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पुलिस रिफॉर्म्स पर हाईकोर्ट में सुनवाई, नोटिस जारी कर जवाब तलब किया - हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़

याचिकाकर्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद हरियाणा-पंजाब और चंडीगढ़ ने पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए कोई सुधार ही नहीं किया हैं, जिसके चलते निचले स्तर के पुलिसकर्मी खासतौर पर कांस्टेबल तनाव के बीच काम करने को मजबूर हैं.

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट
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Published : Sep 7, 2019, 4:16 AM IST

Updated : Sep 7, 2019, 4:49 AM IST

चंडीगढ़: लंबी ड्यूटी के चलते पुलिसकर्मियों को होने वाले तनाव और अन्य मामलों को आधार बनाकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट की तरफ से हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ तीनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.

याचिका में कहा गया था कि पुलिस कॉन्स्टेबल को बेहद ही कठिन ड्यूटी देनी पड़ती है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने इनके कल्याण के लिए जो पुलिस रिफॉर्म्स किए जाने के निर्देश दिए थे. उनके तहत सरकारों को योजनाएं बनानी चाहिए. पुलिस कर्मियों की अपने अधिकारियों के घरों में तैनाती कम की जाए, देखने में आता है कि एक पुलिस अधिकारी के घर के कामों के लिए ही कई पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं. इसमें कटौती की जाए. एक कॉन्स्टेबल से दिन में आठ घण्टों से ज्यादा काम न लिया जाए.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि अगर ये सुविधाएं पुलिस कर्मियों को दी जाती हैं तो इससे इनमें भी अपने काम के प्रति समर्पण बढ़ेगा और ये बेहतर सेवाएं दे सकेंगे और आम लोगों की शिकायतों पर बेहतर कार्रवाई की जा सकेगी.

याचिकाकर्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों के बावजूद भी हरियाणा-पंजाब और चंडीगढ़ ने पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए कोई सुधार ही नहीं किए हैं, जिसके चलते निचले स्तर के पुलिसकर्मी खासतौर पर कांस्टेबल तनाव के बीच काम करने को मजबूर हैं.

पुलिस की लंबी ड्यूटी को सरल कर नियमों के तहत 8 घंटे की ड्यूटी लिए जाने, मुखयतः कांस्टेबलों के ड्यूटी के घंटे तय किए जाने, उनके सेवाकाल के दौरान कम से काम तीन प्रमोशन और साल में 45 दिन का अतिरिक्त वेतन दिए जाने और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

ये नोटिस मोहाली के निखिल श्रॉफ द्वारा एडवोकेट पवन कुमार मुटनेजा के जरिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है. दायर याचिका में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2007 प्रकाश सिंह के केस में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पुलिस रिफॉर्म्स किए जाने के आदेश दिए थे.

याचिकाकर्ता के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों के बावजूद भी पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ ने पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए कोई सुधार ही नहीं किए हैं, जिसके चलते निचले स्तर के पुलिसकर्मी खासतौर पर कांस्टेबल बेहद ही बदतर हालातों में काम करने को मजबूर हैं.

चंडीगढ़: लंबी ड्यूटी के चलते पुलिसकर्मियों को होने वाले तनाव और अन्य मामलों को आधार बनाकर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट की तरफ से हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ तीनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.

याचिका में कहा गया था कि पुलिस कॉन्स्टेबल को बेहद ही कठिन ड्यूटी देनी पड़ती है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने इनके कल्याण के लिए जो पुलिस रिफॉर्म्स किए जाने के निर्देश दिए थे. उनके तहत सरकारों को योजनाएं बनानी चाहिए. पुलिस कर्मियों की अपने अधिकारियों के घरों में तैनाती कम की जाए, देखने में आता है कि एक पुलिस अधिकारी के घर के कामों के लिए ही कई पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं. इसमें कटौती की जाए. एक कॉन्स्टेबल से दिन में आठ घण्टों से ज्यादा काम न लिया जाए.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि अगर ये सुविधाएं पुलिस कर्मियों को दी जाती हैं तो इससे इनमें भी अपने काम के प्रति समर्पण बढ़ेगा और ये बेहतर सेवाएं दे सकेंगे और आम लोगों की शिकायतों पर बेहतर कार्रवाई की जा सकेगी.

याचिकाकर्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों के बावजूद भी हरियाणा-पंजाब और चंडीगढ़ ने पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए कोई सुधार ही नहीं किए हैं, जिसके चलते निचले स्तर के पुलिसकर्मी खासतौर पर कांस्टेबल तनाव के बीच काम करने को मजबूर हैं.

पुलिस की लंबी ड्यूटी को सरल कर नियमों के तहत 8 घंटे की ड्यूटी लिए जाने, मुखयतः कांस्टेबलों के ड्यूटी के घंटे तय किए जाने, उनके सेवाकाल के दौरान कम से काम तीन प्रमोशन और साल में 45 दिन का अतिरिक्त वेतन दिए जाने और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

ये नोटिस मोहाली के निखिल श्रॉफ द्वारा एडवोकेट पवन कुमार मुटनेजा के जरिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है. दायर याचिका में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2007 प्रकाश सिंह के केस में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पुलिस रिफॉर्म्स किए जाने के आदेश दिए थे.

याचिकाकर्ता के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों के बावजूद भी पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ ने पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए कोई सुधार ही नहीं किए हैं, जिसके चलते निचले स्तर के पुलिसकर्मी खासतौर पर कांस्टेबल बेहद ही बदतर हालातों में काम करने को मजबूर हैं.

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पुलिस कर्मियों को लंबी ड्यूटी के चलते झेलने वाले तनाव व अन्य मामलो को आधार बनाकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है । हाई कोर्ट की तरफ से हरियाणा , पंजाब और चंडीगढ़ तीनो को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है । याचिका में कहा गया था कि पुलिस कॉन्स्टेबल को बेहद ही कठिन डियूटी देनी पड़ती है लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने इनके कल्याण के लिए जो पुलिस रिफॉर्म्स किए जाने के निर्देश दिए थे उनके तहत इनके लिए सरकारों को योजनाएं बनाई जानी चाहिए । याचिकाकर्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों के बावजूद भी हरियाणा पंजाब और चंडीगढ़ ने पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए कोई सुधार ही नहीं किए हैं , जिसके चलते निचले स्तर के पुलिस कर्मी खासतौर पर कांस्टेबलों तनाव के बीच काम करने को मजबूर हैं । Body:वीओ -
पुलिस की लंबी ड्यूटी को सरल कर नियमो के तहत 8 घंटे की ड्यूटी लिए जाने , मुखयतः कांस्टेबलों के डियूटी के घंटे तय किये जाने , उनके सेवाकाल के दौरान कम से काम तीन प्रमोशन और साल में 45 दिन का अतिरिक्त वेतन दिए जाने और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब , हरियाणा और चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है । याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट बताया है कि एक पुलिस कॉन्स्टेबल को बेहद ही कठिन डियूटी देनी पड़ती है लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने इनके कल्याण के लिए जो पुलिस रिफॉर्म्स किए जाने के निर्देश दिए थे उनके तहत इनके लिए सरकारों को योजनाएं बनाई जानी चाहिए एक तो पुलिस कर्मियों की अपने अधिकारीयों के घरों में तैनाती कम की जाए देखने में आता है कि एक पुलिस अधिकारी के घर के कामों के लिए ही कई पुलिस कर्मी तैनात रहते हैं इसमें कटौती की जाए एक कॉन्स्टेबल से दिन में आठ घण्टों से ज्यादा काम न लिया जाए । Conclusion:याचिकाकर्ता ने कहा है कि अगर यह सुविधाएं इन पुलिस कर्मियों को दी जाती हैं तो इससे इनमे भी अपने काम के प्रति समर्पण बढ़ेगा और और यह बेहतर सेवाएं दे सकेंगे और आम लोगों की शिकायतों पर बेहतर कार्रवाई की जा सकेगी । यह नोटिस मोहाली के निखिल श्रॉफ द्वारा एडवोकेट पवन कुमार मुटनेजा के जरिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है दायर याचिका में बताया गया है की सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2007 प्रकाश सिंह के केस में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पुलिस रिफॉर्म्स किए जाने जाने के आदेश दिए थे । याचिकाकर्ता के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के इन आदेशों के बावजूद भी पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ ने पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए कोई सुधार ही नहीं किए हैं जिसके चलते निचले स्तर के पुलिस कर्मी खासतौर पर कांस्टेबल बेहद ही बदतर हालातों में काम करने को मजबूर हैं ।
Last Updated : Sep 7, 2019, 4:49 AM IST
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