चंडीगढ़ः मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले कुछ वक्त से लगातार किसान आंदोलन(farmers protest) को लेकर बयान दे रहे हैं. खासकर जब से एक व्यक्ति के जलने और महिला से छेड़छाड़ के आरोपों के घेरे में किसान आंदोलन आया. दरअसल 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा ये किसानों का आंदोलन 7 महीने से जारी है, और हरियाणा सबसे ज्यादा प्रभावित प्रदेशों में से एक है. यहां किसान लगातार महापंचायतें कर रहे हैं, मत्रियों के दौरों का विरोध कर रहे हैं. यहां तक कि बीजेपी-जेजेपी नेताओं का भी विरोध किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल(chief minister manohar lal) ने बुधवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसानों पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि 'किसान शब्द शुद्ध है और हर कोई उन्हें बहुत सम्मान देता है. कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण यह शब्द कलंकित हो गया है. बहनों-बेटियों की इज्जत छीनी जाती है, हत्याएं हो रही हैं, सड़कें जाम की जा रही हैं. मैं अलोकतांत्रिक घटनाओं की निंदा करता हूं.'
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इससे पहले भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल किसान आंदोलन को लेकर कई बार बयान दे चुके हैं. लेकिन इस बार उन्होंने बिना नाम लिए बड़े किसान नेताओं पर निशाना साधा है. वैसे भी गुरनाम चढ़ूनी(gurnam chadhuni) हरियाणा से आते हैं और हमेशा वो सरकार के सामने खड़े दिखते हैं.
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मुख्यमंत्री ने आगे किसानों को नसीहत देते हुए कहा कि, 'वे सरकार के संयम की परीक्षा ना लें. सीएम ने कहा कि टकराव ना करें तो संयम बना रहेगा. हम लगातार संयम बरत रहे हैं, हमारे बारे में कुछ भी कहा जाता है लेकिन हम सहन कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि संयम की भी कोई सीमा होती है, इस सीमा को पार करना किसी के हित में नहीं है. जिस दिन टकराव होगा उस दिन संयम टूट जाएगा.