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एजी कार्यालय में कानून अधिकारियों की भर्ती की शर्तों को चुनौती,  HC ने हरियाणा को नोटिस जारी किया

हरियाणा सरकार की तरफ से एजी ऑफिस में की जाने वाली कानून अधिकारियों की भर्ती की शर्तों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. इस पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

punjab and haryana high court
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट
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Published : Dec 14, 2019, 5:17 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की तरफ से हरियाणा के एडवोकेट जनरल कार्यालय में की जाने वाली कानून अधिकारियों की भर्ती के लिए बनाए गए नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

वकीलों ने दायर की याचिका
इस मामले में कुछ जिला अदालत के वकीलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इन नियमों को तुरंत रद्द करने और भर्ती के लिए विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की है. वीरवार को मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एक बार तो याचिका पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता से पुछा कैसे जिला अदालत के वकील हाईकोर्ट में एडीशनल एडवोकट जनरल के तौर पर बहस करेंगे.

इस पर याची के वकील ने हाईकोर्ट को कुछ जजमेंट का हवाला देकर बताया कि जिसमें साफ है कि निचली कोर्ट के वकील इन पद पर नियुक्त किए जा सकते हैं. बहस के दौरान याची के वकील ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा बनाए गए ये नियम साफ तौर पर वकीलों के खिलाफ उसके नजरिए को दर्शाता है.

सरकार की तरफ से जारी शर्तें

याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि सरकार की तरफ से जारी शर्त के अनुसार सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल के लिए 15 साल का अनुभव एवं 75 केस, एडीशनल एडवोकेट जनरल पद के लिए आवेदन करने वाले वकील के द्वारा सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में सालाना 55 केस फाइल किए होना जरूरी है, उसका वकालत का 12 साल से ज्यादा का अनुभव होना चाहिए.

इसी तरह डिप्टी एडवोकेट जनरल पद के लिए आवेदन करने वाले वकील की आय सालाना आठ लाख से कम नहीं होनी चाहिए और उसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में सालाना 35 केस फाइल किए होना जरूरी है. उसका वकालत का आठ साल से ज्यादा का अनुभव होना चाहिए. असिस्टेंट एडवोकेट जनरल पद के लिए आवेदन करने वाले वकील की आय भी सालाना पांच लाख से कम नहीं होनी चाहिए और उसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में सालाना 25 केस फाइल किए होना जरूरी है. उसका वकालत का पांच साल या ज्यादा का अनुभव होना चाहिए.

याची ने कहा कि ये नियम निचली अदालत में काम करने वाले वकीलों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए है. इन नियमों के तहत तो जिला अदालत में काम करने वाले एजी कार्यालय में कानून अधिकारी के लिए आवेदन करने के योग्य भी नहीं रहेंगे

फिलहाल अगली सुनवाई पर हरियाणा समेत अन्य को जवाब दायर करना है. गौरतलब है कि हरियाणा सरकार की तरफ से एजी ऑफिस में की जाने वाली है. ऐसे में उससे पहले ही नियुक्ति के लिए शर्तों को चुनौती दे दी गई है.

ये भी पढ़ें- CAB के खिलाफ सड़कों पर आए लोग, 'हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई पैदा करना चाहती है सरकार'

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की तरफ से हरियाणा के एडवोकेट जनरल कार्यालय में की जाने वाली कानून अधिकारियों की भर्ती के लिए बनाए गए नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

वकीलों ने दायर की याचिका
इस मामले में कुछ जिला अदालत के वकीलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इन नियमों को तुरंत रद्द करने और भर्ती के लिए विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की है. वीरवार को मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एक बार तो याचिका पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता से पुछा कैसे जिला अदालत के वकील हाईकोर्ट में एडीशनल एडवोकट जनरल के तौर पर बहस करेंगे.

इस पर याची के वकील ने हाईकोर्ट को कुछ जजमेंट का हवाला देकर बताया कि जिसमें साफ है कि निचली कोर्ट के वकील इन पद पर नियुक्त किए जा सकते हैं. बहस के दौरान याची के वकील ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा बनाए गए ये नियम साफ तौर पर वकीलों के खिलाफ उसके नजरिए को दर्शाता है.

सरकार की तरफ से जारी शर्तें

याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि सरकार की तरफ से जारी शर्त के अनुसार सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल के लिए 15 साल का अनुभव एवं 75 केस, एडीशनल एडवोकेट जनरल पद के लिए आवेदन करने वाले वकील के द्वारा सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में सालाना 55 केस फाइल किए होना जरूरी है, उसका वकालत का 12 साल से ज्यादा का अनुभव होना चाहिए.

इसी तरह डिप्टी एडवोकेट जनरल पद के लिए आवेदन करने वाले वकील की आय सालाना आठ लाख से कम नहीं होनी चाहिए और उसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में सालाना 35 केस फाइल किए होना जरूरी है. उसका वकालत का आठ साल से ज्यादा का अनुभव होना चाहिए. असिस्टेंट एडवोकेट जनरल पद के लिए आवेदन करने वाले वकील की आय भी सालाना पांच लाख से कम नहीं होनी चाहिए और उसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में सालाना 25 केस फाइल किए होना जरूरी है. उसका वकालत का पांच साल या ज्यादा का अनुभव होना चाहिए.

याची ने कहा कि ये नियम निचली अदालत में काम करने वाले वकीलों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए है. इन नियमों के तहत तो जिला अदालत में काम करने वाले एजी कार्यालय में कानून अधिकारी के लिए आवेदन करने के योग्य भी नहीं रहेंगे

फिलहाल अगली सुनवाई पर हरियाणा समेत अन्य को जवाब दायर करना है. गौरतलब है कि हरियाणा सरकार की तरफ से एजी ऑफिस में की जाने वाली है. ऐसे में उससे पहले ही नियुक्ति के लिए शर्तों को चुनौती दे दी गई है.

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हरियाणा सरकार की तरफ से हरियाणा के एडवोकेट जनरल कार्यालय में की जाने वाली कानून अधिकारियों की भर्ती के लिए बनाए गए नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है । इस मामले में कुछ जिला अदालत के वकीलों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इन नियमों को तुरंत रद करने व भर्ती के लिए विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की है । वीरवार को मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने एक बार तो याचिका पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता से पुछा कैसे जिला अदालत के वकील हाई कोर्ट में एडीशनल एडवोकट जनरल के तौर पर बहस करेंगे । इस पर याची के वकील ने हाईकोर्ट को कुछ जजमेंट का हवाला देकर बताया कि जिसमें साफ है कि निचली कोर्ट के वकील इन पद पर नियुक्त किए जा सकते है । बहस के दौरान याची के वकील ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा बनाए गए यह नियम साफ तौर पर वकीलों के खिलाफ उसके नजरिए को दर्शाता है । Body:वीओ -
एजी ऑफिस में कानून अधिकारियों की भर्ती की शर्तों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है । हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मंगा है । याचिकाकर्ता वकील ने कहा कि सरकार की तरफ से जारी शर्त के अनुसार सीनियर एडिशनल एडवोकेट जनरल के लिए 15 साल का अनुभव एवं 75 केस ,
एडीशनल एडवोकेट जनरल पद के लिए आवेदन करने वाले वकील के द्वारा सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में सालाना 55 केस फाइल किए होना जरूरी है , उसका वकालत का 12 साल से ज्यादा का अनुभव होना चाहिए । इसी तरह डिप्टी एडवोकेट जनरल पद के लिए आवेदन करने वाले वकील की आय सालाना आठ लाख से कम नहीं होनी चाहिए और उसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में सालाना 35 केस फाइल किए होना जरूरी है । उसका वकालत का आठ साल से ज्यादा का अनुभव होना चाहिए । असिस्टेंट एडवोकेट जनरल पद के लिए आवेदन करने वाले वकील की आय भी सालाना पांच लाख से कम नहीं होनी चाहिए और उसके द्वारा सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में सालाना 25 केस फाइल किए होना जरूरी है । उसका वकालत का पांच साल या ज्यादा का अनुभव होना चाहिए । याची ने कहा कि यह नियम निचली अदालत में काम करने वाले वाले वकीलों को आगे बढने से रोकने के लिए है । इन नियमों के तहत तो जिला अदालत में काम करने वाले एजी कार्यालय में कानून अधिकारी के लिए आवेदन करने के योग्य भी नही रहेंगे ।Conclusion:फिलहाल अगली सुनवाई पर हरियाणा समेत अन्य को जवाब दायर करना है । गौरतलब है कि हरियाणा सरकार की तरफ से एजी आफिस में की जाने वाली है । ऐसे में उससे पहले ही नियुक्ति के लिए शर्तो को चुनोती दे दी गई है ।
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