चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस के विधायकों, वरिष्ठ नेताओं और डेलिगेट्स की बैठक (Haryana Delegates meeting in chandigarh) चंडीगढ़ में नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड्डा के आवास पर हुई. बैठक तो हो गई लेकिन 195 डेलिगेट्स के नाम की सूची अभी तक जारी नहीं की गई है. इस सूची के जारी होने के लिए प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के मुताबिक 22 सितंबर तक इंतजार करना पड़ेगा. उसके बाद ही सार्वजनिक होगी. सूत्र बताते हैं कि अभी भी इस लिस्ट में हुड्डा ग्रुप का ही वर्चस्व है. हलांकि सूची अभी सार्वजनिक नहीं हुई है. यह सूची इसलिए भी अहम है क्योंकि इसी को लेकर पार्टी के कुछ नेताओं ने मधुसूदन मिस्त्री के सामने सवाल खड़े किए थे.
बैठक में 195 डेलिगेट्स में से कई नहीं पहुंचे- जानकारी के मुताबिक नए बने डेलिगेट्स को फोन पर सूचित कर बैठक के लिए बुलाया गया था. ऐसा इसलिए क्योंकि सूची इस संबंध में अभी तक जारी नहीं हो पाई है और जो सूची अभी पार्टी के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री के पास है. हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष के मुताबिक 5 से 7 डेलीगेट आज की बैठक में नहीं पहुंच पाए थे. चंडीगढ़ में में इस अहम बैठक में कुछ नेता देरी से पहुंचे. इनमें हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा के साथ-साथ राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज भी शामिल हैं. प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के मुताबिक उनकी फ्लाइट में देरी के चलते ये लोग समय पर नहीं पहुंच पाये.
डेलिगेट्स की सूची को लेकर पार्टी के कुछ नेता नाराज- हरियाणा कांग्रेस द्वारा नियुक्त किए गए डेलिगेट्स को लेकर पार्टी के कुछ नेता नाराज थे और इस संबंध में उन्होंने मधुसूदन मिस्त्री के सामने शिकायत भी की थी. इनमें खासतौर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के नाम सामने आ रहे थे. इन सभी ने इस मुद्दे को लेकर अपनी बात मधुसूदन मिस्त्री के सामने रखी थी. अब सूची को लेकर प्रदेश अध्यक्ष उदय भान कहते हैं कि यह सूची अब फाइनल हो गई है, उसी के बाद ही सभी डेलीगेट को बैठक में बुलाया गया था. हालांकि सूची अभी सार्वजनिक नहीं हुई है.
भाई भतीजावाद के लग रहे थे आरोप- हरियाणा कांग्रेस के डेलिगेट्स की सूची को लेकर भाई भतीजावाद के आरोप लग रहे थे. खास तौर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने इसको लेकर सवाल उठाए थे. जब इस संदर्भ में प्रदेश अध्यक्ष उदय भान से पूछा गया कि कुमारी सैलजा ने भाई भतीजावाद के आरोप लगाए हैं, तो इस पर उन्होंने कहा कि उनके सामने तो ऐसे आरोप नहीं लगाए हैं. अब कांग्रेस पार्टी में सब कुछ ठीक है. हम सब एक साथ हैं.
हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी सबसे बड़ी परेशानी- हरियाणा कांग्रेस में काफी लंबे समय से गुटबाजी की वजह से नेताओं में आपसी खींचतान अक्सर दिखाई देती है. वहीं जब पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुट का प्रभाव अधिक हो गया है, तो ऐसे में कुछ नेता इससे नाखुश दिखाई देते हैं. इन नेताओं में राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और पार्टी के वरिष्ठ नेता किरण चौधरी प्रमुख हैं. भले ही प्रदेश अध्यक्ष सब कुछ ठीक-ठाक होने की बात कह रहे हो लेकिन धरातल पर अभी भी यह दूरियां साफ तौर पर दिखाई दे रही हैं.
2014 से नहीं बना हरियाणा में कांग्रेस का संगठन- हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी की वजह से 2014 से अभी तक हरियाणा प्रदेश पदाधिकारियों का चयन नहीं हो पाया है. करीब 8 साल से पार्टी अभी तक प्रदेश में अपने संगठन को खड़ा नहीं कर पाई है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह पार्टी के नेताओं की गुटबाजी ही रही है. हालांकि अब इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस अध्यक्ष को सर्वसम्मति के साथ दे दी गई है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान कहते हैं कि इस महीने के अंत तक संगठन का भी निर्माण हो जाएगा.