सिरसा: साल 2014 में आदित्य चौटाला की ताजपेशी कर सत्तारूढ़ भाजपा ने सिरसा में अपनी जड़ें मजबूत करनी शुरू कर दी थी. जिला पार्षद और वरिष्ठ भाजपा नेता आदित्य चौटाला को विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हॉट सीट डबवाली से चुनावी मैदान में उतार दिया है.
डबवाली में देवीलाल परिवार के बीच होगा मुकाबाला? नैना चौटाला की सीट से बीजेपी ने आदित्य चौटाला को दिया टिकट - हरियाणा चुनाव ख़बर
भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में डबवाली विधानसभा क्षेत्र से आदित्य देवीलाल चौटाला को टिकट दी है. आदित्य चौटाला पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौ.देवीलाल के पोते हैं. वहीं चर्चा है कि जेजेपी डबवाली से नैना चौटाला को टिकट दे सकती है. ऐसे में डबवाली में देवर-भाभी के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है.
सिरसा: साल 2014 में आदित्य चौटाला की ताजपेशी कर सत्तारूढ़ भाजपा ने सिरसा में अपनी जड़ें मजबूत करनी शुरू कर दी थी. जिला पार्षद और वरिष्ठ भाजपा नेता आदित्य चौटाला को विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हॉट सीट डबवाली से चुनावी मैदान में उतार दिया है.
बीजेपी ने आदित्य देवीलाल चौटाला को डबवाली से दी टिकट, भाभी-देवर में फिर हो सकती है राजनीतिक जंग
भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में डबवाली विधानसभा क्षेत्र से आदित्य देवीलाल चौटाला को टिकट दी है. आदित्य चौटाला पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौ.देवीलाल के पोते हैं. वहीं चर्चा है कि जेजेपी डबवाली से नैना चौटाला को टिकट दे सकती है. ऐसे में डबवाली में देवर-भाभी के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है.
सिरसा: साल 2014 में आदित्य चौटाला की ताजपेशी कर सत्तारूढ़ भाजपा ने सिरसा में अपनी जड़ें मजबूत करनी शुरू कर दी थी. जिला पार्षद और वरिष्ठ भाजपा नेता आदित्य चौटाला को विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हॉट सीट डबवाली से चुनावी मैदान में उतार दिया है.
कौन है आदित्य देवीलाल चौटाला?
आदित्य चौटाला देवीलाल के सबसे छोटे बेटे स्व. जगदीश के बेटे हैं. देवीलाल के 4 बेटों में ओमप्रकाश चौटाला 4 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं, जबकि प्रताप चौटाला भी 1967 में एक बार ऐलनाबाद से विधायक रहे. तीसरे बेटे रणजीत सिंह विधायक भी रहे और 1987 में वे देवीलाल सरकार में मंत्री भी बने. इसके बावजूद देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश सिंह को सियासत कभी रास नहीं आई. जगदीश ने हमेशा स्वयं को सियासत से दूर ही रखा.
इनेलो के लिए किया खूब काम
बेशक जगदीश सियासत से दूर रहे पर उनके बेटे आदित्य नहीं. आदित्य 1996 में सियासत में सक्रिय हुए जब उन्हें रोहतक संसदीय चुनाव के वक्त देवीलाल ने साल्हावास हलके का प्रभारी बनाया. इसके बाद वे भिवानी लोकसभा चुनाव में अजय सिंह चौटाला के चुनाव लड़ने के समय तोशाम के इंचार्ज रहे. जनवरी 2010 में ऐलनाबाद उपचुनाव में अभय सिंह के लिए प्रचार किया.
बीजेपी में शामिल हो अपनी ही भाभी को हराया
2014 में आदित्य देवीलाल चौटाला बीजेपी में शामिल हो गए थे. जनवरी 2016 में हुए पंचायत चुनाव में आदित्य चौटाला सिरसा जिला परिषद के जोन चार से जिला पार्षद बने थे. उन्होंने अपनी भाभी और विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला को हराया था. तब से आदित्य भाजपा की निगाहों में चढ़े हुए हैं. आदित्य देवीलाल चौटाला को खट्टर सरकार ने सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक का चेयरमैन भी नियुक्त किया था.
चौधरी देवीलाल का कुनबा चार राहों पर
देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौ. देवीलाल के चार बेटे थे- ओपी चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत चौटाला और जगदीश चौटाला. ओमप्रकाश चौटाला को देवीलाल ने अपना उत्तराधिकारी बनाते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी थी. प्रताप चौटाला भी राजनीति में सक्रिय रहे और हरियाणा में ऐलनाबाद सीट से विधायक भी चुने गए थे. वहीं रणजीत चौटाला ने ओपी चौटाला के सीएम बनने के बाद नाराजगी दिखाते हुए कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी. रणजीत चौटाला भी विधायक रहे हैं. वहीं देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला राजनीति से दूर रहे. देवीलाल के दो बेटों पूर्व विधायक प्रताप सिंह चौटाला और जगदीश का निधन हो चुका है.
2019 में देखने को मिलेगी देवर-भाभी की टक्कर !
आदित्य चौटाला को बीजेपी ने डबवाली से मैदान में उतार दिया है. वहीं चर्चा है कि जेजेपी डबवाली से नैना चौटाला को टिकट दे सकती है. नैना चौटाला रिश्ते में आदित्य चौटाला की भाभी लगती हैं. ऐसे में डबवाली में देवर-भाभी के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है.
Conclusion: