चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 6 अलग-अलग श्रमिक यूनियनों के पदाधिकारियों और 5 अलग-अलग राजनीतिक दलों के श्रम प्रकोष्ठ के अध्यक्षों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक में की. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों के खेतिहर मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके घर भेजा जाएगा.
बिहार, झारखंड तथा मध्य-प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को राज्य के अलग-अलग स्टेशनों से विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों के माध्यम से भेजा जाएगा. शेष राज्यों के प्रवासी मजदूरों की संख्या में अपेक्षाकृत कम है, इसलिए नई दिल्ली से विशेष ट्रेनों के माध्यम से उनकी वापसी सुनिश्चित की जाएगी. हरियाणा में कोरोना संकट के दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे. सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है.
मुख्यमंत्री ने यूनियनों से आग्रह करते हुए कहा कि वे मजदूरों तथा उनके परिवारों के लिए धैर्य संबंधी सरकार की प्रतिबद्धता के संदेश का प्रसार करें. अन्यथा लौटने की उनकी उत्सुकता असामाजिक तत्वों द्वारा उनके शोषण का कारण बन सकती है. कुछ और दिनों के लिए कुछ मजदूरों को हरियाणा में समय बिताना होगा. उन्हें सामाजिक दूरी का पालन करना होगा, उपयोगी कार्यों में शामिल होने का प्रयास या कुछ नए कौशल सीख सकते है.
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बैठक में ये भी सर्वसम्मति थी कि जहां तक संभव हो औद्योगिक मजदूरों को अपनी इकाइयों को फिर से खोलने में सहायता करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. बैठक में ये भी निर्णय लिया गया कि विभिन्न श्रमिकों के प्रतिनिधियों के साथ संबंधित उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा. जिसमें उद्योगपतियों विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्योगों द्वारा श्रमिकों के लिए मार्च और अप्रैल के महीने के वेतन की प्रगति की समीक्षा की जाएगी.