चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अडानी पावर लिमिटेड के साथ अनुपूरक विद्युत खरीद समझौते पर हस्ताक्षर करने की स्वीकृति प्रदान की (Haryana Government sign Supplementary Power Purchase Agreement) गई. हरियाणा डिस्कॉम्स ने अडानी पावर लिमिटेड के साथ 712-712 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए 7 अगस्त, 2008 को दो समझौते किए थे. जिसमें 25 वर्षों के लिए 2.94 रुपये प्रति यूनिट बिजली ली जानी थी.
यह बिजली गुजरात राज्य के मुंद्रा विद्युत परियोजना की उत्पादन इकाइयों 7, 8 और 9 से कुल 1424 मेगावाट की अनुबंधित क्षमता में निहित नियमों और शर्तों के साथ मिलनी थी. जिनमें यूनिट-7 दिनांक 7 अगस्त, 2012 को जबकि यूनिट 8 और 9 को 7 फरवरी, 2013 को संचालित किया गया (Haryana Government Agreement with Adani Power Limited) था. अडानी पावर लिमिटेड ने सितंबर 2021 से इस आधार पर बिजली की आपूर्ति बंद कर दी थी कि आयातित कोयले की बढ़ी हुई दरों के कारण उच्च परिचालन लागत बढ़ गई है और उन्हें नुकसान हो रहा है.
कंपनी ने बिजली खरीद अनुबंध और संबंधित मुद्दों पर, विशेष रूप से आयातित कोयले की लागत को पूरा करने लिए फिर से बातचीत करने की मांग की. इसके लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों को ध्यान में रखते हुए (Haryana Cabinet Meeting) और सबसे उचित कीमत पर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा डिस्कॉम ने बातचीत की और विभिन्न बिंदुओं पर सहमति बनी. 224 मेगावाट की आयातित कोयला आधारित क्षमता को छोड़ना और केवल घरेलू कोयले से उत्पादित होने वाली हरियाणा परिधि में 1200 मेगावाट की कुल क्षमता को बनाए रखना. शेष आयातित कोयला आधारित होगा, जिसे यदि निर्धारित किया जाता है तो उसका भुगतान आयातित कोयले की लागत और अन्य लागत संबंधित मुद्दों के साथ किया जाएगा.
विभिन्न मंचों और अदालतों के समक्ष सभी लंबित मुकदमों को वापस लेना और निपटारा करना. मंत्रिपरिषद ने उपरोक्त प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति प्रदान कर दी और अडानी पावर लिमिटेड के साथ अनुपूरक विद्युत खरीद समझौते इस शर्त के साथ किया जाए और अडानी पावर लिमिटेड के अनुवर्ती बकाया भुगतान के लिए महाधिवक्ता, हरियाणा की सहमति ली जाए.
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