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पानीपत में 75 साल के बुजुर्ग को 67 साल की पत्नी को देना होगा गुजारा भत्ता, HC ने भी फैसले को बरकरार रखा - पानीपत में बुजुर्ग गुजारा भत्ता विवाद

पानीपत जिले के 75 वर्षीय टेकराम ने हाईकोर्ट को बताया कि उसका उसकी 67 वर्षीय पत्नी महेंद्रो देवी के साथ वैवाहिक विवाद चल रहा है. पानीपत की फैमिली कोर्ट ने उसकी पत्नी की गुजारा भत्ते की एक मांग पर उससे 9 हजार रुपये प्रतिमाह भत्ता देने का आदेश दिया था.

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पानीपत में 75 साल के बुजुर्ग को 67 साल की पत्नी को देना होगा गुजारा भत्ता
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Published : Mar 23, 2021, 10:33 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में एक बुजुर्ग दंपति के बीच विवाद का मामला सामने आया है. विवाद के बाद अलग रह रहे 75 साल के बुजुर्ग को अपनी 67 साल की पत्‍नी को गुजारा भत्‍ता देना होगा. एक पारिवारिक विवाद में पानीपत की फैमिली कोर्ट ने बुजुर्ग को अपनी पत्‍नी को नौ हजार रुपये मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया गया था. इस आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा है.

दरअसल पानीपत जिले के 75 वर्षीय टेकराम ने हाईकोर्ट को बताया कि उसका उसकी 67 वर्षीय पत्नी महेंद्रो देवी के साथ वैवाहिक विवाद चल रहा है. पानीपत की फैमिली कोर्ट ने उसकी पत्नी की गुजारा भत्ते की एक मांग पर उससे 9 हजार रुपये प्रतिमाह भत्ता देने का आदेश दिया था.

पति ने कहा कि उसकी पत्नी उसके द्वारा उपलब्ध करवाए गए घर में रहती है, जबकि वह अपनी बहन के पास रहता है. हरियाणा सरकार हर महीने उसकी पत्नी को 2 हजार रुपये पेंशन भी देती है. जो हर साल ₹200 बढ़ती है तो ऐसे में वह अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता क्यों दे.

बुजुर्ग ने फैमिली कोर्ट के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए गुहार लगाई थी कि उसकी पत्‍नी को हरियाणा सरकार द्वारा दी गई दो हजार रुपये की बुढ़ापा पेंशन मिलती है. हर साल इसमें बढ़ोतरी भी होती है. अब एक अप्रैल से 2500 रुपये मासिक पेंशन मिलने लगेगी. इसलिए उसके द्वारा दिए जाने वाले नौ हजार रुपये मासिक भत्ते के आदेश को रद किया जाए.

ये भी पढ़ें- कथित संत रामपाल के बेटे वीरेंद्र को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से मिली जमानत

दूसरी तरफ पत्‍नी की तरफ से दलील दी गई कि वह बीमार रहती है. उसको कान से नहीं सुन पाने व घुटनों की बीमारी है, जिस कारण काफी सारा पैसा दवाइयों पर खर्च हो जाता है. उसके पास खेत की कोई जमीन नहीं है, क्योंकि पति ने खेती की जमीन अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम कर दी है.

सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस अवनीश झींगन ने कहा कि पति को मासिक 50 हजार रुपये पेंशन मिलती है, जबकि पत्नी की आय का कोई और साधन नहीं है. ऐसे में पति अपनी पत्‍नी को गुजारा भत्ता देने से कैसे इन्कार कर सकता है. हाई कोर्ट ने बुजुर्ग की याचिका खारिज करते हुए फैमिली कोर्ट के आदेश को जारी रखते हुए वृद्ध को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें- एक कैदी की पत्नी ने हाईकोर्ट में लगाई गुहार, मांगा वंश वृद्धि का अधिकार

चंडीगढ़: हरियाणा में एक बुजुर्ग दंपति के बीच विवाद का मामला सामने आया है. विवाद के बाद अलग रह रहे 75 साल के बुजुर्ग को अपनी 67 साल की पत्‍नी को गुजारा भत्‍ता देना होगा. एक पारिवारिक विवाद में पानीपत की फैमिली कोर्ट ने बुजुर्ग को अपनी पत्‍नी को नौ हजार रुपये मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया गया था. इस आदेश को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा है.

दरअसल पानीपत जिले के 75 वर्षीय टेकराम ने हाईकोर्ट को बताया कि उसका उसकी 67 वर्षीय पत्नी महेंद्रो देवी के साथ वैवाहिक विवाद चल रहा है. पानीपत की फैमिली कोर्ट ने उसकी पत्नी की गुजारा भत्ते की एक मांग पर उससे 9 हजार रुपये प्रतिमाह भत्ता देने का आदेश दिया था.

पति ने कहा कि उसकी पत्नी उसके द्वारा उपलब्ध करवाए गए घर में रहती है, जबकि वह अपनी बहन के पास रहता है. हरियाणा सरकार हर महीने उसकी पत्नी को 2 हजार रुपये पेंशन भी देती है. जो हर साल ₹200 बढ़ती है तो ऐसे में वह अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता क्यों दे.

बुजुर्ग ने फैमिली कोर्ट के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए गुहार लगाई थी कि उसकी पत्‍नी को हरियाणा सरकार द्वारा दी गई दो हजार रुपये की बुढ़ापा पेंशन मिलती है. हर साल इसमें बढ़ोतरी भी होती है. अब एक अप्रैल से 2500 रुपये मासिक पेंशन मिलने लगेगी. इसलिए उसके द्वारा दिए जाने वाले नौ हजार रुपये मासिक भत्ते के आदेश को रद किया जाए.

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दूसरी तरफ पत्‍नी की तरफ से दलील दी गई कि वह बीमार रहती है. उसको कान से नहीं सुन पाने व घुटनों की बीमारी है, जिस कारण काफी सारा पैसा दवाइयों पर खर्च हो जाता है. उसके पास खेत की कोई जमीन नहीं है, क्योंकि पति ने खेती की जमीन अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम कर दी है.

सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस अवनीश झींगन ने कहा कि पति को मासिक 50 हजार रुपये पेंशन मिलती है, जबकि पत्नी की आय का कोई और साधन नहीं है. ऐसे में पति अपनी पत्‍नी को गुजारा भत्ता देने से कैसे इन्कार कर सकता है. हाई कोर्ट ने बुजुर्ग की याचिका खारिज करते हुए फैमिली कोर्ट के आदेश को जारी रखते हुए वृद्ध को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है.

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