चंड़ीगढ़: राजस्थान में मचे सियासी घमासान को लेकर हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर का बयान सामने आया है. अशोक तंवर ने कहा कि जिस तरीके से स्थिति और परिस्थिति को हैंडल करना चाहिए था उस तरीके से स्थिति को ना तो हरियाणा में हैंडल किया गया और ना ही राजस्थान में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में तो जितने जनरल सेक्रेटरी एआईसीसी के आए थे वो तो हमारे विरोध में ही काम करते रहे. उन्होंने कभी मीडिएट करने की कोशिश ही नहीं की.
अशोक तंवर ने कहा कि हमारी लड़ाई राजस्थान की लड़ाई से अलग थी. हमारी लड़ाई न्याय की लड़ाई थी. जितने हमारे साथियों ने मेहनत की थी हमने उनका ध्यान रखने के लिए कहा था. यहां सत्ता में हिस्सेदारी की लड़ाई है. दोनों में बहुत अंतर है. काश सब चीजे ठीक रहती तो आज हरियाणा में भी सरकार होती, मध्यप्रदेश की भी सरकार होती और आज राजस्थान की सरकार के ऊपर भी संकट नहीं होता.
वहीं जब अशोक तंवर से पूछा गया कि क्या कारण है कि कांग्रेस पार्टी के सभी नेता धीरे-धीरे राहुल गांधी का साथ छोड़ रहे हैं तो इस पर अशोक तंवर ने कहा कि हमारे साथ तो गलत व्यवहार किया गया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की रैली में चार-चार घंटे कुर्सियां, बोतलें, जूते चप्पल फैंकी गई. व्यक्तिगत तौर पर हमारे ऊपर अटैक किए गए. अशोक तंवर ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम लिए बिना कहा कि इन लोगों को तो पूरा साथ मिला था. उन्होंने कहा कि दोनों मामलों में बहुत अंतर है.
अशोक तंवर ने राजस्थान के घमासान को लेकर कहा कि ये जो आज कर रहे हैं. ये इन्होंने विधानसाभा चुनाव के तुरंत बाद किया होता तो दूसरे प्रदेशों में बहुत से लोगों की राजनैतिक हत्याएं बच जाती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जो बीजेपी और आरएसएस के इशारे पर काम करते हैं. वो कांग्रेस में कहने के लिए हैं, लेकिन उनके तार कहीं और जुड़े हुए हैं.
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तंवर ने आगे कहा कि जब वो लोग कांग्रेस को खत्म करने में लगे हैं तो कांग्रेस को कौन बचा सकता है. हमारे तो जितने जनरल सेक्रेटरी आए उनका एक ही एजेंड़ा था कि नई पीढ़ी को खत्म करो. अशोक तंवर ने कहा कि पहले वो लोग दस साल तक कांग्रेस की सरकार को लूटने का काम करते रहे और जब सरकार चली गई तो पार्टी को खत्म करने का काम कर रहे हैं