चंडीगढ़: प्रदेश की राजनीति में चुनावों से पहले काफी हलचल देखने को मिल रही है. एक तरफ भाजपा को लगातार दुसरे दलों से आए नेताओं का फायदा मिल रहा है. तो दूसरी तरफ कांग्रेस और अन्य दलों की चिंताएं लगातार बढ़ रही है. बता दें कि मंगलवार के दिन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला की अगुवाई में झज्जर से पूर्व विधायक हरि राम वाल्मीकी और बल्लभगढ़ से पूर्व विधायक राजेंद्र बिसला ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
इनेलो छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए बल्लभगढ़ से राजेंद्र बिसला ने इलाकों में चल रही आपसी लड़ाई को एक बड़ा कारण बताया है. उन्होंने कहा कि अब बीजेपी में शामिल होकर बीजेपी को मजबूत करना चाहते हैं. वहीं झज्जर से पूर्व विधायक हरि राम वाल्मीकि ने भी बीजेपी में आस्था जताई उन्होंने इस दौरान गोहाना और मिर्चपुर कांड के बाद हुड्डा से नाराजगी को कारण बताया है. बता दें कि दोनों नेताओं ने दावा किया है कि बीजेपी में शामिल होने के लिए किसी भी तरह की शर्त नहीं रखी गई है.
कौन हैं हरि राम वाल्मीकि?
हरि राम बाल्मीकि ने 2005 में झज्जर से कांग्रेस की सीट पर चुनाव लड़ा था. चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद 2009 में कांग्रेस की टिकट न मिलने पर कांग्रेस को अलविदा कह कर हलोपा ज्वाईन कर ली थी. इसके बाद 2014 में हलोपा को भी हरि राम वाल्मीकि ने छोड़ दिया था. अब 2019 लोकसभा चुनावों से पहले हरि राम वाल्मीकि ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
कौन हैं राजेंद्र बिसला?
राजेंद्र बिसला ने 1991 में कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ा था और सन 2000 में निर्दलीय चुनावों में उतरे थे. बता दें कि इस दौरान उन्होंने बीजेपी के राम बिलास शर्मा का हराया था.
अब इन दो बड़े नेताओं का बीजेपी में आने पर सुभाष बराला ने कहा कि अपने क्षेत्रों के दोनों वरिष्ठ नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. आपको बता दें कि हरि राम वाल्मीकि और राजेंद्र बिसला के साथ-साथ इनेलो पदाधिकारी तेजपाल लाम्बा और सिरसा से पैक्स चेयरमैन कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.
फिलहाल बीजेपी को लगातार हरियाणा में मजबूती मिलती नजर आ रही है. इसी बीच ये भी देखना दिलचस्प होगा कि दूसरी पार्टियों से बीजेपी में शामिल हुए नेताओं और पार्टी के लंबे समय से वफादार बीजेपी नेताओं के बीच बीजेपी का आलाकमान किस तरह से तालमेल बिठा पाता है.