चंडीगढ़ः भारत की ओर से ओलंपिक (tokyo Olympic) में जलवा दिखाने के लिए तैयारी कर रहे अमित पंघाल (amit panghal) के लिए ये दोहरी खुशी का मौका है. एक तो वो ओलंपिक के लिए पहले ही क्वालीफाई कर चुके हैं और अब वो दुनिया के नंबर-1 बॉक्सर (world number one boxer) बन गए हैं. 52 किलोग्राम कैटेगरी में उन्होंने ये कीर्तिमान हासिल किया है. जिसका मतलब है कि हरियाणा का ये बॉक्सर जब टोक्यो में रिंग के अंदर उतरेगा तो रैंक नंबर वन लेकर उतरेगा. हालांकि 2021 की एशियन चैंपियनशिप में उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था लेकिन फिर भी उन्होंने दुनिया में नंबर वन रैंक हासिल की है. ओलंपिक भारतीय बॉक्सिंग दल में वो इकलौते बॉक्सर हैं जो किसी भी कैटेगरी में नंबर एक रैंकिंग पर काबिज हैं.
जय जवान, जय किसान का नारा किया सार्थक
जय जवान, जय किसान के नारे को दरअसल अमित पंघाल का परिवार सार्थक करता है. क्योंकि उनके पिता किसान है और बड़े भाई सेना में हैं. खुद अमित पंघाल भी भारतीय सेना में जेसीओ के पद पर तैनात हैं. मतलब ये कि अमित पंघाल का परिवार देशभक्ति के सही मायनों को चरितार्थ कर रहा है. जिसके लिए पूरे देश में उन्हें भरपूर प्यार भी मिल रहा है. अमित पंघाल से देश को मेडल की सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं. क्योंकि वो अब वर्ल्ड नंबर वन हैं.
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ऐसे बीता अमित पंघाल का बचपन
अमित पंघाल के पिता रोहतक के एक छोटे से गांव मायना में किसानी करते थे, और उनकी माता घर में ही रहकर बच्चों की देखभाल करती थीं. लिहाजा पिता के पास बहुत धन तो नहीं था, लेकिन बच्चों के लिए वो सबकुछ करने को तैयार थे. अमित पंघाल के पिता विजेंदर सिंह ने अपने बच्चों को अच्छी परवरिश दी और अपने पैशन को फॉलो करने दिया. इसी का नतीजा था कि उनके बेटे ने मात्र 22 साल की उम्र में ओलंपिक मेडलिस्ट को हराकर इतिहास रचा और अब दुनिया का नंबर वन बॉक्सर बन गया है.
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