नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के चलते उत्पन्न हुई पानी की किल्लत को देखते हुए दिल्ली बीजेपी के डेलिगेशन ने रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से हरियाणा भवन में मुलाकात (BJP DELEGATION MET HARYANA CM) की. मुलाकात में दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से अनुरोध कर दिल्ली को अतिरिक्त पानी मुहैया कराने को कहा है, जिससे कि दिल्लीवासियों को हो रही पीने के पानी की किल्लत का समाधान निकाला जा (WATER SCARCITY IN DELHI) सके. बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री की तरफ से भी दिल्ली को हर रोज 100 क्यूसेक पानी अतिरिक्त देने का आश्वासन दिया गया है.
देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों जहां एक तरफ सियासी माहौल पूरी तरह से गरमाया हुआ है. वहीं दूसरी तरफ भीषण गर्मी और पीने के पानी की किल्लत के चलते दिल्ली वासियों की परेशानी कई गुना तक बढ़ गई है.पीने के पानी को लेकर आप और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी अपने चरम पर पहुंच गई है. वहीं इन सबके बीच आज दिल्ली बीजेपी के डेलिगेशन ने प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर दिल्ली में पानी की समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन सौंपा और उन्हें अनुरोध किया कि जिस तरह से हरियाणा सरकार हर बार दिल्ली में होने वाली पानी की समस्याओं को दूर करती है. इस बार भी दूर करे. दिल्ली बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रदेश उपाध्यक्ष राजन तिवारी शामिल थे.
हरियाणा सीएम से मुलाकात कर मीडिया को संबोधित करते हुए आदेश गुप्ता ने कहा कि इंसानियत का परिचय देते हुए हरियाणा के सीएम ने हमारे अनुरोध पर पानी देने के लिए हामी भरी है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जमीनी स्तर पर काम नहीं करते हैं क्योंकि पहले तो जलबोर्ड का सत्यानाश कर दिया और अब भी अगर पानी की 30 फीसदी लीकेज को बचा लेते तो आज दिल्ली को पानी किसी दूसरे राज्य से मांगने की जरूरत नहीं पड़ती.
आदेश गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली पर जब भी कोई संकट आता है तो उस संकट का ब्लेम आप केंद्र या फिर एमसीडी पर लगाकर अपना पल्ला झाड़ लेती है. दिल्ली में हो रही पानी की किल्लत के जिम्मेदार अरविंद केजरीवाल खुद हैं. उनके पास जनता को जवाब देने के लिए कुछ बचा नहीं तो वे अब इसका ठीकरा हरियाणा सरकार पर फोड़ रहे हैं. पहले जब पंजाब में आप की सरकार नहीं थी तो यमुना प्रदूषण से लेकर पानी की समस्या में हरियाणा और पंजाब दोनों राज्य दोषी हुआ करते थे, लेकिन आज सिर्फ हरियाणा को दोष दे रहे हैं क्योंकि पंजाब में उनकी सरकार बनते ही पंजाब दोषमुक्त हो गया.
दिल्ली बीजेपी के डेलिगेशन ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर को जो ज्ञापन सौंपा है, उसमें हैदरपुर और बवाना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को मिलाकर साल 2015 में 84000 एमजीडी, 2016 में 88000 एमजीडी, 2017 में 88500 एमजीडी, 2018 में 88000 एमजीडी, 2019 में 89500 एमजीडी, 2020 में 92000 एमजीडी, 2021 में 92500 एमजीडी और 2022 में अब तक 85500 एमजीडी पानी देने के लिए हरियाणा सरकार को धन्यवाद दिया गया है.