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हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति ने किया अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन

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Published : Jan 20, 2021, 10:29 PM IST

भिवानी में हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने अपनी बहाली की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान धरने की अध्यक्षता पीटीआई अध्यापक अनिल तंवर ने की.

bhiwani PTI teachers Protest
भिवानी में पीटीआई टीचर प्रदर्शन

भिवानी: हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने अपनी बहाली की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान धरने की अध्यक्षता पीटीआई अध्यापक अनिल तंवर ने की. हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग सिंह जांगड़ा, महेंद्र श्योराण, विनोद पिंकू, हरिश गोच्छी, विरेंद्र सिंह घणघस सोमदत्त शर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि बीजेपी सरकार कर्मचारियों का लगातार शोषण करती आ रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार पढ़े लिखे बेरोजगार युवकों का भविष्य अंधकारमय बनाना चाहती है. सभी विभागों का निजीकरण कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है. हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के प्रधान ने कहा कि वर्ष 2010 में लगे 1983 पीटीआई अध्यापक अपनी सेवाएं दे रहे थे. लेकिन एक फरमान जारी कर उन्हें घर बैठा दिया गया.

ये भी पढ़ें: पलवल में एक और बेटी चढ़ी दहेज की बली, ससुराल पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज

उन्होंने कहा कि सरकार ने ये सब कर अपनी ओच्छी मानसिकता का परिचय दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद भी शारीरिक शिक्षकों को बहाल नहीं किया गया है.

भिवानी: हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने अपनी बहाली की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान धरने की अध्यक्षता पीटीआई अध्यापक अनिल तंवर ने की. हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग सिंह जांगड़ा, महेंद्र श्योराण, विनोद पिंकू, हरिश गोच्छी, विरेंद्र सिंह घणघस सोमदत्त शर्मा ने संयुक्त रूप से कहा कि बीजेपी सरकार कर्मचारियों का लगातार शोषण करती आ रही है.

उन्होंने कहा कि सरकार पढ़े लिखे बेरोजगार युवकों का भविष्य अंधकारमय बनाना चाहती है. सभी विभागों का निजीकरण कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है. हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के प्रधान ने कहा कि वर्ष 2010 में लगे 1983 पीटीआई अध्यापक अपनी सेवाएं दे रहे थे. लेकिन एक फरमान जारी कर उन्हें घर बैठा दिया गया.

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उन्होंने कहा कि सरकार ने ये सब कर अपनी ओच्छी मानसिकता का परिचय दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद भी शारीरिक शिक्षकों को बहाल नहीं किया गया है.

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