चंडीगढ़ः कैग ने अपनी रिपोर्ट में कई अनियमितताओं का खुलासा किया है. कैग ने रिपोर्ट में अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति के वित्तीय प्रबंधन में कमियां होने और फ़र्जी भुगतान करने का भी खुलासा किया. इस मामले में कैग के मुताबिक 89.05 करोड़ की अनियमितताएं पाई गई हैं.
छात्रवृत्ति में कैसे किया गया घोटाला ?
कैग के मुताबिक विधार्थियों के आधार नम्बर की हेराफेरी करके 18.98 करोड़ के संदिग्ध फर्जी भुगतान किए गए. 2015 से 2019 के दौरान 52.24 प्रतिशत आवेदकों को छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया जबकि 37 प्रतिशत मामलों में छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं हुआ.
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कैग की रिपोर्ट में तकनीकी शिक्षा में 7,757 विद्यार्थियों को कुल 17.98 करोड की राशि का भुगतान नहीं किया गया हालांकि राशि मंजूर भी हुई और कोष से निकाली भी गई थी. लेकिन व्यय के पूर्वानुमान के आधार पर खाते में राशि जमा नहीं की गई जिससे 5.43 करोड़ के ब्याज का नुकसान हुआ. इसके अलावा 9.65 करोड़ की छात्रवृत्ति के भुगतान में धोखाधड़ी का संदेह है क्योंकि ये अभिलेखों के साथ सत्यपित नहीं है. इसके साथ ही राज्य से बाहर पढ़ने वाले विद्यार्थियों को कुल 4.74 करोड़ की संदिग्ध फर्जी छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया है.
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कैग(CAG) ने किए ये बड़े खुलासे
- पशुपालन एवं डेयरी विभाग कैथल में एक करोड़ 54 लाख का और उपायुक्त कार्यालय भिवानी में आकस्मिक बिल बनाते समय वाउचर में गड़बड़ी करके करीब एक करोड़ 2 लाख का संदिग्ध गबन किया गया.
- श्री कृष्ण राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में पंचकर्म उपचार के लिए फीस नहीं ली गई जिसके चलते करीब 82 लाख के राजस्व का नुकसान सरकार को हुआ.
- अप्रैल 2012 से मई 2018 के दौरान 84 पेंशनरों को करीब 81 लाख की अधिक पेंशन का भुगतान किए जाने का खुलासा भी कैग ने किया है.
- कुरुक्षेत्र में खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता विभाग के नियंत्रक द्वारा एक मिलर को तय सीमा से ज्यादा धान का आवंटन किया गया जिसके चलते करीब 3 करोड रुपए का नुकसान हुआ.
- 6 स्थानों पर वन भूमि पर अतिक्रमण किया गया, करीब 170 एकड़ से ज्यादा अवैध भूमि का कब्जा वापस नहीं लिया गया. इसमें वन विभाग के कानून और नियमों के तहत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी से करीब पौने 3 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. इसके अलावा करीब 2 करोड़ 90 लाख रुपए चौकीदारों के वेतन में पारदर्शी तरीके से खर्च से नहीं हुआ.
- हरियाणा में लगातार अनाधिकृत कॉलोनियों का विस्तार हुआ, लाइसेंस देने और लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई शुरू करने में देरी की गई. एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज नहीं वसूला गया ना ही संशोधित लाइसेंस फीस वसूली की गई जिसके चलते करीब 15216 करोड़ रुपए की राशि तमाम कॉलोनाइजर से नहीं वसूली गई. ये राशि 1 से लेकर 16 साल तक से लंबित है.
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क्या है कैग(CAG) और कैसे काम करता है ?
Comptroller and Auditor General (CAG) यानि नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक सरकार द्वारा किए गए खर्च और उसकी आय का ऑडिट करता है. सरकार की स्कीमों पर रिपोर्ट तैयार करता है और अगर कहीं कोई अनियमितता बरती गई है तो उस पर अपनी रिपोर्ट देता है जिसे संसद या विधानसभा में रखा जाता है.
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सीएजी(CAG) की शक्ति
सीएजी का काम असानी से हो सके, इसके लिए उसे ढेरों शक्ति प्रदान की गई है. इनमें उनके लेखापरीक्षा के अधीन किसी कार्यालय या संगठन के निरीक्षण करने की शक्ति, सभी लेन-देनों की जांच और कार्यकारी से प्रश्न करने की शक्ति, किसी भी लेखापरीक्षित सत्त्व से कोई भी रिकॉर्ड, पेपर, दस्तावेज मांगने की शक्ति, लेखापरीक्षा की सीमा और स्वरूप पर निर्णय लेने की शक्ति, आदि शामिल हैं.