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पुणे से चंडीगढ़ आ रही है कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' की पहली खेप

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आज एयर इंडिया, स्पाइसजेट और इंडिगो एयरलाइंस 56.5 लाख वैक्सीन की खुराक के साथ पुणे से दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, गुवाहाटी, शिलांग, अहमदाबाद, हैदराबाद, विजयवाड़ा, भुवनेश्वर, पटना, बेंगलुरु, लखनऊ और चंडीगढ़ के लिए 9 फ्लाइट संचालित करेंगी.

first consignment of Corona vaccine
पुणे से चंडीगढ़ आ रही है कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' की पहली खेप
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Published : Jan 12, 2021, 2:23 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' की पहली खेप आज देशभर के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच रही है. पुणे में स्थित 'सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया' द्वारा बनाई गई यह वैक्सीन आज सुबह तापमान नियंत्रित तीन ट्रकों द्वारा पुणे इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची और फिर इसके बाद यहां से अलग-अलग फ्लाइट्स द्वारा देश के अन्य हिस्सों के लिए रवाना कर दी गई.

विमान से चंडीगढ़ पहुंचेगी वैक्सीन

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आज एयर इंडिया, स्पाइसजेट और इंडिगो एयरलाइंस 56.5 लाख वैक्सीन की खुराक के साथ पुणे से दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, गुवाहाटी, शिलांग, अहमदाबाद, हैदराबाद, विजयवाड़ा, भुवनेश्वर, पटना, बेंगलुरु, लखनऊ और चंडीगढ़ के लिए 9 फ्लाइट संचालित करेंगी.

first consignment of Corona vaccine
पुणे से चंडीगढ़ आ रही है कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' की पहली खेप

बता दें कि, देश में वैक्सीन लगाने का काम 16 जनवरी से शुरू होगा. प्रथम फेज में स्वास्थ्य कर्मियों समेत फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी. इसके बाद वैक्सीन 50 साल से ऊपर के लोगों को लगाई जाएगी. बाद में 50 साल के कम उम्र वालें लोगों को दी जाएगी, जो किसी बीमारी से जूझ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- अब नौकरियों के लिए करना होगा वन टाइम रजिस्ट्रेशन, CM ने किया पोर्टल लॉन्च

पीएम मोदी ने भी कहा कि हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है. ये चरण है वैक्सीनेशन का. 16 जनवरी से हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर रहे हैं. हमारी कोशिश सबसे पहले उन लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने की है, जो देशवासियों की स्वास्थ्य सेवाओं में लगे हुए हैं.

इसके साथ-साथ जो दूसरे फ्रंट लाइन वर्कर्स हैं, उन्हें भी पहले चरणों में टीका लगाया जाएगा. अलग-अलग राज्यों के फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ वर्कर्स की संख्या देखें तो यह करीब 3 करोड़ होती है. यह तय किया गया है कि पहले चरण में इन 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने में जो खर्च होगा उसे राज्य सरकारों को नहीं देना, उसे भारत सरकार वहन करेगी.

दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन
आपको बता दें कि भारत में दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हैं. एक सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' और दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. दोनों वैक्सीन की डोज बड़ी मात्रा में तैयार हैं. सबसे पहले कोविशील्ड द्वारा वैक्सीनेशन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- ठगों ने गूगल पर डाले फर्जी कस्टमर केयर नंबर, साइबर एक्सपर्ट से जानें कैसे होगी पहचान?

चंडीगढ़: कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' की पहली खेप आज देशभर के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच रही है. पुणे में स्थित 'सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया' द्वारा बनाई गई यह वैक्सीन आज सुबह तापमान नियंत्रित तीन ट्रकों द्वारा पुणे इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची और फिर इसके बाद यहां से अलग-अलग फ्लाइट्स द्वारा देश के अन्य हिस्सों के लिए रवाना कर दी गई.

विमान से चंडीगढ़ पहुंचेगी वैक्सीन

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि आज एयर इंडिया, स्पाइसजेट और इंडिगो एयरलाइंस 56.5 लाख वैक्सीन की खुराक के साथ पुणे से दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, गुवाहाटी, शिलांग, अहमदाबाद, हैदराबाद, विजयवाड़ा, भुवनेश्वर, पटना, बेंगलुरु, लखनऊ और चंडीगढ़ के लिए 9 फ्लाइट संचालित करेंगी.

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पुणे से चंडीगढ़ आ रही है कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' की पहली खेप

बता दें कि, देश में वैक्सीन लगाने का काम 16 जनवरी से शुरू होगा. प्रथम फेज में स्वास्थ्य कर्मियों समेत फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी. इसके बाद वैक्सीन 50 साल से ऊपर के लोगों को लगाई जाएगी. बाद में 50 साल के कम उम्र वालें लोगों को दी जाएगी, जो किसी बीमारी से जूझ रहे हैं.

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पीएम मोदी ने भी कहा कि हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है. ये चरण है वैक्सीनेशन का. 16 जनवरी से हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर रहे हैं. हमारी कोशिश सबसे पहले उन लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने की है, जो देशवासियों की स्वास्थ्य सेवाओं में लगे हुए हैं.

इसके साथ-साथ जो दूसरे फ्रंट लाइन वर्कर्स हैं, उन्हें भी पहले चरणों में टीका लगाया जाएगा. अलग-अलग राज्यों के फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ वर्कर्स की संख्या देखें तो यह करीब 3 करोड़ होती है. यह तय किया गया है कि पहले चरण में इन 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने में जो खर्च होगा उसे राज्य सरकारों को नहीं देना, उसे भारत सरकार वहन करेगी.

दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन
आपको बता दें कि भारत में दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हैं. एक सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' और दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. दोनों वैक्सीन की डोज बड़ी मात्रा में तैयार हैं. सबसे पहले कोविशील्ड द्वारा वैक्सीनेशन किया जाएगा.

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