चंडीगढ़: कृषि एवं किसान कल्याण और बागवानी मंत्री जेपी दलाल ने बागवानी विभाग की बैठक ली. जिसमें विभाग द्वारा वर्तमान में चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यों की समीक्षा की गई और बागवानी मंत्री ने आगामी वर्षों की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए.
'प्रदेश में दिया जाए बागवानी को बढ़ावा'
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में बागवानी को बढ़ावा दिया जाए और किसानों के उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और ब्रांडिंग करके सीधे बाजार में बेची जाए. जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी.
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
उन्होंने कहा कि हरियाणा के साथ लगता हुआ दिल्ली का बाजार बहुत बड़ा बाजार है, जिससे किसानों के उत्पाद बाजार भाव पर बिकेंगे तो किसानों की आमदनी जरुर बढ़ेगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां पर पानी की कमी है या रेतीली जमीन है, वहां पर उस मौसम के अनुसार उगने वाली कोई विशेष सब्जी या फलों या फूलों की खेती के बारे में रिसर्च की जाए.
2019 में 5.54 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य
बैठक में बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ. अर्जुन सैनी ने बताया कि साल 2014 में राज्य में बागवानी क्षेत्र 4.39 लाख हेक्टेयर था और साल 2019 में 5.54 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 5.26 लाख हेक्टेयर पूर्ण हो गया है, जो 7.98 प्रतिशत है.
2030 तक बागवानी क्षेत्र को 10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य
उन्होंने बताया कि साल 2030 तक बागवानी क्षेत्र को 10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि लगभग 1700 गांवों में बागवानी का कार्य हो रहा है. बैठक में बताया गया कि बागवानी विभाग के अंतर्गत प्रदेश भर में 10 उत्कृष्टता केंद्र चलाए जा रहे हैं. जिनमें मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना और सब्जियों व फलों की नई किस्में तैयार करना शामिल है. बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 6 स्थानों पर प्रशिक्षण संस्थान संचालित किए जा रहे हैं. जिनमें विभिन्न कोर्स चलाए जा रहे हैं और इन संस्थानों के माध्यम से किसानों को सब्जियों और फलों की नई किस्मों, बीजों, फसलों के रख-रखाव और नई तकनीकों की जानकारियां दी जा रही हैं.
'सबको मिशन मोड में कार्य करने की आवश्यकता'
इसके उपरांत हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण तथा पशुपालन मंत्री जय प्रकाश दलाल ने प्रदेश के किसानों को कृषि के साथ-साथ देश-विदेश में रोजगार प्राप्त करने के लिए योग्य बनाने, हरियाणा को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाने, पशुधन के लिए बेहतर चिकित्सा सेवाएं मुहैया करवाने और प्रदेश में ऊन के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए सबको मिलकर मिशन मोड में कार्य करने की आवश्यकता है.
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक
उन्होंने पशुपालन विभाग की बैठक ली और उन्होंने विभाग के कार्यों और भविष्य की कार्य योजना की चर्चा की' उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि के साथ-साथ अन्य विकल्पों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है. इसी कड़ी में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं बनाई जाएं. उन्होंने कहा कि हर पशु को टैग लगाकर एक अलग आईडी दी जाए ताकि उससे संबंधित हर प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो सके, जिसमें उनकी उत्पादकता और चिकित्सा तथा अन्य सभी प्रकार के भी रिकॉर्ड होंगे.
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