चंडीगढ़: हरियाणा में लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के बीच हरियाणा सरकार की तरफ से प्रदेश भर में खरीद सेंटर बनाकर किसानों की फसलों की खरीद की जा रही है. प्रदेश में हो रही सरसों की खरीद और सोमवार से शुरू होने वाली गेहूं की खरीद को लेकर किए गए इंतजाम समेत कई मुद्दों को लेकर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की.
'बैंक अकाउंट को लेकर मांग मानी'
आढ़तियों की कई मुद्दों को लेकर व्यक्त की जा रही नाराजगी पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके ने कहा कि बैंक अकाउंट को लेकर जो मांग आढ़तियों की तरफ से की जा रही थी उसे मान लिया गया है.
दूसरी तरफ 'मेरा फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक करने के सवाल पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि रजिस्ट्रेशन करवाने पर ही किसानों की फसलों की खरीद हो पाना लॉकडाउन के दौरान संभव हो पा रहा है.
'कोरोना से बचाव के लिए मंडियों की गई व्यवस्था'
कोरोना के संक्रमण से किसानों को बचाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. पहले के मुकाबले दो से तीन गुना ज्यादा मंडी कर दी गई हैं. ताकि किसान अपने घर के पास ही फसल बेच सकें.
बड़ी मंडियों की तरह भीड़ का हुजूम ना हो इसको देखते हुए लोगों को निश्चित लोगों को बुलाया जाता है. इस तरह फसल बेचने में देरी नहीं होती और संक्रमण का खतरा भी नहीं रहता.
फसल बेचने आने वाले किसानों को सैनिटाइज किया जाता है. उनके ट्रॉली और गाड़ी को सैनिटाइज किया जाता है. उन्हें मास्क और ग्लव्स भी दिए जाते हैं. इसका भी ध्यान रखा जाता है कि किसान को इंतजार नहीं करना पड़े.
20 अप्रैल से शुरू होगी गेहूं की खरीद
20 अप्रैल से शुरू होने वाली गेहूं की खरीद को लेकर हरियाणा के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि सरसों की खरीद के लिए 160 से 170 जगह खरीद सेंटर बनाए गए हैं. वहीं गेहूं की अट्ठारह सौ से ज्यादा जगह खरीद की जाएगी.
उन्होंने कहा कि सरसों की खरीद ज्यादातर पश्चिमी और दक्षिण हरियाणा में होती है. जबकि बाकी जगह कम होती है. गेहूं की खरीद पश्चिम और दक्षिण में कुछ जगह बिल्कुल नहीं है जबकि कहीं थोड़ी है. पीके दास ने बताया कि जहां सरसों ज्यादा है. वहां गेहूं कम है कुछ जगह ऐसी है जहां सरसों और गेहूं दोनों कि को बेचने के लिए किसान आएंगे.
वहीं 7 से 8 दिन अगर हम सरसों की खरीद कर लेते हैं तो उन जगहों पर सरसों की तादाद कम हो जाएगी और गेहूं आना शुरू हो जाएगा. वहीं सेंट्रल हरियाणा और नॉर्दन हरियाणा में गेहूं की आवक होनी है. उदाहरण के तौर पर अंबाला में सरसों की दो जगह खरीद हो रही है जबकि गेहूं की खरीद 20 जगह होगी इसलिए दिक्कत नहीं आएगी.
आढ़तियों ने साथ कई दौर की बातचीत हुई
वहीं आढ़तियों की तरफ से कई मांगों को लेकर किए जा रहे विरोध पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने कहा कि आढ़तियों के साथ कई दौर में बातचीत हुई है. उन्होंने अपनी मांग रखी है जो अभी हाल ही में उनके साथ लेटेस्ट मांग आई थी उनको बताया गया है कि ई-खरीद प्लेटफार्म को अच्छे तरीके से चलाने के लिए जो भी बैंक जुड़े हैं उनके यहां अपने अकाउंट खुलवा लें.
बैंकों में 5000 के करीब आढ़तियों के अकाउंट है जबकि आढ़ती चाहते हैं कि अपने ही बैंक अकाउंट से खरीद हो. पीके दास ने बताया कि जब तक सभी आढ़ती बैंक से नहीं जुड़ जाते तब तक मॉनिटरिंग की जरूरत है. जब तक वो पूरी हो जाए अकाउंट से ऑपरेट कर लेंगे. अब हमने फैसला लिया है कि उनकी मांग के मुताबिक गेहूं की खरीद होगी.
'मेरी फसल मेरा ब्यौरा प्लेटफॉर्म किसानों की मदद करता है'
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होने को लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं की तरफ से उठाए जा रहे सवालों पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा ऐसा प्लेटफॉर्म है जो किसानों को मदद करता है.
अगर ये रजिस्ट्रेशन नहीं होती तो आज जिस तरह से सभी किसानों को एसएमएस के माध्यम से बुला रहे हैं, ऐसा करना संभव नहीं हो पाता. उन्होंने कहा कि सीधे कंप्यूटर से किसानों के जुड़ने से सिस्टम से कई तरह के लाभ किसानों को है.
वहीं अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि उन्होंने मेरी फसल मेरा ब्योरा में किसानों के लिए रजिस्ट्री खोल रखी है. मेरा फसल मेरा ब्योरा में रजिस्टर किसानों को पहले बुलाया जाता है. जिन्होंने रजिस्ट्री नहीं की है. उनके लिए रजिस्ट्री खुली है. जैसे-जैसे किसान रजिस्ट्री करते रहेंगे उनको भी बुलाने लगेंगे.
'दूसरे राज्यों के किसानों को हरियाणा में एंट्री नहीं'
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि लॉकडाउन होने के चलते दूसरे राज्यों के रोड बंद हैं. आमतौर पर पड़ोसी राज्यों के किसान आकर हरियाणा में फसलें बेचते हैं. जब तक लॉगडाउन खत्म नहीं होगा उनको हरियाणा में नहीं आने दिया जाएगा.
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों की जितनी भी गेहूं हैं सभी खरीदी जाएंगी. उन्होंने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं कि रोजाना पौने दो लाख से लेकर ढाई लाख टन तक खरीद करेंगे. ढाई लाख टन खरीद रोज होने से 40 दिनों में 75 से 80 लाख टन खरीद के लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.
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