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हरियाणा में 1000 स्मार्ट प्ले-वे स्कूल खोलने का सीएम खट्टर ने किया ऐलान, इतना होगा दाखिला शुल्क

प्रदेश सरकार ने 1000 स्मार्ट प्ले-वे स्कूल खोलने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने बुधवार को निर्देश दिए कि आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत उच्च शिक्षा प्राप्त वर्कर्स को प्ले स्कूलों में लगाया जाएगा.

Smart playway school haryana
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Published : Jul 15, 2020, 10:52 PM IST

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा 28 फरवरी, 2020 को वर्ष 2020-21 के बजट में की गई घोषणा के अनुसार प्रदेश में 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रदेश सरकार ने 1000 स्मार्ट प्ले-वे स्कूल खोलने का निर्णय लिया है. ये निर्णय बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में प्री-स्कूल खोलने के संबंध में हुई बैठक में लिया गया.

100 रु लिया जाएगा शुल्क

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर भी उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जाना चाहिए और इसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्य करने वाले उच्चत शिक्षा प्राप्त वर्कर्स को इन प्ले स्कूलों में लगाया जाना चाहिए. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्ले स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों से 100 रुपये का मामूली शुल्क लिया जाना चाहिए. एसटी / एससी वर्ग के छात्रों के लिए कुछ रियायत रखी जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें- शराब पर कोविड सेस लगाने का मामला, सरकार ने हाई कोर्ट में दायर किया जवाब

मुख्यमंत्री ने वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों को स्मार्ट लर्निंग प्ले-वे स्कूलों में बदलने का निर्देश देते हुए कहा कि इन विद्यालयों के बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के लिए पाठ्यक्रम को एनिमेशन व ऑडियो-विजुअल के रूप में डिजाइन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिर्पोट (एएसईआर) 2019 ‘प्रारंभिक वर्षों’ के निष्कर्षों ने इस तथ्य को उजागर किया है कि बच्चे के जीवन के पहले 1000 दिन स्कूली शिक्षा और सीखने के लिए महत्वपूर्ण आयाम होते हैं जो संभावित रूप से उनके भविष्य के रास्ते को आकार देते हैं.

एएसईआर डाटा बताता है कि संज्ञानात्मक कौशल की आवश्यकता वाले कार्यों पर बच्चों का प्रदर्शन प्रारंभिक भाषा और प्रारंभिक संख्यात्मक कार्यों को करने की उनकी क्षमता से संबंधित है. ये दर्शता है कि कन्टेंट नॉलेज पर प्रारंभिक ध्यान देने की तुलना में प्ले-आधारित गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना अधिक आवश्यक है, जिससे स्मृति, तर्क और समस्याओं को सुलझाने की क्षमताओं में वृद्धि हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्री-स्कूल वर्षों में संज्ञानात्मक क्षमताओं को विकसित करने वाली प्ले-आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता को समझते हुए, 1000 स्मार्ट प्ले-वे स्कूल खोले जाएंगे.

ये भी पढ़ें- सरकार का बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 5 एचपीएस अधिकारियों के किए तबादले

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित झा, वित्त विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी. एस.एन. प्रसाद, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव आशिमा बराड़ और माध्यमिक शिक्षा के निदेशक जे. गणेशन उपस्थित थे.

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा 28 फरवरी, 2020 को वर्ष 2020-21 के बजट में की गई घोषणा के अनुसार प्रदेश में 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रदेश सरकार ने 1000 स्मार्ट प्ले-वे स्कूल खोलने का निर्णय लिया है. ये निर्णय बुधवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में प्री-स्कूल खोलने के संबंध में हुई बैठक में लिया गया.

100 रु लिया जाएगा शुल्क

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर भी उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जाना चाहिए और इसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्य करने वाले उच्चत शिक्षा प्राप्त वर्कर्स को इन प्ले स्कूलों में लगाया जाना चाहिए. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्ले स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों से 100 रुपये का मामूली शुल्क लिया जाना चाहिए. एसटी / एससी वर्ग के छात्रों के लिए कुछ रियायत रखी जानी चाहिए.

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मुख्यमंत्री ने वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों के परिसर में चल रहे आंगनवाड़ी केंद्रों को स्मार्ट लर्निंग प्ले-वे स्कूलों में बदलने का निर्देश देते हुए कहा कि इन विद्यालयों के बच्चों के संज्ञानात्मक विकास के लिए पाठ्यक्रम को एनिमेशन व ऑडियो-विजुअल के रूप में डिजाइन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिर्पोट (एएसईआर) 2019 ‘प्रारंभिक वर्षों’ के निष्कर्षों ने इस तथ्य को उजागर किया है कि बच्चे के जीवन के पहले 1000 दिन स्कूली शिक्षा और सीखने के लिए महत्वपूर्ण आयाम होते हैं जो संभावित रूप से उनके भविष्य के रास्ते को आकार देते हैं.

एएसईआर डाटा बताता है कि संज्ञानात्मक कौशल की आवश्यकता वाले कार्यों पर बच्चों का प्रदर्शन प्रारंभिक भाषा और प्रारंभिक संख्यात्मक कार्यों को करने की उनकी क्षमता से संबंधित है. ये दर्शता है कि कन्टेंट नॉलेज पर प्रारंभिक ध्यान देने की तुलना में प्ले-आधारित गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना अधिक आवश्यक है, जिससे स्मृति, तर्क और समस्याओं को सुलझाने की क्षमताओं में वृद्धि हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्री-स्कूल वर्षों में संज्ञानात्मक क्षमताओं को विकसित करने वाली प्ले-आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता को समझते हुए, 1000 स्मार्ट प्ले-वे स्कूल खोले जाएंगे.

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बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित झा, वित्त विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी. एस.एन. प्रसाद, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह, मुख्यमंत्री की उप प्रधान सचिव आशिमा बराड़ और माध्यमिक शिक्षा के निदेशक जे. गणेशन उपस्थित थे.

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