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निजी स्कूलों को झटका,  8500 स्कूलों में अब नहीं चलेंगी नर्सरी, LKG और UKG की कक्षाएं

हरियाणा स्कूल एजुकेशन बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल में अवैध रूप से चल रहीं नर्सरी, LKG और UKG की कक्षाएं अब बंद होंगी. ये ऐलान मौलिक शिक्षा निदेशालय ने किया है.

nursery, lkg and ukg classes will not be conducted in private schools in haryana
हरियाणा के 8500 निजी स्कूलों में अब नहीं चलेंगी नर्सरी, LKG और UKG की कक्षाएं
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Published : Dec 4, 2019, 3:06 PM IST

Updated : Dec 4, 2019, 3:17 PM IST

भिवानी: जिला शिक्षा स्वास्थ्य सहयोग संगठन की शिकायत पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने बड़ा फैसला लिया है. निदेशालय ने सूबे के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के साथ महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के हर निजी स्कूल में नर्सरी, LKG और UKG की कक्षाएं बिना मान्यता के अवैध रूप से चल रही हैं, जिन्हें अगले सत्र से बंद करवाए जाए.

मौलिक शिक्षा निदेशालय का बड़ा ऐलान
बता दें कि इस सत्र में पूरे सूबे में 8500 निजी स्कूल चल रहे हैं. जिनमें नर्सरी, LKG और UKG की कक्षाएं लग रही हैं. जिसे मौलिक शिक्षा निदेशालय ने तुरंत प्रभाव से बंद कराने का आदेश दिया है. हरियाणा स्कूली शिक्षा नियमावली के अनुसार किसी भी मान्यता प्राप्त निजी स्कूल में केवल पहली से बारहवीं तक ही कक्षाओं का संचालन किया जा सकता है.

मौलिक शिक्षा निदेशालय का ऐलान

मौलिक शिक्षा निदेशालय में की गई थी शिकायत
आपको बता दें कि स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने विगत 10 जून को मौलिक शिक्षा निदेशालय में शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि इन कक्षाओं के लिए निदेशालय की बजाय महिला एवं बाल विकास विभाग से मान्यता लेनी होती है और मासूमों की सुरक्षा के लिहाज से स्कूल भी अलग से बनाने होते हैं.

अगले सत्र से नहीं लगेंगी नर्सरी, LKG और UKG की कक्षाएं!
उन्होंने बताया कि हमारे संगठन की शिकायत पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारियों व महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को अगले सत्र से ये कक्षाएं नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इसको लेकर रिपोर्ट निदेशालय भेजने को कहा है.

'अभिभावकों की जेब काट रहे निजी स्कूल'
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि प्रदेश के 8500 निजी स्कूलों में से किसी भी स्कूल में ये कक्षाएं लगाई गई तो वो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने बताया कि निजी स्कूल अवैध रूप से ये कक्षाएं लगा कर अभिभावकों की जेब काटते हैं.

ये भी पढ़ें: फेसबुक फ्रेंड से मिलने पाकिस्तान पहुंची रोहतक की सिख युवती, पाक रेंजरों ने भारत को सौंपा

भिवानी: जिला शिक्षा स्वास्थ्य सहयोग संगठन की शिकायत पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने बड़ा फैसला लिया है. निदेशालय ने सूबे के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के साथ महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के हर निजी स्कूल में नर्सरी, LKG और UKG की कक्षाएं बिना मान्यता के अवैध रूप से चल रही हैं, जिन्हें अगले सत्र से बंद करवाए जाए.

मौलिक शिक्षा निदेशालय का बड़ा ऐलान
बता दें कि इस सत्र में पूरे सूबे में 8500 निजी स्कूल चल रहे हैं. जिनमें नर्सरी, LKG और UKG की कक्षाएं लग रही हैं. जिसे मौलिक शिक्षा निदेशालय ने तुरंत प्रभाव से बंद कराने का आदेश दिया है. हरियाणा स्कूली शिक्षा नियमावली के अनुसार किसी भी मान्यता प्राप्त निजी स्कूल में केवल पहली से बारहवीं तक ही कक्षाओं का संचालन किया जा सकता है.

मौलिक शिक्षा निदेशालय का ऐलान

मौलिक शिक्षा निदेशालय में की गई थी शिकायत
आपको बता दें कि स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने विगत 10 जून को मौलिक शिक्षा निदेशालय में शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि इन कक्षाओं के लिए निदेशालय की बजाय महिला एवं बाल विकास विभाग से मान्यता लेनी होती है और मासूमों की सुरक्षा के लिहाज से स्कूल भी अलग से बनाने होते हैं.

अगले सत्र से नहीं लगेंगी नर्सरी, LKG और UKG की कक्षाएं!
उन्होंने बताया कि हमारे संगठन की शिकायत पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारियों व महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को अगले सत्र से ये कक्षाएं नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इसको लेकर रिपोर्ट निदेशालय भेजने को कहा है.

'अभिभावकों की जेब काट रहे निजी स्कूल'
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि प्रदेश के 8500 निजी स्कूलों में से किसी भी स्कूल में ये कक्षाएं लगाई गई तो वो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने बताया कि निजी स्कूल अवैध रूप से ये कक्षाएं लगा कर अभिभावकों की जेब काटते हैं.

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Intro:मौलिक शिक्षा निदेशालय का बङा फैसला
पूरे सूबे को लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने लिया बङा फैसला
सूबे के 8500 निजी स्कूलों में नहीं लगेंगी नर्सरी, एलकेजी व युकेजी की कक्षाएं
भिवानी के शिक्षा स्वास्थ्य व सहयोग संगठन की शिकायत पर लिया फैसला
हर निजी स्कूल में बिना मान्यता के लगती हैं नर्सरी, एलकेजी व युकेजी की कक्षाएं
हर निजी स्कूल को होती है पहली से 12वीं कक्षा लगाने की मान्यता- संगठन
निदेशालय ने सभी जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भेजा पत्र- संगठन
महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को भी निगरानी रखने के दिए निर्देश
भिवानी के शिक्षा स्वास्थ्य सहयोग संगठन की शिकायत पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने बङा फैसला लिया है। फैसला सुन कर आप हैरान रह जाएंगें। निदेशालय ने सूबे के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के साथ महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के हर निजी स्कूल में नर्सरी, एलकेजी व युकेजी की कक्षाएं बिना मान्यता के अवैध रूप से चल रही हैं जिन्हे अगले सत्र से बंद करवाए जाए।
बता दें कि इस सत्र में पूरे सूबे में 8500 निजी स्कूल चल रहे हैं जिनमें नर्सरी, एलकेजी व युकेजी की कक्षाएं लग रही हैं। इन सभी स्कूलों में इन कक्षाओं में लाखों मासूम बच्चे पढते हैं। पर क्या आपको पता है कि इन सभी 8500 निजी स्कूलों में ये कक्षाएं बिना मान्यता के चल रही हैं। ये हम नहीं बल्कि भिवानी के शिक्षा स्वास्थ्य व सहयोग संगठन की शिकायत पर खुद मौलिक शिक्षा निदेशालय ने इन कक्षाओं को अवैध करार दिया है। संगठन की शिकायत पर पता चला है कि हर निजी स्कूल को पहली से 12वीं की कक्षाएं लगाने की मान्यात है ना कि नर्सरी, एलकेजी या युकेजी कक्षाएं लगाने की।
Body: शिक्षा स्वास्थ्य व सहयोग संगठन के अध्यक्ष एडवोकेट बृजपाल परमार ने बताया कि आरटीआई से खुलासा हुआ कि 10वीं या 12वीं तक चलने वाले 8500 निजी में से किसी भी स्कूल के पास नर्सरी, एलकेजी व युकेजी कक्षाएं लगाने की मान्यता नहीं है। उन्होने बताया कि इन कक्षाओं के लिए निदेशालय की बजाय महिला एवं बाल विकास विभाग से मान्यता लेनी होती है और मासूमों की सुरक्षा के लिहाज से स्कूल भी अलग से बनाना होता है। उन्होने बताया कि हमारे संगठन की शिकायत पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारियों व महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को अगले सत्र से ये कक्षाएं ना लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इसको लेकर रिपोर्ट निदेशालय भेजने को कहा है। एडवोकेट बृजपाल परमार ने बताया कि प्रदेश के 8500 निजी स्कूलों में से किसी भी स्कूल में ये कक्षाएं लगाई गई तो वो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होने बताया कि निजी स्कूल अवैध रूप से ये कक्षाएं लगा कर अभिभावकों की जेब काटते हैं।
Conclusion: अब सवाल उठता है कि आखिर दशकों से निजी स्कूल बिना मान्यता के ये कक्षाएं कैसे लगा रहे थे और शिक्षा विभाग निंद में क्यों था। ऐसे में इससे भी बङा सवाल ये है कि क्या अब शिक्षा स्वास्थ्य सहयोग संगठन की शिकायत पर 8500 निजी स्कूल नए सत्र से ये कक्षाएं बंद करेंगें या मासूम बच्चों के बच्चपन से खिलवाङ और अभिभावकों की जेब यूं ही लूटती रहेगी।
बाइट- बृजपाल परमार ( संगठन अध्यक्ष)
Last Updated : Dec 4, 2019, 3:17 PM IST
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