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भिवानी: कोरोना के खतरे को देखते हुए स्कूल और कॉलेज बंद करने की मांग

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Published : Nov 19, 2020, 7:48 AM IST

भिवानी में छात्र संघर्ष समिति और युवा कल्याण संगठन ने स्कूल और कॉलेज को बंद किए जाने की मांग को लेकर भिवानी के एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

student struggle committee demanded the closure of schools and colleges In Bhiwani
स्कूल और कॉलेज बंद करने की मांग को लेकर सीएम के नाम ज्ञापन

भिवानी: छात्र संघर्ष समिति और युवा कल्याण संगठन ने स्कूल और कॉलेज को बंद किए जाने की मांग को लेकर भिवानी के एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान छात्र संघर्ष समिति के सदस्य और युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि कोरोना महामारी एक बार फिर से फैल रही है. ऐसे में प्रदेश सरकार ने स्कूल और कॉलेज को खोलने का निर्णय लिया है, वो विद्यार्थियों और अध्यापकों के जीवन के साथ खिलवाड़ है.

कमल सिंह ने कहा कि स्कूल और कॉलेज में कोरोना से बचाव के लिए जरूरी सामान उपलब्ध नहीं है. ऐसे में विद्यार्थी और टीचरों का कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थय संगठन की गाइडलाइन के अनुसार नवंबर, दिसंबर और जनवरी में कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा होगा. इस दौरान प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल और कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है. जो विद्यार्थियों और टीचरों के जीव से खिलवाड़ है.

कोरोना के खतरे को देखते हुए स्कूल और कॉलेज बंद करने की मांग

कमल सिंह ने कहा कि वो प्रदेश सरकार से मांग करते है कि नवंबर, दिसंबर और जनवरी माह तक शिक्षण संस्थाओं को बंद रखा जाए. ताकि कोरोना को फिर से फैलने से रोका जा सके.

साथ ही विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं अधिकारियों की देख-रेख में संचालित कराई जाएं. ताकि विद्यार्थियों के जान और भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि कुछ छात्र-छात्राएं दाखिले से वंचित हैं. कॉलेजों में सीट बढ़ाकर उनको दाखिला दिया जाए.

ये भी पढ़ें: सैनिक स्कूल में पहली बार लड़कियां भी ले सकती हैं दाखिला, जानें कैसे करें आवेदन

भिवानी: छात्र संघर्ष समिति और युवा कल्याण संगठन ने स्कूल और कॉलेज को बंद किए जाने की मांग को लेकर भिवानी के एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान छात्र संघर्ष समिति के सदस्य और युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि कोरोना महामारी एक बार फिर से फैल रही है. ऐसे में प्रदेश सरकार ने स्कूल और कॉलेज को खोलने का निर्णय लिया है, वो विद्यार्थियों और अध्यापकों के जीवन के साथ खिलवाड़ है.

कमल सिंह ने कहा कि स्कूल और कॉलेज में कोरोना से बचाव के लिए जरूरी सामान उपलब्ध नहीं है. ऐसे में विद्यार्थी और टीचरों का कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थय संगठन की गाइडलाइन के अनुसार नवंबर, दिसंबर और जनवरी में कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा होगा. इस दौरान प्रदेश सरकार द्वारा स्कूल और कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है. जो विद्यार्थियों और टीचरों के जीव से खिलवाड़ है.

कोरोना के खतरे को देखते हुए स्कूल और कॉलेज बंद करने की मांग

कमल सिंह ने कहा कि वो प्रदेश सरकार से मांग करते है कि नवंबर, दिसंबर और जनवरी माह तक शिक्षण संस्थाओं को बंद रखा जाए. ताकि कोरोना को फिर से फैलने से रोका जा सके.

साथ ही विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं अधिकारियों की देख-रेख में संचालित कराई जाएं. ताकि विद्यार्थियों के जान और भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि कुछ छात्र-छात्राएं दाखिले से वंचित हैं. कॉलेजों में सीट बढ़ाकर उनको दाखिला दिया जाए.

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