चंडीगढ़: इस तरह की लेबोरेटरीज का निर्माण देश के कई अन्य शहरों भी किया जाना है लेकिन सबसे पहली लेबोरेटरी चंडीगढ़ में बनाई गई है. इस लेबोरेटरी का उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किया. इस मौके पर चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर भी मौजूद रही.
किरण खेर ने बताया कि वे इस अत्याधुनिक एडवांस लेबोरेटरी के लिए चंडीगढ़ का चयन करने पर केंद्र सरकार का धन्यवाद करती हैं. उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों की जांच में तेजी आएगी. यह एक अत्याधुनिक लेबोरेटरी है जिसमें कई तरह के अपराधों की जांच गहनता से हो पाएगी.
साथ ही जिन अपराधों की जांच के लिए पहले 5 से 6 महीने का वक्त लग जाता था इस लेबोरेटरी में अब उनकी जांच एक से ढेड़ महीने में हो पाएगी. उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करती हैं कि इस लेबोरेटरी की जरूरत ही ना पड़े क्योंकि वह चाहती हैं देश में महिलाओं के प्रति अपराध खत्म हो जाए. बता दें कि लेबोरेटरी के निर्माण के लिए निर्भया फंड के तहत 99 करोड़ 76 लाख रुपए जारी किए गए थे.
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क्या है निर्भया फंड?
देश की सामूहिक चेतना को हिला कर रख देने वाले निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक कोष की जरूरत महसूस की गई. जिस पर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2013 के बजट में निर्भया फंड की घोषणा की. तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुरुआती तौर पर 1000 करोड़ का आवंटन भी किया. 2014-15 और 2016-17 में एक-एक हजार करोड़ और आवंटित किए गए थे.