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राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में लाना चाहती है बड़ा बदलाव: दुष्यंत चौटाला

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Published : Jul 24, 2020, 7:35 PM IST

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में 'भारतीय उद्योग परिसंघ' द्वारा 'भारतीय कृषि में वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने' के विषय पर आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की.

dushyant chautala said State government wants to bring changes in agriculture
dushyant chautala said State government wants to bring changes in agriculture

चंडीगढ़: राज्य सरकार हरियाणा के कृषि-व्यवसाय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाएगी, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे. नई 'हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020' में भी खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योगों को विशेष रियायतें और सहूलियतें दी जाएंगी ताकि किसानों को अपनी उपज के दाम और बेहतर मिल सकें. ये बातें उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को 'भारतीय उद्योग परिसंघ' द्वारा 'भारतीय कृषि में वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने' के विषय पर आयोजित वेबिनार के दौरान कही.

'हरियाणा एग्री-बिजनेस एंड फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी'

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में 'भारतीय उद्योग परिसंघ' द्वारा 'भारतीय कृषि में वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने' के विषय पर आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. उप मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 'हरियाणा एग्री-बिजनेस एंड फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी' भी बनाई है ताकि कृषि क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो सके.

उन्होंने बताया कि सरकार फसलों के विविधीकरण पर जोर दे रही है ताकि किसान परंपरागत फसलों के अलावा अन्य ज्यादा आमदनी वाली फसलें उगा सकें. राज्य सरकार बागवानी, मत्स्य और अन्य कृषि क्षेत्रों में गुणवत्ता लाकर निर्यात बढ़ाना चाहती है ताकि प्रदेश का किसान आर्थिक रूप से और अधिक सक्षम बन सके. एग्री-बिजनेस को बढ़ावा दिया जा रहा है.

'प्रदेश सरकार ने यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिघंम के साथ समझौता किया'

उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिघंम के साथ कृषि क्षेत्र में तकनीक, शिक्षा का आदान-प्रदान और प्रशिक्षण कार्यक्रम पर एक समझौता भी किया है ताकि प्रदेश का कृषि-व्यवसाय उन्नत हो सके. उपमुख्यमंत्री ने देश में कृषि क्षेत्र में हरियाणा की अहम भूमिका बताते हुए कहा कि राष्ट्ररीय स्तर पर जो बासमती चावल निर्यात किया जाता है उसमें 60 प्रतिशत हरियाणा का योगदान होता है. जमीन की उर्वरा शक्ति के अनुसार प्रदेश में 393 'क्रॉप-कलस्टर' बनाए गए हैं. अभी तक 452 'किसान उत्पादक संगठन' पंजीकृत किए गए हैं जबकि इस वर्ष 1000 का लक्ष्य रखा गया है.

'140 प्राइमरी और सेकेंडरी प्रोसेसिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं'

उन्होंने बताया कि राज्य में 510 करोड़ रुपये की लागत के 140 प्राइमरी और सेकेंडरी प्रोसेसिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हरियाणा में किसानों को उनकी सब्जियों के उचित भाव दिलाने के लिए 'भावांतर भरपाई योजना' शुरू की गई है. इससे किसानों को काफी फायदा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में टमाटर, आलू , किनू व मौसमी के उत्पादन को देखते हुए इनकी प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.

उपमुख्यमंत्री ने कोविड-19 के दौरान फसलों की खरीद के लिए किए गए प्रबंधों की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि, बागवानी, पशुपालन आदि के क्षेत्र में शिक्षा देने व अनुसंधान के लिए भी विश्वविद्यालय खोले गए हैं. राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में बदलाव लाना चाहती है. किसानों के अधिक से अधिक उत्पादों का निर्यात करने के लिए सरकार द्वारा हर संभव अतिरिक्त सहायता की जा रही है.

ये भी पढ़ें- बेरहम पिता ने 5 साल में 5 बच्चों को उतारा मौत के घाट, तंत्र-मंत्र का शक

चंडीगढ़: राज्य सरकार हरियाणा के कृषि-व्यवसाय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाएगी, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे. नई 'हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020' में भी खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योगों को विशेष रियायतें और सहूलियतें दी जाएंगी ताकि किसानों को अपनी उपज के दाम और बेहतर मिल सकें. ये बातें उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को 'भारतीय उद्योग परिसंघ' द्वारा 'भारतीय कृषि में वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने' के विषय पर आयोजित वेबिनार के दौरान कही.

'हरियाणा एग्री-बिजनेस एंड फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी'

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में 'भारतीय उद्योग परिसंघ' द्वारा 'भारतीय कृषि में वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने' के विषय पर आयोजित वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. उप मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ने 'हरियाणा एग्री-बिजनेस एंड फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी' भी बनाई है ताकि कृषि क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो सके.

उन्होंने बताया कि सरकार फसलों के विविधीकरण पर जोर दे रही है ताकि किसान परंपरागत फसलों के अलावा अन्य ज्यादा आमदनी वाली फसलें उगा सकें. राज्य सरकार बागवानी, मत्स्य और अन्य कृषि क्षेत्रों में गुणवत्ता लाकर निर्यात बढ़ाना चाहती है ताकि प्रदेश का किसान आर्थिक रूप से और अधिक सक्षम बन सके. एग्री-बिजनेस को बढ़ावा दिया जा रहा है.

'प्रदेश सरकार ने यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिघंम के साथ समझौता किया'

उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिघंम के साथ कृषि क्षेत्र में तकनीक, शिक्षा का आदान-प्रदान और प्रशिक्षण कार्यक्रम पर एक समझौता भी किया है ताकि प्रदेश का कृषि-व्यवसाय उन्नत हो सके. उपमुख्यमंत्री ने देश में कृषि क्षेत्र में हरियाणा की अहम भूमिका बताते हुए कहा कि राष्ट्ररीय स्तर पर जो बासमती चावल निर्यात किया जाता है उसमें 60 प्रतिशत हरियाणा का योगदान होता है. जमीन की उर्वरा शक्ति के अनुसार प्रदेश में 393 'क्रॉप-कलस्टर' बनाए गए हैं. अभी तक 452 'किसान उत्पादक संगठन' पंजीकृत किए गए हैं जबकि इस वर्ष 1000 का लक्ष्य रखा गया है.

'140 प्राइमरी और सेकेंडरी प्रोसेसिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं'

उन्होंने बताया कि राज्य में 510 करोड़ रुपये की लागत के 140 प्राइमरी और सेकेंडरी प्रोसेसिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि हरियाणा में किसानों को उनकी सब्जियों के उचित भाव दिलाने के लिए 'भावांतर भरपाई योजना' शुरू की गई है. इससे किसानों को काफी फायदा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य में टमाटर, आलू , किनू व मौसमी के उत्पादन को देखते हुए इनकी प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.

उपमुख्यमंत्री ने कोविड-19 के दौरान फसलों की खरीद के लिए किए गए प्रबंधों की विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कृषि, बागवानी, पशुपालन आदि के क्षेत्र में शिक्षा देने व अनुसंधान के लिए भी विश्वविद्यालय खोले गए हैं. राज्य सरकार कृषि क्षेत्र में बदलाव लाना चाहती है. किसानों के अधिक से अधिक उत्पादों का निर्यात करने के लिए सरकार द्वारा हर संभव अतिरिक्त सहायता की जा रही है.

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