भिवानी : हरियाणा के भिवानी की महिला मुक्केबाज जैस्मिन लंबोरिया (Boxer Jasmine Lamboria) ने इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित कॉमनवेल्थ खेल 2022 (Commonwealth Games 2022) में देश के लिए ब्रांज मेडल जीतकर एक बार फिर से मिनी क्यूबा का नाम रोशन किया है. 60 किलोग्राम की लाइट वेट मुक्केबाज जैस्मिन ने न्यूजीलैंड की ट्रायगार्डन को 4-1 से हराकर ब्रांज मेडल अपने नाम किया है. हालांकि जैस्मिन सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड की खिलाड़ी गैमापैज रीचर्डसन से मामूली अंतर से हार गई. वहीं राष्ट्रमंडल खेल 2022 में कांस्य पदक जीतने पर (Jasmine Lamboria won bronze medal) जैस्मिन के परिजनों ने खुशी जताई है कि उनकी बेटी ने न केवल भिवानी बल्कि कॉमनवेल्थ में ब्रांज मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है.
चाचा से ली प्रेरणा: भिवानी शहर में 30 अगस्त 2001 को पैदा हुई जैस्मिन लंबोरिया अपने चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर आती हैं. उनके पिता जयवीर सिंह होमगार्ड के पद पर कार्यरत हैं और माता जोगेंद्र कौर गृहणी हैं. जैस्मिन का छोटा भाई जयंत भी अपनी बहन की देखादेखी में अब बॉक्सिंग करने लगा है. जैस्मिन ने 16 वर्ष की आयु में अपने चाचा संदीप और प्रविंद्र से प्रेरणा लेकर मुक्केबाजी शुरू की. जैस्मिन के दोनों चाचा राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं.
2019 में जैस्मिन लंबोरिया ने जीता था ब्रांज मेडल: 2019 में जैस्मिन लंबोरिया ने यूथ एशियन खेलों में ब्रांज मेडल हासिल किया था. इससे पहले जैस्मिन ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और खेलो इंडिया में भी प्रतिभागी रह चुकी हैं. सीनियर नेशनल खेलों में सिल्वर मेडल के अलावा वर्ष 2021 में हुए सीनियर एशियन खेलों में ब्रांज मेडल भी जैस्मिन ने अपने नाम किया है. बॉक्सम टूर्नामेंट में भी अपने भार वर्ग में जैस्मिन लंबोरिया सिल्वर मेडल की विजेता रह चुकी हैं.
गोल्ड मेडल की उम्मीद थी: इंग्लैंड के बर्मिंघम में (Birmingham Commonwealth Games) जैस्मिन के ब्रांज मेडल जीतने की खुशी जहां उनके परिवार वालों को है वहीं जैस्मिन की माता जोगेंद्र कौर और चाचा संदीप को इस बात की उम्मीद थी कि जैस्मिन देश के लिए गोल्ड मेडल लाएंगी. इसका कारण जैस्मिन की बेहतर मेहनत है. ऐसे में मामूली अंतर से हारने के कारण कॉमनवेल्थ प्रतियोगिता में वह ब्रांज मेडल से आगे नहीं बढ़ पाई. हालांकि जैस्मिन लंबोरिया के परिवार वालों का कहना है कि जैस्मिन इस प्रतियोगिता से लौटने के बाद एशियन खेलों व ओलंपिक खेलों के लिए अपनी तैयारियों में जुटेंगी, जहां वह देश के लिए जरूर गोल्ड मेडल लाएगी. जैस्मिन की माता का कहना है कि कड़ी मेहनत के बल पर जैस्मिन ने मुक्केबाजी में अपनी जगह बनाई और कॉमनवेल्थ में ब्रांज मेडल प्राप्त किया.
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