चंडीगढ़: हरियाणा सरकार 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' आर्थिक पैकेज के तहत केंद्रीय वित्त मंत्रालय को 3170 करोड रुपए की कृषि आधारभूत संरचना का मसौदा भेजने पर विचार कर रही है. योजना के तहत परियोजनाओं की जांच एवं सिफारिश करने के लिए सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. केंद्र सरकार ने 'कृषि आधारभूत संरचना कोष के तहत वित्तीय सुविधा' योजना के अंतर्गत आर्थिक पैकेज के हिस्से के रूप में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से आधारभूत संरचना और प्लॉस्टिक सुविधाओं के लिए उद्यमियों, स्टार्ट-अप्स, एग्री-टेक प्लेयर्स और किसान समूह को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए दिए थे.
सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि टास्क फोर्स हितधारकों से प्रस्ताव आमंत्रित करेगा, प्रस्तावों की व्यवहारिकता की जांच करेगा और सरकार के विचारार्थ या अनुमोदन के लिए परियोजनाओं की सिफारिश करेगा. टास्क फोर्स सदस्य के रूप में कृषि विभाग के महानिदेशक सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, हरियाणा राज्य भाण्डागार निगम के प्रबंध निदेशक, हरियाणा राज्य सहकारी एपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक, वित्त विभाग का प्रतिनिधि और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), हरियाणा क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक शामिल होंगे. हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन प्रसंघ (हैफेड) के निदेशक संयोजक के रूप में कार्य करेंगे.
परियोजनाओं का प्रमुख लक्ष्य
- विशेष ऋण के माध्यम से किसानों को अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध करवाना
- अल्पावधि, अग्रिम और पशु किसान क्रेडिट कार्ड के तहत नामांकन
- कृषि आधारभूत संरचना का विकास
- दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों के लिए बुनियादी ढांचा
- दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों, दुग्ध संग्रह केंद्रों और दुग्ध संयंत्रों का डिजिटलीकरण एवं नवीनीकरण
इसके अलावा कृषि -उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विभाग किसानों को खेत परिसंपत्तियों के पोषण और फसल प्रबंधन के बारे में शिक्षित करने के लिए संगोष्ठियां आयोजित करेगा. उन्होंने कहा कि यह
संगोष्ठियां किसानों को उनकी उपज के लिए अधिक मूल्य प्राप्त करने, खर्च को कम करने और प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन को बढ़ाने में मदद करेंगी.
निगरानी समिति का होगा गठन
- राज्य स्तरीय निगरानी समिति और जिला स्तरीय निगरानी समितियों का गठन किया जाएगा.
- राज्य स्तरीय निगरानी समितियों की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे.
- कृषि उत्पादन आयुक्त, कृषि विभाग के प्रधान सचिव, सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के क्षेत्रीय निदेशक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के संयोजक और राज्य द्वारा मनोनीत किए जाने वाले अधिकतम 3 अधिकारी इस समिति के सदस्य होंगे.
- राज्य नोडल अधिकारी इसके सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे.
जिला निगरानी समितियों की अध्यक्षता संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा की जाएगी. जबकि जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी या मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे. समिति के सदस्यों में कृषि विभाग के जिला अधिकारी, सहकारी समितियों द्वारा नामित जिला पंजकीय अधिकारी जिला स्तरीय बैंकर्स समिति के अग्रणी जिला प्रबंधक और राज्य द्वारा नामित अधीनम अधिकतम तीन अधिकारी शामिल होंगे. नाबार्ड के जिला प्रबंधक इसके सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे.
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