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कृषि विधेयक पर नाराज किसानों को मनाएंगे मंत्री और विधायक - हरियाणा सरकार कृषि बिल

प्रदेश के किसानों और आढ़तियों के प्रदर्शन को शांत करने के लिए बीजेपी के मंत्री और विधायक फील्ड में दिखाई दे सकते हैं. बताया जा रहा है कि मंत्री और विधायक अपने-अपने क्षेत्र में जाकर किसानों और आढ़तियों को कृषि बिल के बारे में सही जानकारी देंगे.

haryana government planning to sort out farmers issue regarding agriculture bill
बीजेपी के मंत्री और विधायक कराएंगे किसानों और आढ़तियों के प्रदर्शन को शांत
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Published : Sep 22, 2020, 1:02 PM IST

चंडीगढ़: कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों और आढ़तियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बताया जा रहा है कि किसानों और आढ़तियों को शांत करने के लिए प्रदेश सरकार ने अब अपने मंत्रियों और विधायकों की टीम फील्ड में उतारने का फैसला लिया है.

बताया जा रहा है कि मंत्रियों और विधायकों से कहा गया है कि वे किसानों के बीच जाकर उन्हें इस कृषि बिल के बारे में सही से अवगत करवाएं. ताकि किसान अपनी राजनीति चमकाने वाले विरोधी नेताओं के चुंगल से बाहर आकर बिल को सही से समझ सकें.

बताया जा रहा है कि इस दौरान किसानों और आढ़तियों को बताया जाएगा कि इस बिल से न तो कृषि मंडियां बंद होंगी और न ही किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर बिकने वाली है. उन्हें बताया जाएगा कि ये तो उनके लिए एक ऐसा विकल्प है. जिसके सहारे किसान अपनी फसल मंडियों से बाहर मार्केट फीस बचाते हुए समर्थन मूल्य से अधिक रेट पर देश में कहीं भी अपनी फसल बेच पाएगा.

विधायक, मंत्री कराएं किसानों के प्रदर्शन को शांत

बता दें कि प्रदेशभर में कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है. किसानों का कहना है कि जब तक सरकार कृषि विधेयक को वापस नहीं लेगी, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी कृषि विधेयक को लेकर प्रदेश सरकार पर हमलावर है. जिसको देखते हुए सरकार विधायकों और मंत्रियों को फील्ड में भेजने की तैयारी कर रही है.

कुमारी सैलजा का बीजेपी सरकार पर हमला

हाल ही में हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने बीजेपी पर निशान साधते हुए ट्वीट किया है कि किसान आवाज उठाएं तो उनपर लाठियां बरसाओ और सांसद आवाज उठाएं तो उन्हें निलंबित कर दो. क्या अब देश में लोकतंत्र बचा है. उन्होंने लिखा कि किसानों को उनका हक दिलाने की ये लड़ाई जारी रहेगी.

ये भी पढ़ें: मोदी सरकार ने गेहूं का एमएसपी ₹50 बढ़ाकर 1,975 प्रति क्विंटल किया

चंडीगढ़: कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों और आढ़तियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बताया जा रहा है कि किसानों और आढ़तियों को शांत करने के लिए प्रदेश सरकार ने अब अपने मंत्रियों और विधायकों की टीम फील्ड में उतारने का फैसला लिया है.

बताया जा रहा है कि मंत्रियों और विधायकों से कहा गया है कि वे किसानों के बीच जाकर उन्हें इस कृषि बिल के बारे में सही से अवगत करवाएं. ताकि किसान अपनी राजनीति चमकाने वाले विरोधी नेताओं के चुंगल से बाहर आकर बिल को सही से समझ सकें.

बताया जा रहा है कि इस दौरान किसानों और आढ़तियों को बताया जाएगा कि इस बिल से न तो कृषि मंडियां बंद होंगी और न ही किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर बिकने वाली है. उन्हें बताया जाएगा कि ये तो उनके लिए एक ऐसा विकल्प है. जिसके सहारे किसान अपनी फसल मंडियों से बाहर मार्केट फीस बचाते हुए समर्थन मूल्य से अधिक रेट पर देश में कहीं भी अपनी फसल बेच पाएगा.

विधायक, मंत्री कराएं किसानों के प्रदर्शन को शांत

बता दें कि प्रदेशभर में कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है. किसानों का कहना है कि जब तक सरकार कृषि विधेयक को वापस नहीं लेगी, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी कृषि विधेयक को लेकर प्रदेश सरकार पर हमलावर है. जिसको देखते हुए सरकार विधायकों और मंत्रियों को फील्ड में भेजने की तैयारी कर रही है.

कुमारी सैलजा का बीजेपी सरकार पर हमला

हाल ही में हरियाणा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने बीजेपी पर निशान साधते हुए ट्वीट किया है कि किसान आवाज उठाएं तो उनपर लाठियां बरसाओ और सांसद आवाज उठाएं तो उन्हें निलंबित कर दो. क्या अब देश में लोकतंत्र बचा है. उन्होंने लिखा कि किसानों को उनका हक दिलाने की ये लड़ाई जारी रहेगी.

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