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हरियाणा में इस साल क्राइम रेट में आई कमी, डीजीपी ने पेश किया आंकड़ा - हरियाणा 2020 में अपराध में कमी

हरियाणा में साल 2020 के पहले 6 महीनों के दौरान हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूटपाट, फिरौती के लिए अपहरण सहित अन्य जघन्य अपराध के मामलों में कमी आई है.

haryana crime rate decreased
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Published : Jul 9, 2020, 5:04 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में पिछले साल की तुलना में इस साल कुल अपराध का ग्राफ 3.75 प्रतिशत तक कम हुआ है. इस साल जनवरी से जून 2020 के बीच आईपीसी के तहत 49,978 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 2019 की इसी अवधि के दौरान 51,928 मामले दर्ज हुए थे. पुलिस द्वारा प्रथम 6 माह की अवधि में हत्या के 84.63 प्रतिशत मामले, गैर इरादतन हत्या के 100 प्रतिशत, हत्या के प्रयास के 91.75 प्रतिशत, चोट के 97.66 प्रतिशत और अपहरण के 83.59 प्रतिशत मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाया गया है.

डीजीपी मनोज यादव ने दी जानकारी

हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि गत 6 माह में क्राइम अगेंस्ट पर्सन्स के मामलों में 4.06 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. जनवरी से जून 2020 में हत्या के मामलों की संख्या 2019 की समान अवधि की तुलना में 590 से घटकर 488 रह गई जो 17.28 प्रतिशत की गिरावट है. हत्या का प्रयास की घटनाओं में भी कमी आई है जो 467 से घटकर 449 रह गई.

अन्य गंभीर अपराधों में, गलत तरीके से कारावास के मामलों में 957 केस (18.56 प्रतिशत) की कमी आई है. 2019 में जहां 5155 मामले दर्ज हुए थे वहीं इस साल 4198 मामले पंजीकृत हुए हैं. वहीं क्रिमिनल ट्रैसपास के मामलों पर भी अंकुश लगा है. लड़कों और पुरुषों के अपहरण की वारदातें भी साल 2019 के 350 से घटकर 2020 में 262 रह गई, जोकि 25.14 प्रतिशत कम है.

ये भी पढ़ें- सेना ने 89 मोबाइल एप किए प्रतिबंधित, 15 जुलाई तक हटाने के निर्देश

इसी प्रकार, संपत्ति के खिलाफ अपराध की वारदातों का ग्राफ भी कम हुआ है. जनवरी-जून 2020 में सेंधमारी के मामलों की संख्या में 9.67 प्रतिशत की गिरावट आई है. 2019 के प्रथम 6 माह में जहां 3607 मामले सामने आए थे, वहीं 2020 की इसी अवधि में ये कम होकर 3258 रह गए. चोरी के मामलों की संख्या में भी 31.12 फीसदी की भारी गिरावट देखी गई जो 11,794 से घटकर 8123 रह गई.

लूटपाट के मामलों में आई कमी

लूटपाट के मामलों की संख्या भी 667 से कम होकर 500 रह गई. पिछले साल 2019 में स्नैचिंग के 1023 मामले रिपोर्ट हुए थे, जो 2020 में 670 तक रह गए. डकैती का ग्राफ भी अपेक्षाकृत बेहतर रहा जिसमें 10.66 प्रतिशत तक की कमी आई है. हालांकि, आईपीसी की धारा 188, जो कानूनन आदेशों के उल्लंघन से संबंधित है, के तहत दर्ज मामलों भी वृद्धि देखी गई, जिनकी संख्या 2019 के 98 मामलों से बढकर इस साल 4189 दर्ज की गई.

डीजीपी ने कहा कि राज्य में बढ़ाई गई गश्त और पुलिसकर्मियों की पैनी निगरानी से अपराध के ग्राफ को काफी हद तक नीचे लाने में मदद मिली है. अपराध पर अंकुश लगाने में हमें लगातार सफलता मिल रही है. बेहतर कानून व्यवस्था को दर्शाने वाले प्रमुख संकेतकों हत्या, डकैती और लूटपाट जैसे अपराध में इस साल के प्रथम 6 माह में गिरावट देखी गई है. पुलिस की बढ़ती उपस्थिति और कोविड-19 के संबंध में चैंकिग ने भी अपराध के ग्राफ में प्रभावशाली गिरावट में योगदान दिया क्योंकि लॉकडाउन ने बदमाशों और आदतन अपराधियों को घर में रहने के लिए मजबूर कर दिया.

ये भी पढ़ें- करनाल: चावल खरीद में गड़बड़ी को लेकर दो राइस मिल मालिकों के खिलाफ FIR दर्ज

चंडीगढ़: हरियाणा में पिछले साल की तुलना में इस साल कुल अपराध का ग्राफ 3.75 प्रतिशत तक कम हुआ है. इस साल जनवरी से जून 2020 के बीच आईपीसी के तहत 49,978 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 2019 की इसी अवधि के दौरान 51,928 मामले दर्ज हुए थे. पुलिस द्वारा प्रथम 6 माह की अवधि में हत्या के 84.63 प्रतिशत मामले, गैर इरादतन हत्या के 100 प्रतिशत, हत्या के प्रयास के 91.75 प्रतिशत, चोट के 97.66 प्रतिशत और अपहरण के 83.59 प्रतिशत मामलों को सफलतापूर्वक सुलझाया गया है.

डीजीपी मनोज यादव ने दी जानकारी

हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि गत 6 माह में क्राइम अगेंस्ट पर्सन्स के मामलों में 4.06 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. जनवरी से जून 2020 में हत्या के मामलों की संख्या 2019 की समान अवधि की तुलना में 590 से घटकर 488 रह गई जो 17.28 प्रतिशत की गिरावट है. हत्या का प्रयास की घटनाओं में भी कमी आई है जो 467 से घटकर 449 रह गई.

अन्य गंभीर अपराधों में, गलत तरीके से कारावास के मामलों में 957 केस (18.56 प्रतिशत) की कमी आई है. 2019 में जहां 5155 मामले दर्ज हुए थे वहीं इस साल 4198 मामले पंजीकृत हुए हैं. वहीं क्रिमिनल ट्रैसपास के मामलों पर भी अंकुश लगा है. लड़कों और पुरुषों के अपहरण की वारदातें भी साल 2019 के 350 से घटकर 2020 में 262 रह गई, जोकि 25.14 प्रतिशत कम है.

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इसी प्रकार, संपत्ति के खिलाफ अपराध की वारदातों का ग्राफ भी कम हुआ है. जनवरी-जून 2020 में सेंधमारी के मामलों की संख्या में 9.67 प्रतिशत की गिरावट आई है. 2019 के प्रथम 6 माह में जहां 3607 मामले सामने आए थे, वहीं 2020 की इसी अवधि में ये कम होकर 3258 रह गए. चोरी के मामलों की संख्या में भी 31.12 फीसदी की भारी गिरावट देखी गई जो 11,794 से घटकर 8123 रह गई.

लूटपाट के मामलों में आई कमी

लूटपाट के मामलों की संख्या भी 667 से कम होकर 500 रह गई. पिछले साल 2019 में स्नैचिंग के 1023 मामले रिपोर्ट हुए थे, जो 2020 में 670 तक रह गए. डकैती का ग्राफ भी अपेक्षाकृत बेहतर रहा जिसमें 10.66 प्रतिशत तक की कमी आई है. हालांकि, आईपीसी की धारा 188, जो कानूनन आदेशों के उल्लंघन से संबंधित है, के तहत दर्ज मामलों भी वृद्धि देखी गई, जिनकी संख्या 2019 के 98 मामलों से बढकर इस साल 4189 दर्ज की गई.

डीजीपी ने कहा कि राज्य में बढ़ाई गई गश्त और पुलिसकर्मियों की पैनी निगरानी से अपराध के ग्राफ को काफी हद तक नीचे लाने में मदद मिली है. अपराध पर अंकुश लगाने में हमें लगातार सफलता मिल रही है. बेहतर कानून व्यवस्था को दर्शाने वाले प्रमुख संकेतकों हत्या, डकैती और लूटपाट जैसे अपराध में इस साल के प्रथम 6 माह में गिरावट देखी गई है. पुलिस की बढ़ती उपस्थिति और कोविड-19 के संबंध में चैंकिग ने भी अपराध के ग्राफ में प्रभावशाली गिरावट में योगदान दिया क्योंकि लॉकडाउन ने बदमाशों और आदतन अपराधियों को घर में रहने के लिए मजबूर कर दिया.

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