bhupinder hooda
भूपेंद्र हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री

चंडीगढ़: हरियाणा की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले तीनों लाल तो अब दुनिया में नहीं रहे. लेकिन उनके वारिस तीनों घरानों की राजनीति को आगे बढ़ा रहे है. हरियाणा बनने से लेकर अब तक की सियासत लाल परिवारों के इर्दगिर्द घूमती रही है. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, देवीलाल और भजनलाल शामिल है.

तीनों 'लाल' के परिवार की राजनीतिक विरासत सहेजने में लगे बच्चे
अब तीनों लाल के परिवार इनकी राजनीतिक विरासत को सहेजने में लगे हुए हैं. हालांकि कई जगह पर इन परिवारों के दिग्गजों को हार भी देखनी पड़ी है. लेकिन इस बार चुनाव में इन परिवारों के सबसे अधिक वंशज जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.

ताऊ देवीलाल परिवार के 5 सदस्यों ने हासिल की जीत

  • देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल परिवार के 5 सदस्य विधानसभा चुनाव में जीते हैं. देवीलाल परिवार से सबसे अधिक मार्जिन से दुष्यंत सिंह चौटाला उचाना कला सीट से जीत हासिल की है. दुष्यंत ने बीजेपी की प्रेमलता को मात दी है.
  • इसके बाद देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला रानियां से 19,431 वोटों से जीत हासिल की. उन्होंने हरियाणा लोकहित पार्टी के गोविंद कांडा को मात दी है.
  • ताऊ देवीलाल के पोते और पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला तीसरी बार ऐलनाबाद से जीत गए हैं. उन्होंने कड़े मुकाबले में बीजेपी के पवन बेनीवाल को 11922 वोटों से मात दी.
  • पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला की पत्नी नैना चौटाला बाढड़ा हलके जीती हैं. वो दूसरी बार एमएलए बनी हैं. इससे पहले वे सिरसा जिले की डबवाली से 2014 में भी विधायक बनी थी. नैना ने कड़े मुकाबला में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा को 13736 वोटों से हराया
  • देवीलाल के ही चचेरे भाई के पोते अमित सिहाग भी विधानसभा पहुंचे हैं. अमित सिहाग ने कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़ा.
    tau devilal
    ताऊ देवीलाल

देवीलाल ने हरियाणा में जनता पार्टी जनता दल बनाकर अपनी राजनीति शुरू की थी. लेकिन आज जनता दल खत्म हो चुका है और उसकी जगह ओम प्रकाश चौटाला ने 1999 में इंडियन नेशनल लोकदल नाम की पार्टी बनाई थी. लेकिन करीबन 1 साल पहले इसमें भी दरारें आ चुकी हैं. ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला ने जननायक जनता पार्टी बनाई थी. जिसे इस चुनाव में 10 सीटें मिली हैं

भजनलाल परिवार के 2 सदस्य पहुंचे विधानसभा

  • हरियाणा के दूसरे बड़े लाल भजनलाल परिवार की बात करें तो इस परिवार के 2 सदस्य विधानसभा पहुंचे. जबकि 1 सदस्य विधानसभा पहुंचने से चूक गया. भजनलाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. आदमपुर सीट से कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी की सोनाली फोगाट को मात दी है. वहीं पंचकूला विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन 5633 वोटों से हार गए हैं.
  • वहीं भजनलाल के भतीजे दुड़ा राम भी विधानसभा पहुंचे हैं. दुड़ाराम ने जेजेपी प्रत्याशी को 3300 वोटों से हराया.
    bhajan lal
    हरियाणा के दूसरे बड़े लाल भजनलाल

बंसीलाल की पुत्र वधू ने हासिल की जीत

  • बात अगर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल परिवार की करें तो इन चुनाव में इस परिवार के तीन सदस्य चुनाव मैदान में थे. जिनमें से बंसीलाल की पुत्र वधू किरण चौधरी, तीसरी बार तोशाम विधानसभा से जीतने में कामयाब रही है. वहीं उन्होंने बीजेपी के शशि परमार को 18059 वोटों से मात दी.
  • वहीं बंसीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा 13736 वोटों से हार गए हैं. लोहारू सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के दामाद सोमवीर सिंह मैदान में थे. लेकिन वो भी बीजेपी के जेपी दलाल से 17065 वोटों से हार गए.
    bansi lal
    हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल

बीरेंद्र सिंह के परिवार के दोनों सदस्यों को करना पड़ा हार का सामना
लाल परिवारों के बाद अब हरियाणा की अन्य राजनीतिक परिवारों की बात करें तो अगला नाम हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह के परिवार का आता है. इस परिवार के दो सदस्य चुनाव में चुनाव मैदान में थे. लेकिन दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा.

rao birender singh
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गढ़ी किलोई सांपला सीट पर हासिल की जीत
हरियाणा के अन्य राजनीतिक परिवार चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा के बेटे और हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा नें भी गढ़ी किलोई सांपला से जीत हासिल की.

bhupinder hooda
भूपेंद्र हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री
Intro:Anchor। हरियाणा की14वी विधानसभा चुनावों में राजनीतिक परिवारवाद का खूब बोलबाला रहा।हरियाणा के तमाम बड़े राजनीतिक परिवार के सदस्यों जीत कर हरियाणा विधानसभा पहुंचे। वही कुछ लोगों को हार का भी सामना करना पड़ा।


वीवो 


हरियाणा बनने से लेकर अब तक सुबह की सियासत लाल परिवारों के इर्दगिर्द घूमती रही है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, देवीलाल और भजनलाल शामिल है। इनके स्वर्ग सीधारने के बाद अब इनके परिवार इनकी राजनीतिक विरासत को सहेजने में लगे हुए हैं। हालांकि कई जगह पर इन परिवारों के दिग्गजों को हार भी देखनी पड़ी है। लेकिन इस बार चुनाव में इन परिवारों के सबसे अधिक वंशज जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।


देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल परिवार के 5 सदस्य विधानसभा चुनाव में जीते हैं। देवीलाल परिवार से सबसे अधिक मार्जिन से दुष्यंत सिंह चौटाला उचाना कला सीट से विजई से विजय रहे हैं। उन्हें 47452 वोटों की बढ़त मिली है। उन्होंने भाजपा की प्रेमलता को हराया। 


इसके बाद देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला रानियां से 19431 वोटों से निर्दलीय विजय रहे हैं। उन्होंने हरियाणा लोकहिट पार्टी के गोविंद कांडा को मात दी। 


देवी लाल के पोते और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला तीसरी बार ऐलनाबाद से जीत गए हैं। उन्होंने कड़े मुकाबले में बीजेपी के पवन बेनीवाल को 11922 वोटों से मात दी।


पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला की पत्नी नैना चौटाला बाढड़ा हल्के जीती है। वे दूसरी बार एमएलए बनी है। इससे पहले वे सिरसा जिले की डबवाली से 2014 में भी विधायक बनी थी। नैना ने कड़े मुकाबला में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा को 13736 वोटों से हराया।


देवीलाल के ही चचेरे भाई के पौते अमित सिहाग भी विधानसभा पहुंचे हैं। अमित सिहाग ने कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़ा और देवीलाल के पेड़पर पड़पौते आदित्य चौटाला को 15647 वोटों से हराया  आदित्य चौटाला बीजेपी की सीट पर मैदान में थे।


देवीलाल ने हरियाणा में जनता पार्टी जनता दल बनाकर अपनी राजनीति शुरू की थी। लेकिन आज जनता दल खत्म हो चुका है और उसकी जगह ओम प्रकाश चौटाला ने 1999 में इंडियन नेशनल लोकदल नाम की पार्टी बनाई थी। लेकिन करीबन 1 साल पहले इसमें भी दरारें आ चुकी हैं। ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला ने जननायक जनता पार्टी बनाई थी ।जिसे इस चुनाव में 10 सीटें मिली हैं ।वही इंडियन नेशनल लोक दल की तरफ से अभय सिंह चौटाला ही जीते हैं।


हरियाणा के दूसरे बड़े लाल भजनलाल परिवार की बात करें तो इस परिवार के 2 सदस्य विधानसभा पहुंचे जबकि 1 सदस्य विधानसभा पहुंचने से चूक गए। भजन लाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। आदमपुर सीट से कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी की सोनाली फोगाट को 29471 वोटों से मात दी है। आदमपुर विधानसभा सीट पर 1968 से लेकर आज तक भजनलाल परिवार का ही कब्जा रहा है।


वही पंचकूला विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे  भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन 5633 वोटों से हार गए हैं। चंद्रमोहन इससे पहले 4 बार कालका विधानसभा से विधायक भी बने थे।


भजनलाल के भतीजे दुड़ा राम भी विधानसभा पहुंचे हैं। लेकिन बीजेपी की टिकट पर।  दुड़ाराम ने चुनाव से  कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी। दुड़ाराम ने जेजेपी प्रत्याशी को 3300 वोटों से हराया। दुड़ा राम पहले भी विधायक बन चुके हैं।


बात अगर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल परिवार की करें तो इन चुनाव में इस परिवार के तीन सदस्य चुनाव मैदान में थे।जिनमें से बंसीलाल की पुत्र वधू किरण चौधरी तीसरी बार तोशाम विधानसभा से जीतने में कामयाब रही है। वही उन्होंने भाजपा के शशि परमार को 18059 वोटों से मात दी।


 वहीं बंसीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा 13736 वोटों से हार गए हैं।  लोहारू सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के दामाद सोमवीर सिंह मैदान में थे। लेकिन वह बीजेपी के जेपी दलाल से 17065 वोटों से हार गए।


लाल परिवारों के बाद अब हरियाणा की अन्य राजनीतिक परिवारों की बात करें तो अगला नाम हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बिरेंदर सिंह के परिवार का आता है। इस परिवार के दो सदस्य चुनाव में चुनाव मैदान में थे। लेकिन दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री राव वीरेंद्र सिंह के बेटे राव यादुवेंद्र सिंह कांग्रेस की टिकट पर कोसली विधानसभा से मैदान में थे। लेकिन वह बीजेपी के लक्ष्मण दास यादव से 37000 से अधिक वोटों से हार गए। हालांकि इस परिवार का छोटा बेटा राव इंद्रजीत सिंह वर्तमान में बीजेपी की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं ।लेकिन उन्होंने रेवाड़ी विधानसभा सीट से अपनी बेटी आरती को टिकट दिलाने की पुरजोर कोशिश की थी। लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। 

वही र राव वीरेंद्र सिंह के ही परिवार में पोते अर्जुन राव भी कांग्रेस की सीट से अटेली हलके से चुनाव मैदान में थे। लेकिन वह भी हार गए।


हरियाणा की अन्य राजनीतिक परिवार चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा के बेटे और हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी जीतने में कामयाब रहे हैं। 

हुड्डा ने अपनी हल्के गढ़ी किलोई  से चौथी बार जीत दर्ज की है इस बार हरियाणा में सबसे अधिक मार्जन 58312 उन्हीं का है। Body:Anchor। हरियाणा की14वी विधानसभा चुनावों में राजनीतिक परिवारवाद का खूब बोलबाला रहा।हरियाणा के तमाम बड़े राजनीतिक परिवार के सदस्यों जीत कर हरियाणा विधानसभा पहुंचे। वही कुछ लोगों को हार का भी सामना करना पड़ा।


वीवो 


हरियाणा बनने से लेकर अब तक सुबह की सियासत लाल परिवारों के इर्दगिर्द घूमती रही है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, देवीलाल और भजनलाल शामिल है। इनके स्वर्ग सीधारने के बाद अब इनके परिवार इनकी राजनीतिक विरासत को सहेजने में लगे हुए हैं। हालांकि कई जगह पर इन परिवारों के दिग्गजों को हार भी देखनी पड़ी है। लेकिन इस बार चुनाव में इन परिवारों के सबसे अधिक वंशज जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।


देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल परिवार के 5 सदस्य विधानसभा चुनाव में जीते हैं। देवीलाल परिवार से सबसे अधिक मार्जिन से दुष्यंत सिंह चौटाला उचाना कला सीट से विजई से विजय रहे हैं। उन्हें 47452 वोटों की बढ़त मिली है। उन्होंने भाजपा की प्रेमलता को हराया। 


इसके बाद देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला रानियां से 19431 वोटों से निर्दलीय विजय रहे हैं। उन्होंने हरियाणा लोकहिट पार्टी के गोविंद कांडा को मात दी। 


देवी लाल के पोते और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला तीसरी बार ऐलनाबाद से जीत गए हैं। उन्होंने कड़े मुकाबले में बीजेपी के पवन बेनीवाल को 11922 वोटों से मात दी।


पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला की पत्नी नैना चौटाला बाढड़ा हल्के जीती है। वे दूसरी बार एमएलए बनी है। इससे पहले वे सिरसा जिले की डबवाली से 2014 में भी विधायक बनी थी। नैना ने कड़े मुकाबला में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा को 13736 वोटों से हराया।


देवीलाल के ही चचेरे भाई के पौते अमित सिहाग भी विधानसभा पहुंचे हैं। अमित सिहाग ने कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़ा और देवीलाल के पेड़पर पड़पौते आदित्य चौटाला को 15647 वोटों से हराया  आदित्य चौटाला बीजेपी की सीट पर मैदान में थे।


देवीलाल ने हरियाणा में जनता पार्टी जनता दल बनाकर अपनी राजनीति शुरू की थी। लेकिन आज जनता दल खत्म हो चुका है और उसकी जगह ओम प्रकाश चौटाला ने 1999 में इंडियन नेशनल लोकदल नाम की पार्टी बनाई थी। लेकिन करीबन 1 साल पहले इसमें भी दरारें आ चुकी हैं। ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला ने जननायक जनता पार्टी बनाई थी ।जिसे इस चुनाव में 10 सीटें मिली हैं ।वही इंडियन नेशनल लोक दल की तरफ से अभय सिंह चौटाला ही जीते हैं।


हरियाणा के दूसरे बड़े लाल भजनलाल परिवार की बात करें तो इस परिवार के 2 सदस्य विधानसभा पहुंचे जबकि 1 सदस्य विधानसभा पहुंचने से चूक गए। भजन लाल के छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। आदमपुर सीट से कुलदीप बिश्नोई ने बीजेपी की सोनाली फोगाट को 29471 वोटों से मात दी है। आदमपुर विधानसभा सीट पर 1968 से लेकर आज तक भजनलाल परिवार का ही कब्जा रहा है।


वही पंचकूला विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे  भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन 5633 वोटों से हार गए हैं। चंद्रमोहन इससे पहले 4 बार कालका विधानसभा से विधायक भी बने थे।


भजनलाल के भतीजे दुड़ा राम भी विधानसभा पहुंचे हैं। लेकिन बीजेपी की टिकट पर।  दुड़ाराम ने चुनाव से  कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी। दुड़ाराम ने जेजेपी प्रत्याशी को 3300 वोटों से हराया। दुड़ा राम पहले भी विधायक बन चुके हैं।


बात अगर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल परिवार की करें तो इन चुनाव में इस परिवार के तीन सदस्य चुनाव मैदान में थे।जिनमें से बंसीलाल की पुत्र वधू किरण चौधरी तीसरी बार तोशाम विधानसभा से जीतने में कामयाब रही है। वही उन्होंने भाजपा के शशि परमार को 18059 वोटों से मात दी।


 वहीं बंसीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा 13736 वोटों से हार गए हैं।  लोहारू सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के दामाद सोमवीर सिंह मैदान में थे। लेकिन वह बीजेपी के जेपी दलाल से 17065 वोटों से हार गए।


लाल परिवारों के बाद अब हरियाणा की अन्य राजनीतिक परिवारों की बात करें तो अगला नाम हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री राव बिरेंदर सिंह के परिवार का आता है। इस परिवार के दो सदस्य चुनाव में चुनाव मैदान में थे। लेकिन दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री राव वीरेंद्र सिंह के बेटे राव यादुवेंद्र सिंह कांग्रेस की टिकट पर कोसली विधानसभा से मैदान में थे। लेकिन वह बीजेपी के लक्ष्मण दास यादव से 37000 से अधिक वोटों से हार गए। हालांकि इस परिवार का छोटा बेटा राव इंद्रजीत सिंह वर्तमान में बीजेपी की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं ।लेकिन उन्होंने रेवाड़ी विधानसभा सीट से अपनी बेटी आरती को टिकट दिलाने की पुरजोर कोशिश की थी। लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। 

वही र राव वीरेंद्र सिंह के ही परिवार में पोते अर्जुन राव भी कांग्रेस की सीट से अटेली हलके से चुनाव मैदान में थे। लेकिन वह भी हार गए।


हरियाणा की अन्य राजनीतिक परिवार चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा के बेटे और हरियाणा के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी जीतने में कामयाब रहे हैं। 

हुड्डा ने अपनी हल्के गढ़ी किलोई  से चौथी बार जीत दर्ज की है इस बार हरियाणा में सबसे अधिक मार्जन 58312 उन्हीं का है। Conclusion:
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