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कोरोना योद्धाओं ने पहले कोरोना मरीजों का किया इलाज, अब सबसे पहले लगवाई वैक्सीन

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Published : Jan 19, 2021, 4:30 PM IST

चंडीगढ़ पीजीआई के इंटरनल मेडिसिन विभाग में साइंटिस्ट प्रोफेसर पंकज मल्होत्रा ने कहा कि हजारों कोरोना मरीजों के इलाज करने के बाद अब लोगों की जागरूकता के लिए सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मी वैक्सीन लगवा रहे हैं. इससे लोगों को ये संदेश जाएगा कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और वे भी वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आएं.

chandigarh pgi doctor on corona vaccine
chandigarh pgi doctor on corona vaccine

चंडीगढ़: देश को कोरोना संकट से उबारने के लिए हमारे कोरोना योद्धाओं ने सबसे बड़ी भूमिका अदा की है. जिसके लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा. इन योद्धाओं ने पहले मरीजों का इलाज किया और अब वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं.

लोगों की शंकाओं को दूर करने के लिए सबसे पहले वे खुद वैक्सीन लगवा रहे हैं. इन्हीं कोरोना योद्धाओं में से एक है चंडीगढ़ पीजीआई के इंटरनल मेडिसिन विभाग में साइंटिस्ट प्रोफेसर पंकज मल्होत्रा, जो पिछले करीब 10 महीनों से चंडीगढ़ पीजीआई के कोविड अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

उन्होंने ना सिर्फ हजारों मरीजों के इलाज में अपना योगदान दिया है बल्कि अब लोगों को वैक्सीन लगवाने को लेकर प्रेरित करने और लोगों की शंकाओं को दूर करने के लिए उन्होंने पहले दिन वैक्सीन लगवाई. वहीं उन्होंने वैक्सीन लगवाने के तीन दिनों के बाद अपने अनुभव को ईटीवी भारत के साथ साझा किया.

चंडीगढ़ पीजीआई के इंटरनल मेडिसिन विभाग में साइंटिस्ट प्रोफेसर पंकज मल्होत्रा से खास बातचीत

वैक्सीन को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वैक्सीन कोरोना फैलने के कुछ समय बाद ही तैयार कर ली गई थी, लेकिन अगले 8-10 महीनों तक इसके ट्रायल किए गए. पूरी तरह से सुरक्षित पाए जाने के बाद ही इसे लोगों के लिए भेजा गया है. एक डॉक्टर और एक साइंटिस्ट के तौर पर मेरा इस पर पूरा विश्वास है इसीलिए मैंने पहले ही दिन खुद पर वैक्सीन लगवाई.

ये भी पढ़ें- जींद सिविल अस्पताल को मिली कोरोना वैक्सीन की 10,540 डोज

उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवाने के पहले दिन सब सामान्य था, लेकिन दूसरे दिन हल्का सा बुखार महसूस हुआ, लेकिन वो सामान्य था. तीसरे दिन उन्हें कोई भी समस्या पेश नहीं आई. जिन लोगों को एलर्जी है या किसी अन्य बीमारी के लिए कोई दवा खा रहे हैं या जो लोग कैंसर पेशेंट हैं उन्हें वैक्सीन लगाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए. इसके अलावा ये सभी के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है.

उन्होंने कहा कि देश में इस समय दो वैक्सीन मौजूद है. एक ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. लोग जिस वैक्सीन की पहली डोज लगवाएंगे उन्हें दूसरी डोज भी उसी वैक्सीन की लगवानी होगी क्योंकि दोनों वैक्सीन अलग तरह से काम करती हैं, लोग इस बात का ध्यान रखें.

प्रोफेसर पंकज मल्होत्रा ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी इसीलिए पहले वैक्सीन लगवा रहे हैं ताकि लोगों को ये संदेश जाए कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और वे भी वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आएं, तभी हम कोरोना की चैन तोड़ पाएंगे और उसे खत्म कर पाएंगे.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में वैक्सीन लगाने वालों में आई 40 फीसदी कमी, दूसरे दिन 11457 लोगों ने ही लगाया टीका

चंडीगढ़: देश को कोरोना संकट से उबारने के लिए हमारे कोरोना योद्धाओं ने सबसे बड़ी भूमिका अदा की है. जिसके लिए देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा. इन योद्धाओं ने पहले मरीजों का इलाज किया और अब वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं.

लोगों की शंकाओं को दूर करने के लिए सबसे पहले वे खुद वैक्सीन लगवा रहे हैं. इन्हीं कोरोना योद्धाओं में से एक है चंडीगढ़ पीजीआई के इंटरनल मेडिसिन विभाग में साइंटिस्ट प्रोफेसर पंकज मल्होत्रा, जो पिछले करीब 10 महीनों से चंडीगढ़ पीजीआई के कोविड अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

उन्होंने ना सिर्फ हजारों मरीजों के इलाज में अपना योगदान दिया है बल्कि अब लोगों को वैक्सीन लगवाने को लेकर प्रेरित करने और लोगों की शंकाओं को दूर करने के लिए उन्होंने पहले दिन वैक्सीन लगवाई. वहीं उन्होंने वैक्सीन लगवाने के तीन दिनों के बाद अपने अनुभव को ईटीवी भारत के साथ साझा किया.

चंडीगढ़ पीजीआई के इंटरनल मेडिसिन विभाग में साइंटिस्ट प्रोफेसर पंकज मल्होत्रा से खास बातचीत

वैक्सीन को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि वैक्सीन कोरोना फैलने के कुछ समय बाद ही तैयार कर ली गई थी, लेकिन अगले 8-10 महीनों तक इसके ट्रायल किए गए. पूरी तरह से सुरक्षित पाए जाने के बाद ही इसे लोगों के लिए भेजा गया है. एक डॉक्टर और एक साइंटिस्ट के तौर पर मेरा इस पर पूरा विश्वास है इसीलिए मैंने पहले ही दिन खुद पर वैक्सीन लगवाई.

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उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगवाने के पहले दिन सब सामान्य था, लेकिन दूसरे दिन हल्का सा बुखार महसूस हुआ, लेकिन वो सामान्य था. तीसरे दिन उन्हें कोई भी समस्या पेश नहीं आई. जिन लोगों को एलर्जी है या किसी अन्य बीमारी के लिए कोई दवा खा रहे हैं या जो लोग कैंसर पेशेंट हैं उन्हें वैक्सीन लगाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए. इसके अलावा ये सभी के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है.

उन्होंने कहा कि देश में इस समय दो वैक्सीन मौजूद है. एक ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. लोग जिस वैक्सीन की पहली डोज लगवाएंगे उन्हें दूसरी डोज भी उसी वैक्सीन की लगवानी होगी क्योंकि दोनों वैक्सीन अलग तरह से काम करती हैं, लोग इस बात का ध्यान रखें.

प्रोफेसर पंकज मल्होत्रा ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी इसीलिए पहले वैक्सीन लगवा रहे हैं ताकि लोगों को ये संदेश जाए कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और वे भी वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आएं, तभी हम कोरोना की चैन तोड़ पाएंगे और उसे खत्म कर पाएंगे.

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