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मंडियों में प्लॉट्स के लिए मांगें ई-निविदाएं, ऑनलाइन बिक्री करें शुरू- कृषि मंत्री - मंडियों में प्लॉट्स ऑनलाइन बिक्री हरियाणा

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मंडियों में प्लॉट्स की उपलब्धता आम जन तक पहुंचाएं और श्रेणी बनाकर विभाग की वेबसाइट पर मंडियों में प्लॉट्स के लिए निविदाएं मांगें. इसके साथ ही ऑनलाइन बिक्री के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया जाए.

agriculture minister jp dalal
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Published : Jul 23, 2020, 8:39 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मंडियों में प्लॉट्स की उपलब्धता आम जन तक पहुंचायी जाए और इनकी ऑनलाइन बिक्री के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया जाए. कृषि मंत्री दलाल गुरुवार को विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे.

कृषि मंत्री ने कहा कि शहरों की श्रेणियों के अनुसार मंडियों की ए, बी, सी व डी श्रेणी बनाकर इनमें उपलब्ध प्लॉट बिक्री के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए और महीने में कम से कम दो बार ई-निविदाएं मांगी जाए. ई-निविदाओं को तत्काल स्वीकृति प्रदान करने के लिए उच्च अधिकारियों की एक कमेटी भी गठित की जाए और प्लॉट्स के आरक्षित मूल्य कलेक्टर रेट से कम रखे जाएं.

बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल और हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मुख्य प्रशासक सुमेधा कटारिया भी उपस्थित थीं. कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने आदेश दिए कि बोर्ड के जितने भी विवादित मुद्दे, चाहे वह विभाग के उच्च अधिकारियों के पास हों या अदालतों में या किसी अन्य स्तर पर लम्बित हैं, सभी के समाधान के लिए एकमुश्त निपटान योजना भी तैयार की जाए. जनहित के लिए बोर्ड को एक सफल उपक्रम के रूप में सुलभ तरीके से चलाना मुख्य उद्देश्य होना चाहिए.

ये भी पढें- कोरोना काल में खुद को फिट रखने के लिए लोगों ने ढूंढा नया तरीका, देखिए ये रिपोर्ट

बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए दो अध्यादेश ‘कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020’ तथा ‘मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता अध्यादेश-2020’ पर भी चर्चा हुई. अध्यादेशों के अनुसार किसान अपनी उपज की बिक्री मर्जी के अनुसार न केवल अपने राज्य में बल्कि दूसरे राज्यों की मंडियों में भी कर सकता है. इस प्रकार वह अनुबंध खेती के तहत अपनी उपज पर किसी भी व्यक्ति या बैंक के साथ ई-अनुबंध कर सकता है.

कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों से फसलों की बुआई आरम्भ होने से पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिए जाते हैं. इससे किसान अपनी इच्छा के अनुसार फसल बोने का मन बना सकता है. इसी प्रकार, दोनों अध्यादेश आने से अगर किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी अधिक दाम मंडियों से बाहर मिलते हैं तो वह फसल बेच सकेगा, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तो सरकार खरीदेगी ही अन्यथा भावांतर भरपाई योजना में फसल के भाव के अन्तराल को पूरा किया जाएगा.

वहीं संजीव कौशल ने कृषि मंत्री को अवगत करवाया कि हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में एक लाख करोड़ रुपये कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए रखा गया है, जिसके तहत पूरे देश में वेयरहाउस, एग्रो बेस्ड इन्डस्ट्री व अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएंगे. इसमें हरियाणा के लिए 3900 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं.

ये भी पढ़ें- अनलॉक में भी सूने पड़े हैं चंडीगढ़ के धोबी घाट, संकट में लॉन्ड्री बिजनेस के लोग

चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मंडियों में प्लॉट्स की उपलब्धता आम जन तक पहुंचायी जाए और इनकी ऑनलाइन बिक्री के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया जाए. कृषि मंत्री दलाल गुरुवार को विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे.

कृषि मंत्री ने कहा कि शहरों की श्रेणियों के अनुसार मंडियों की ए, बी, सी व डी श्रेणी बनाकर इनमें उपलब्ध प्लॉट बिक्री के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए और महीने में कम से कम दो बार ई-निविदाएं मांगी जाए. ई-निविदाओं को तत्काल स्वीकृति प्रदान करने के लिए उच्च अधिकारियों की एक कमेटी भी गठित की जाए और प्लॉट्स के आरक्षित मूल्य कलेक्टर रेट से कम रखे जाएं.

बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल और हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मुख्य प्रशासक सुमेधा कटारिया भी उपस्थित थीं. कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने आदेश दिए कि बोर्ड के जितने भी विवादित मुद्दे, चाहे वह विभाग के उच्च अधिकारियों के पास हों या अदालतों में या किसी अन्य स्तर पर लम्बित हैं, सभी के समाधान के लिए एकमुश्त निपटान योजना भी तैयार की जाए. जनहित के लिए बोर्ड को एक सफल उपक्रम के रूप में सुलभ तरीके से चलाना मुख्य उद्देश्य होना चाहिए.

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बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए दो अध्यादेश ‘कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश 2020’ तथा ‘मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और सुरक्षा) समझौता अध्यादेश-2020’ पर भी चर्चा हुई. अध्यादेशों के अनुसार किसान अपनी उपज की बिक्री मर्जी के अनुसार न केवल अपने राज्य में बल्कि दूसरे राज्यों की मंडियों में भी कर सकता है. इस प्रकार वह अनुबंध खेती के तहत अपनी उपज पर किसी भी व्यक्ति या बैंक के साथ ई-अनुबंध कर सकता है.

कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों से फसलों की बुआई आरम्भ होने से पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिए जाते हैं. इससे किसान अपनी इच्छा के अनुसार फसल बोने का मन बना सकता है. इसी प्रकार, दोनों अध्यादेश आने से अगर किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी अधिक दाम मंडियों से बाहर मिलते हैं तो वह फसल बेच सकेगा, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तो सरकार खरीदेगी ही अन्यथा भावांतर भरपाई योजना में फसल के भाव के अन्तराल को पूरा किया जाएगा.

वहीं संजीव कौशल ने कृषि मंत्री को अवगत करवाया कि हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में एक लाख करोड़ रुपये कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए रखा गया है, जिसके तहत पूरे देश में वेयरहाउस, एग्रो बेस्ड इन्डस्ट्री व अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएंगे. इसमें हरियाणा के लिए 3900 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं.

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