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मनोहर लाल खट्टर: हरियाणा में बीजेपी के सीएम उम्मीदवार, दिग्गजों को छोड़ चुके हैं काफी पीछे

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 5 साल हरियाणा की बागडोर संभालने के बाद फिर जनता से आशीर्वाद लेकर अगले 5 साल के लिए मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं बीजेपी आलाकमान की तरफ से भी मनोहर लाल को सीएम चेहरा बनाकर मैदान में उतारने की तैयारी शुरू हो गई है.

manohar lal khattar
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Published : Aug 21, 2019, 11:55 PM IST

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल अभी जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं. इस यात्रा के दौरान बीजेपी हाईकमान ने केंद्रीय मंत्रियों की भी ड्यूटी लगाई है. बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा फिर मनोहर लाल को लेकर राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि मनोहर लाल को ही सीएम बनाना भारतीय जनता पार्टी का सटीक फैसला बन सकता है.

देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट.

वहीं 5 साल पहले जिस मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा में कोई बड़े राजनीतिक चेहरे के रूप में नहीं जानता था. आज स्थिति ये है कि मनोहर लाल खट्टर एक मंझे हुए राजनेता की तरह 5 साल की एक पारी पूरी करके अगले 5 साल के लिए हरियाणा में बहुमत मांगने निकल पड़े हैं. आईए नजर डालते हैं उनके इस सफर पर-

हरियाणा में 2014 विधानसभा चुनाव में सीएम मनोहर लाल करनाल से महज एक उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे. आज वही मनोहर लाल खट्टर हरियाणा बीजेपी की धुरी बन गए हैं जिनकी ईमानदार छवि का फायदा बीजेपी फिर 2019 के विधानसभा चुनाव में उठाना चाहती है.

हरियाणा में चली 5 साल की बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आने, ग्रुप डी की सरकारी नौकरियां पारदर्शी तरीके से देने, ऐसे कई कारण हैं जो फिर मनोहर लाल को मुख्यमंत्री की रेस में आगे रखते हैं. वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव से पहले नगर निगम चुनाव में क्लीन स्वीप करने और लोकसभा चुनाव में भी क्लीन स्वीप करके मनोहर लाल ने दिखा दिया है कि उनके कामों के साथ जनता खड़ी है. फिलहाल हरियाणा बीजेपी में मनोहर लाल का कोई सानी नजर नहीं आता.

मनोहर लाल के खास स्ट्रोक
हरियाणा के राजनीतिक विशेषज्ञ भी मानते हैं कि लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में 10 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद मनोहर लाल का कोई विकल्प नहीं है. राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर गुरमीत सिंह मानते है कि पहले जिस तरह की अटकलें मुख्यमंत्री को बदलने को लेकर रहती थी उसके दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने अपनी इमेज को सुधारते हुए बीजेपी को मजबूत किया है.

भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में गैर-जाट को आगे रखने का मैसेज देना चाहती है. मनोहर लाल गैर-जाट समाज आते हैं जबकि हरियाणा में गैर-जाट को लगता है कि उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिलता. ये सभी बातें मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पक्ष में जाती हैं इसलिए मनोहर लाल को आगे करके बीजेपी चुनाव लड़ना चाहती है. लोकसभा, निगम और जींद उपचुनाव मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व का एक उदाहरण माना जा सकता है.

दिग्गज नेताओं को छोड़ा पीछे
2014 में बीजेपी ने बहुमत हासिल करने के बाद मनोहर लाल को मुख्यमंत्री बनाने का जब फैसला किया तो सभी को चौंकाने का काम किया था क्योंकि बीजेपी में रामबिलास शर्मा, अनिल विज जैसे दिग्गज नेता मौजूद थे जो कई बार विधायक बन चुके थे. विपक्ष की तरफ से मनोहर लाल को अनुभवहीन कहा जाता था. वहीं मनोहर लाल ने अपनी छवि को लगातार सुधारते हुए खुद को मजबूत किया.

राजनीतिक विशेषज्ञ गुरमीत सिंह ने कहा कि फिलहाल कोई ऐसा नजर नहीं आता जो मनोहर लाल को बीजेपी में ही टक्कर दे सके और बीजेपी आलाकमान की तरफ से चुने हुए नेता की खिलाफत करने की हिम्मत मौजूदा समय में कोई नहीं दिखा सकता.

खिलाफत करने वाले अब नतमस्तक
करीब 2 साल पहले बीजेपी के कई विधायक एकजुट होकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की खिलाफत करते नजर आए थे. मगर आज जिस तरह से दूसरी पार्टियों से विधायक लगातार भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर बीजेपी को मजबूत करने में जुटे हैं ऐसे में बीजेपी के पास अब नेताओं की कमी नहीं है. खिलाफत करने वाले अब खुद अपनी टिकट के लिए ही जोर लगाते नजर आ सकते हैं.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में मिलकर काम किया है. दूसरी तरफ मनोहर लाल ने जो कुशलता मुख्यमंत्री बनने के बाद दिखाई है, उसके बाद मनोहर लाल की खिलाफत करने वालों के पर कतरे जा सकते हैं. ऐसे में खिलाफत करने वाले फिलहाल नतमस्तक है.

मनोहर लाल के कार्यकाल में हुए कई विवाद
हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने के बाद जाट आरक्षण आंदोलन, पंचकूला हिंसा मामला, संत रामपाल विवाद में हरियाणा बीजेपी की किरकिरी भी हुई मगर इन तमाम विवादों के बाद भी हरियाणा में नगर निगम चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप करके मनोहर लाल ने दिखा दिया है कि उनके खिलाफ कोई बड़ी खिलाफत नहीं है.

भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा में मिल रही अविश्वसनीय जीत का श्रेय भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जा रहा है. ये कई कारण हैं जिसके चलते मनोहर लाल को 2019 के विधानसभा चुनाव में सीएम चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने की बीजेपी की तैयारी आगे पहुंच चुकी है.

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल अभी जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं. इस यात्रा के दौरान बीजेपी हाईकमान ने केंद्रीय मंत्रियों की भी ड्यूटी लगाई है. बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा फिर मनोहर लाल को लेकर राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि मनोहर लाल को ही सीएम बनाना भारतीय जनता पार्टी का सटीक फैसला बन सकता है.

देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट.

वहीं 5 साल पहले जिस मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा में कोई बड़े राजनीतिक चेहरे के रूप में नहीं जानता था. आज स्थिति ये है कि मनोहर लाल खट्टर एक मंझे हुए राजनेता की तरह 5 साल की एक पारी पूरी करके अगले 5 साल के लिए हरियाणा में बहुमत मांगने निकल पड़े हैं. आईए नजर डालते हैं उनके इस सफर पर-

हरियाणा में 2014 विधानसभा चुनाव में सीएम मनोहर लाल करनाल से महज एक उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे. आज वही मनोहर लाल खट्टर हरियाणा बीजेपी की धुरी बन गए हैं जिनकी ईमानदार छवि का फायदा बीजेपी फिर 2019 के विधानसभा चुनाव में उठाना चाहती है.

हरियाणा में चली 5 साल की बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आने, ग्रुप डी की सरकारी नौकरियां पारदर्शी तरीके से देने, ऐसे कई कारण हैं जो फिर मनोहर लाल को मुख्यमंत्री की रेस में आगे रखते हैं. वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव से पहले नगर निगम चुनाव में क्लीन स्वीप करने और लोकसभा चुनाव में भी क्लीन स्वीप करके मनोहर लाल ने दिखा दिया है कि उनके कामों के साथ जनता खड़ी है. फिलहाल हरियाणा बीजेपी में मनोहर लाल का कोई सानी नजर नहीं आता.

मनोहर लाल के खास स्ट्रोक
हरियाणा के राजनीतिक विशेषज्ञ भी मानते हैं कि लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में 10 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद मनोहर लाल का कोई विकल्प नहीं है. राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर गुरमीत सिंह मानते है कि पहले जिस तरह की अटकलें मुख्यमंत्री को बदलने को लेकर रहती थी उसके दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने अपनी इमेज को सुधारते हुए बीजेपी को मजबूत किया है.

भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में गैर-जाट को आगे रखने का मैसेज देना चाहती है. मनोहर लाल गैर-जाट समाज आते हैं जबकि हरियाणा में गैर-जाट को लगता है कि उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिलता. ये सभी बातें मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पक्ष में जाती हैं इसलिए मनोहर लाल को आगे करके बीजेपी चुनाव लड़ना चाहती है. लोकसभा, निगम और जींद उपचुनाव मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व का एक उदाहरण माना जा सकता है.

दिग्गज नेताओं को छोड़ा पीछे
2014 में बीजेपी ने बहुमत हासिल करने के बाद मनोहर लाल को मुख्यमंत्री बनाने का जब फैसला किया तो सभी को चौंकाने का काम किया था क्योंकि बीजेपी में रामबिलास शर्मा, अनिल विज जैसे दिग्गज नेता मौजूद थे जो कई बार विधायक बन चुके थे. विपक्ष की तरफ से मनोहर लाल को अनुभवहीन कहा जाता था. वहीं मनोहर लाल ने अपनी छवि को लगातार सुधारते हुए खुद को मजबूत किया.

राजनीतिक विशेषज्ञ गुरमीत सिंह ने कहा कि फिलहाल कोई ऐसा नजर नहीं आता जो मनोहर लाल को बीजेपी में ही टक्कर दे सके और बीजेपी आलाकमान की तरफ से चुने हुए नेता की खिलाफत करने की हिम्मत मौजूदा समय में कोई नहीं दिखा सकता.

खिलाफत करने वाले अब नतमस्तक
करीब 2 साल पहले बीजेपी के कई विधायक एकजुट होकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की खिलाफत करते नजर आए थे. मगर आज जिस तरह से दूसरी पार्टियों से विधायक लगातार भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर बीजेपी को मजबूत करने में जुटे हैं ऐसे में बीजेपी के पास अब नेताओं की कमी नहीं है. खिलाफत करने वाले अब खुद अपनी टिकट के लिए ही जोर लगाते नजर आ सकते हैं.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में मिलकर काम किया है. दूसरी तरफ मनोहर लाल ने जो कुशलता मुख्यमंत्री बनने के बाद दिखाई है, उसके बाद मनोहर लाल की खिलाफत करने वालों के पर कतरे जा सकते हैं. ऐसे में खिलाफत करने वाले फिलहाल नतमस्तक है.

मनोहर लाल के कार्यकाल में हुए कई विवाद
हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने के बाद जाट आरक्षण आंदोलन, पंचकूला हिंसा मामला, संत रामपाल विवाद में हरियाणा बीजेपी की किरकिरी भी हुई मगर इन तमाम विवादों के बाद भी हरियाणा में नगर निगम चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप करके मनोहर लाल ने दिखा दिया है कि उनके खिलाफ कोई बड़ी खिलाफत नहीं है.

भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा में मिल रही अविश्वसनीय जीत का श्रेय भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जा रहा है. ये कई कारण हैं जिसके चलते मनोहर लाल को 2019 के विधानसभा चुनाव में सीएम चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने की बीजेपी की तैयारी आगे पहुंच चुकी है.

Intro:एंकर -
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 5 साल हरियाणा के बागडोर संभालने के बाद फिर जनता से आशीर्वाद लेकर अगले 5 साल के लिए मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहे हैं । बीजेपी आलाकमान की तरफ से मनोहर लाल को चेहरा बनाकर मैदान में उतारने की तैयारी शुरू हो गई है 15 दिन के जन आशीर्वाद यात्रा में मनोहर लाल के इस यात्रा के दौरान बीजेपी हाईकमान ने केंद्रीय मंत्रियों की भी ड्यूटी लगाई है । बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा फिर मनोहर लाल ही होंगे ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि मनोहर लाल को ही सीएम बनाना भारतीय जनता पार्टी का सटीक फैसला बन सकता है । वही 5 साल पहले जिस मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा में कोई बड़ा राजनीतिक चेहरा नहीं जाना जाता था , आज हालात यह हैं कि मनोहर लाल खट्टर एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ की तरह 5 साल की एक पारी पूरी करके अगले 5 साल के लिए हरियाणा में बहुमत मांगने निकल पड़े हैं । ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को मनोहर लाल को फिर मुख्यमंत्री के तौर पर कारना कितना फायदेमंद नुकसानदायक हो सकता है ।


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हरियाणा में 2014 विधानसभा चुनाव में करनाल से महज एक उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरी मनोहर लाल खट्टर ने 5 साल में हरियाणा में मुख्यमंत्री की बागडोर संभाल कर खुद को मंजे हुए राजनीतिज्ञों की गिनती में खड़ा करने का काम किया है । आज मनोहर लाल खट्टर हरियाणा बीजेपी की धुरी बन गए हैं जिनके ईमानदार छवि का फायदा बीजेपी फिर 2019 के विधानसभा चुनाव में उठाना चाहती है । हरियाणा में चली 5 साल के बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आने , ग्रुप डी की सरकारी नौकरियां पारदर्शी तरीके से देने , सबका साथ सबका विकास समेत कई ऐसे कारण है जो फिर मनोहर लाल को फिर से मुख्यमंत्री की रेस में आगे रखते है । वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव से पहले नगर निगम चुनाव में क्लीन स्वीप करने और लोकसभा चुनाव में भी क्लीन स्वीप करके मनोहर लाल ने दिखा दिया है कि उनके कामों के साथ जनता खड़ी है । फिलहाल हरियाणा बीजेपी में मनोहर लाल का कोई सानी नजर नहीं आता ।
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मनोहर लाल के खास स्ट्रोक -
हरियाणा के राजनीतिक विशेषज्ञ भी मानते है कि लोक सभा चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में 10 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद मनोहर लाल का कोई विकल्प नही है । राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर गुरमीत सिंह मानते है कि पहले जिस तरह की अटकलें मुख्यमंत्री को बदलने को लेकर रहती थी उसके दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने अपनी इमेज को सुधारते हुए बीजेपी को मजबूत किया है । भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में नॉन चार्ट को आगे रखने का जो मैसेज देना चाहती है या राजनीतिक हिस्सेदारी का जो मैसेज देना चाहती है । मनोहर लाल नॉन जाट समाज आते है जबकि हरियाणा में नॉन जाट को लगता है कि उन्हें प्रतिनिधित्व नही मिलता । ये सभी बातें मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पक्ष में जाती है । इसलिए मनोहर लाल को आगे करके बीजेपी चुनाव लड़ना चाहती है । लोक सभा , निगम और जींद उपचुनाव मुख्यमंत्री का कुशल नेतृत्व का एक उदाहरण माना जा सकता है ।
बाइट - प्रोफेसर गुरमीत सिंह , मुख्यमंत्री हरियाणा
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दिग्गज नेताओ को छोड़ा पीछे -
2014 में बीजेपी बहुमत हासिल करने के बाद मनोहर लाल को मुख्यमंत्री बनाने का जब फैसला किया तो सभी को चौका ने का काम किया था क्योंकि बीजेपी में रामविलास शर्मा अनिल विज जैसे दिग्गज नेता मौजूद थे जो कई बार विधायक बन चुके थे । विपक्ष की तरफ से मनोहर लाल को अनुभवहीन कहा जाता था , मनोहर लाल ने अपनी छवि को लगातार सुधारते हुए खुद को मजबूत किया। राजनीतिक विशेषज्ञ गुरमीत सिंह ने कहा कि फिलहाल कोई ऐसा नजर नहीं आता जो मनोहर लाल को बीजेपी में ही टक्कर दे सके । बीजेपी हाईकमान इस समय मजबूत स्थिति में है बीजेपी आलाकमान की तरफ से चुने हुए नेता की खिलाफत करने की हिम्मत मौजूदा समय में कोई नहीं दिखा सकता ।
बाइट - प्रोफेसर गुरमीत सिंह , राजनीतिज्ञ विशेषज्ञ
वीओ -
खिलाफत करने वाले अब नतमस्तक -
करीब 2 साल पहले बीजेपी के कई विधायकों ने एकजुट होकर कई बैठकें कर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की खिलाफत करते नजर आए थे । मगर आप जिस तरह से दूसरी पार्टियों से विधायक लगातार भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर बीजेपी को मजबूत करने में जुटे हैं ऐसे में बीजेपी के पास अब नेताओं की कमी नहीं है । खिलाफत करने वाले अब खुद अपनी टिकट के लिए ही जोर लगाते नजर आ सकते हैं । किसी भी तरह से बारगेनिंग करने वाले विधायक की अपनी ही टिकट खतरे में पड़ सकती है । मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में मिलकर काम किया है , दूसरी तरफ से मनोहर लाल ने जो कुशलता मुख्यमंत्री बनने के बाद दिखाई है उसके बाद मनोहर लाल की खिलाफत करने वालो के पर कतरे जा सकते है ऐसे में खिलाफत करने वाले फिलहाल नतमस्तक है ।
with p 2 c
वीओ -
कुछ कमजोर पक्ष -


Conclusion:वीओ -
हरियाणा मे मुख्यमंत्री बनने के बाद जाट आरक्षण आंदोलन , पंचकूला हिंसा मामला , संत रामपाल विवाद में हरियाणा बीजेपी की किरकिरी भी हुई मगर इन तमाम विवादों के बाद भी हरियाणा में नगर निगम चुनाव और फिर लोक सभा चुनाव में क्लीन स्वीप करके मनोहर लाल ने दिखा दिया है कि उनके खिलाफ कोई बड़ी खिलाफत नही है । वहीं 1 दर्जन से ज्यादा बीजेपी के विधायकों की तरफ से किए गए गुटबाजी का प्रयास आने समय मे कारण बनना मुश्किलों भरा रहा सकता है , खिलाफत की वजह बताना भी नजर नही आता । ऐसे में ये विरोध भी हालातों के चलते दब गया है । दूसरी तरफ अलग-अलग पार्टियों से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे नेताओं की संख्या बीजेपी को हरियाणा में लगातार मजबूत करने का काम कर रही है । भारतीय जनता पार्टी को हरियाणा में मिल रही मारुति का श्रेय भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चाह रहा है यह कई कारण हैं जिसके चलते मनोहर लाल को 2019 के विधान सभा चुनाव में चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने की बीजेपी की तैयारी आगे पहुँच चुकी है ।
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