ETV Bharat / city

एडवोकेट जनरल कार्यालय में भी बदलाव शुरू, 80 प्रतिशत कानून अधिकारियों ने दिए इस्तीफे

सरकार के आदेश के बाद लगभग 80 प्रतिशत कानून अधिकारियों ने अपने इस्तीफे दे दिए हैं. बता दें कि वर्तमान में हरियाणा एडवोकेट जनरल कार्यालय के दिल्ली और चंडीगढ़ में सरकार की तरफ से सभी कानून अधिकारियों को त्याग पत्र देने को कहा गया है.

Changes started in Advocate General Office
author img

By

Published : Nov 2, 2019, 10:42 AM IST

चंडीगढ़: राज्य में सरकार के बदलाव के साथ ही एडवोकेट जनरल कार्यालय में भी बदलाव शुरू हो गया है. सरकार की तरफ से सभी कानून अधिकारियों को इस्तीफा देने के आदेश दिए गए हैं.

80 प्रतिशत कानून अधिकारियों ने अपने इस्तीफे दे दिए

जानकारी के मुताबिक सरकार के आदेश के बाद लगभग 80 प्रतिशत कानून अधिकारियों ने अपने इस्तीफे दे दिए हैं. बता दें कि वर्तमान में हरियाणा एडवोकेट जनरल कार्यालय के दिल्ली और चंडीगढ़ में लगभग 204 कानून अधिकारियों को त्याग पत्र देने को कहा गया है.

ये भी पढ़ें- भूपेंद्र हुड्डा को मिल सकती है नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी, आलाकमान लगाएगा मुहर

नई सरकार का गठन होने पर पुराने कानून अधिकारी त्याग पत्र दे देते हैं

आपको बता दें कि जब भी नई सरकार का गठन होता है. उस समय पुराने कानून अधिकारी त्याग पत्र दे देते हैं क्योंकि उनकी नियुक्ति पूर्ण रूप से अनुबंध पर होती है. लेकिन एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन अपने पद पर बने रहेंगे. जल्द ही कानून अधिकारियों के नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे जाएगें.

प्रदेश में जेजपी और बीजेपी ने मिलकर बनाई है सरकार

आपको बता दें कि हरियाणा में नई सरकार का गठन हो गया है. प्रदेश में बीजेपी और जेजेपी ने मिलकर सरकार बनाई है. मनोहर लाल खट्टर दोबारा सीएम बने हैं वहीं जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला नई सरकार में डिप्टी सीएम है. बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीती. वहीं, जेजेपी को 10 सीटे मिली हैं.

ये भी पढ़ें- डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का बड़ा बयान, 'हमें बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ मिला जनादेश'

चंडीगढ़: राज्य में सरकार के बदलाव के साथ ही एडवोकेट जनरल कार्यालय में भी बदलाव शुरू हो गया है. सरकार की तरफ से सभी कानून अधिकारियों को इस्तीफा देने के आदेश दिए गए हैं.

80 प्रतिशत कानून अधिकारियों ने अपने इस्तीफे दे दिए

जानकारी के मुताबिक सरकार के आदेश के बाद लगभग 80 प्रतिशत कानून अधिकारियों ने अपने इस्तीफे दे दिए हैं. बता दें कि वर्तमान में हरियाणा एडवोकेट जनरल कार्यालय के दिल्ली और चंडीगढ़ में लगभग 204 कानून अधिकारियों को त्याग पत्र देने को कहा गया है.

ये भी पढ़ें- भूपेंद्र हुड्डा को मिल सकती है नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी, आलाकमान लगाएगा मुहर

नई सरकार का गठन होने पर पुराने कानून अधिकारी त्याग पत्र दे देते हैं

आपको बता दें कि जब भी नई सरकार का गठन होता है. उस समय पुराने कानून अधिकारी त्याग पत्र दे देते हैं क्योंकि उनकी नियुक्ति पूर्ण रूप से अनुबंध पर होती है. लेकिन एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन अपने पद पर बने रहेंगे. जल्द ही कानून अधिकारियों के नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे जाएगें.

प्रदेश में जेजपी और बीजेपी ने मिलकर बनाई है सरकार

आपको बता दें कि हरियाणा में नई सरकार का गठन हो गया है. प्रदेश में बीजेपी और जेजेपी ने मिलकर सरकार बनाई है. मनोहर लाल खट्टर दोबारा सीएम बने हैं वहीं जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला नई सरकार में डिप्टी सीएम है. बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीती. वहीं, जेजेपी को 10 सीटे मिली हैं.

ये भी पढ़ें- डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का बड़ा बयान, 'हमें बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ मिला जनादेश'

Intro:एंकर -
हरियाणा के विधानसभा चुनाव मैं हरियाणा के आठ मंत्री चुनाव हार गए हैं हालांकि हरियाणा में नई सरकार का गठन हो चुका है और मंत्रिमंडल का गठन होना अभी बाकी है । उसे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चुनाव हारे सभी पूर्व की कैबिनेट में मंत्री रहे पूर्व मंत्रियों एवं चुनाव जीतने वाले मंत्रियों सभी को अपने आवास पर बैठक के लिए बुलाया । इस बैठक में पूर्व मंत्रियों ने हार के कारणों पर खुलकर चर्चा करते हुए अपनी राय रखी । बैठक में आप से विचार-विमर्श आगे सरकार के कार्यकाल में होने वाले का कामो समेत पिछली कमियों को लेकर भी चर्चा की गई । खुले मन से सभी ने हार के कारणों को लेकर बैठक में चर्चा की ।


Body:वीओ -
हरियाणा की 2014 की मनोहर सरकार में दमदार मंत्री कहे जाने वाले 8 कैबिनेट और राज्यमंत्री इस बार विधानसभा नहीं पहुंच पाए । हरियाणा बीजेपी के कई दिग्गज चुनावी मैदान में चित हुए । हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने चुनाव हारे सभी पूर्व मंत्रियों को तवज्जो देते हुए चुनाव हारने और जीतने वाले पूर्व मंत्रियों को अपने आवास पर बैठक के लिए बुलाया । मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में चुनाव हारने और सरकार में पूर्ण बहुमत से ना जाने के कारणों पर खुलकर चर्चा हुई । मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई बैठक के बाद हरियाणा के पूर्व राज्य मंत्री करण देव कंबोज ने कहा कि बैठक में हार के कारणों को मुख्यमंत्री के सामने रखा गया है । करण देव कंबोज ने कहा कि कई सीटों पर हार के कारणों पर विचार विमर्श हुआ है और सभी लोगों ने अपने तरीके से हार के कारणों को सामने रखा है । वही करण देव कंबोज किया अपनी सीट पर उनके द्वारा लगाए गए फूट और चुनाव करवाने के सवाल पर कंबोज ने कहा कि जो भी बातें थी वह संगठन के ध्यान में उनकी तरफ से ला दी गई हैं संगठन उस पर अपने तरीके से कार्रवाई करेगा उन्होंने कहा कि यह बातें पहले से ही संगठन के ध्यान में भी थी ।
बाइट - कर्ण देव कंबोज , पूर्व राज्यमंत्री
वीओ -
वहीं राज्य मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि खुले मन से हार के पीछे कारणों को लेकर इस बैठक में चर्चा की गई है दूसरी तरफ करण देव कंबोज की तरफ से गिनाया गया आपसी फूट के कारण पर बेदी ने कहा कि यह विषय कहीं हो सकता है मगर पूरे प्रदेश में यह विषय नहीं था जो भी कारण से सामूहिक थे और हरियाणा की जनता ने जो फैसला लिया है सोच समझ कर लिया है । दूसरी तरफ स्टेशन बेदी ने कहा कि 3% वोट प्रतिशत इस चुनाव में भाजपा का बड़ा है जबकि 8% मतदान कम हुआ था साथ ही किशन बेदी इन नतीजों की तुलना भूपेंद्र सिंह हुड्डा के 2009 में सत्तासर से 40 सीटों पर आई कांग्रेस के साथ भी करते नजर आए ।
बाइट - कृष्ण बेदी , राज्यमंत्री


Conclusion:फिलहाल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कैबिनेट विस्तार से पहले पूर्व कैबिनेट मंत्रियों को बैठक पर बुलाकर सभी को साथ लेकर चलने का संदेश देने का प्रयास किया है हालांकि देखना यह होगा कि चुनावी मैदान में चित हुए 8 मंत्रियों को आने वाली सरकार में किस तरह से पूरी तरह से मान-सम्मान भारतीय जनता पार्टी दे पाएगी ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.